2024 में भी बॉलीवुड सितारे चमका सकता है! बॉक्स ऑफिस पर बीता साल 2023 बहुत शानदार रहा। इस दौरान हिंदी फिल्म इंडस्ट्री की बल्ले-बल्ले रही। खासकर साल 2022 में अपने सबसे बुरे दौर के बाद बीते साल बॉक्स ऑफिस पर बॉलीवुड ने जोरदार वापसी की। एक साल में चार फिल्मों ‘पठान’, ‘जवान’, ‘गदर 2’ और ‘एनिमल’ ने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 500 करोड़ क्लब में एंट्री करने का अनोखा रेकॉर्ड बनाया। वहीं, जवान 600 करोड़ क्लब में एंट्री करके हिंदी सिनेमा की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बन गई। यही नहीं, शाहरुख खान ने अपनी तीन फिल्मों ‘पठान’, ‘जवान’ और ‘डंकी’ के सहारे एक साल में दुनियाभर में ढाई हजार करोड़ रुपए से ज्यादा कमाई करके नया रेकॉर्ड बनाया है। पठान’ और ‘जवान’ के बंपर प्रदर्शन के बाद माना जा रहा था कि शाहरुख खान की फिल्म ‘डंकी’ भी दुनियाभर में 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा कमाई करेगी। लेकिन यह फिल्म दुनियाभर में 500 करोड़ रुपए की कमाई भी नहीं कर पाई। बावजूद इसके किंग खान अकेले ऐसे भारतीय एक्टर बन गए हैं, जिनकी दो फिल्मों ने एक साल में दुनियाभर में 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की। वहीं, सनी देओल की ‘गदर 2’ और रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ ने बॉक्स ऑफिस पर ऐसा धमाकेदार प्रदर्शन किया, जिसकी शायद ही किसी को उम्मीद रही होगी। खास बात यह है कि पहले इन दोनों फिल्मों का बीते साल इंडिपेंडेंस डे पर क्लैश होना था।
बीते साल में बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफलता का स्वाद चखने के बाद बॉक्स ऑफिस के जानकारों की नजरें इस पर हैं कि आने वाले दिनों में कौन सी हिंदी फिल्म बीते साल की तरह दुनियाभर में 1000 करोड़ रुपए कमाई करने का कमाल दिखाने वाली है। क्या इस साल बीते साल का चार हिंदी फिल्मों का घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 500 करोड़ क्लब में एंट्री करने का रेकॉर्ड टूटेगा? खास बात यह है कि बीते साल में बंपर प्रदर्शन करने वाले शाहरुख खान की इस साल कोई फिल्म रिलीज नहीं हो रही, तो सलमान खान की फिल्म भी अब अगले साल ही रिलीज होगी। इन सुपरस्टार्स के अलावा आमिर खान की भी कोई फिल्म इस साल रिलीज शेड्यूल में नहीं है। उनके प्रॉडक्शन हाउस की एक फिल्म जरूर इस साल क्रिसमस पर रिलीज होगी। इसे उनकी सनी देओल स्टारर फिल्म माना जा रहा है। अभी तक यह तय नहीं है कि इस फिल्म से आमिर बतौर एक्टर जुड़ेंगे या नहीं। वहीं बीते साल ‘एनिमल’ से सुपर सक्सेस हासिल करने वाले रणबीर कपूर की भी इस साल कोई फिल्म रिलीज नहीं होगी।
साथ ही रणवीर सिंह भी इस साल बड़े पर्दे पर नजर नहीं आने वाले हैं। यानी इस साल बिना सुपर सितारों की फिल्मों के यह देखना दिलचस्प होगा कि बीते साल की तर्ज पर बॉक्स ऑफिस पर फिल्मों सफलता का सिलसिला किस तरह कायम रहने वाला है। फिलहाल सबकी नजरें ऋतिक रोशन और दीपिका पादुकोण की फिल्म ‘फाइटर’, अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ की फिल्म ‘बड़े मियां छोटे मियां’ और अजय देवगन व रोहित शेट्टी की ‘सिंघम’ फ्रेंचाइजी की तीसरी फिल्म ‘सिंघम अगेन’ पर हैं। बता दें कि मर्यादा पुरोषत्तम राम की तमाम अच्छाइयों के बावजूद रावण का अपना आकर्षण रहा है। हमारी फिल्मों के नायकों ने भी हीरोइक चरित्रों को महिमामंडित करते-करते अपना रास्ता बदला और पर्दे बुरे आदमी की भूमिका को अंजाम दिया। 1943 में प्रदर्शित हुई किस्मत में जब अशोक कुमार ने एक युवा चोर के ग्रे रोल को अंजाम दिया, तो नायक के खलनायक बनने पर एक बहस छिड़ गई थी। कदाचित पहली बार मुख्यधारा के नायक के खलनायक बनने के बावजूद फिल्म सुपर हिट साबित हुई थी। आगे चलकर भी ज्वेल थीफ में विलेन बने अशोक कुमार को काफी पसंद किया गया।
अशोक कुमार ही क्यों देव आनंद भी इसमें पीछे नहीं रहे। 1952 में आई जाल में वे तेजतर्रार एंटी हीरो के रूप में प्रकट हुए। और तो और ट्रेजिडी किंग कहे जाने वाले दिलीप कुमार 1954 में अमर में एंटी हीरो बन चुके हैं। फिल्म का ये नायक नायिका निम्मी के साथ बलात्कार जैसा कलंकित कृत्य करता है। उनके छाने वालों के लिए उनका ये काला चेहरा चौंकाने वाला था। दिलीप कुमार ने अपनी आत्मकथा में इस फिल्म के साथ गंगा जमुना और फुटपाथ का जिक्र भी किया है, जिसमें एंटी हीरो के रूप में दिखे थे। इंडियन सिनेमा की आइकॉनिक फिल्म कही जाने वाली मदर इंडिया 1957 में सुनील दत्त ने नकारात्मक भूमिका करके खूब तारीफ बटोरी थी। पड़ोसन के गुदगुदाने वाले रोल के साथ-साथ आगे चलकर वे मुझे जीने दो और 36 घंटे में भी निगेटिव शेड वाले रोल्स में दिखे थे।