विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि चीन अब अदृश्य हथियार बनाने की फिराक में है! चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपनी सेना को ‘असली युद्ध’ लड़ने में सक्षम बनाना चाहते हैं। पीपुल्स रिबरेशन आर्मी की तैयारियां बाकी देशों की तुलना में एक कदम आगे की हैं। दावा किया जा रहा है कि चीन ‘डोंगफेंग’ नामक रोड-मोबाइल मिसाइलों की अपनी सीरीज के लिए ऐसे लांचर बना रहा है, जो ड्रोन, रडार और सैटेलाइट की पकड़ से बच सकते हैं। चीन की सरकारी मीडिया CCTV के हवाले से साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि डोंगफेंग लॉन्चर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाएगा। एक रॉकेट फोर्स एक्सपर्ट ने CCTV पर कहा, ‘मेरा मानना है कि भविष्य के युद्ध के मैदानों पर, हमारे दुश्मन हमें नहीं देख पाएंगे और हमारे लॉन्चर्स का भी पता नहीं लगा पाएंगे।’इन्हें अदृश्य लॉन्चर कहा जा रहा है।एक्सपर्ट ने कहा कि मिसाइल और लॉन्चिंग प्लेटफॉर्म का रिश्ता गोली और बंदूक का होता है। हम प्लेटफॉर्म की क्षमता को बढ़ा सकते हैं और भविष्य की लड़ाई के लिए और विकल्प प्रदान कर सकते हैं। डीएफ-17 हाइपरसोनिक मिसाइल के लॉन्च मैकेनिज्म पर काम करने वाले पीएलए के रॉकेट फोर्स विशेषज्ञ यांग बीवू के अनुसार, मिसाइल लॉन्चर्स को और टेक्टिकल और ‘अदृश्य’ बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा। DF-17 मीडियम-रेंज मिसाइल, जो कथित तौर पर अमेरिकी डिफेंस सिस्टम को भेदने में सक्षम है, को लेकर दावा किया जाता है कि यह दुनिया के इतिहास में पहला एक्टिव हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल वेपन है। चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक मिसाइल लॉन्चर भविष्य की लड़ाई के लिए नई पीढ़ी के हथियारों के निर्माण को बढ़ावा देते हैं।
पीएलए के एक करीबी सूत्र के हवाले से खबरों में कहा जा रहा है कि डीएफ-17 का लॉन्च व्हीकल डीएफ-16बी बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लॉन्च व्हीकल का नया स्वरूप है। DF-16B और DF-17 मीडियम रेंज की मिसाइलें हैं जिन्हें ताइवान संकट के लिए ‘आक्रामक उपकरण’ के रूप में बनाया गया है। इनका उद्देश्य ताइवान जलडमरूमध्य में किसी बाहरी सैन्य घुसपैठ को विफल करना है। वहीं चीन की DF-41 मिसाइल कथित तौर पर अमेरिका को निशाना बनाने में सक्षम है जिसकी अनुमानित सीमा 12,000 से अधिक है। सैन्य विश्लेषक और पूर्व पीएलए प्रशिक्षक सोंग झोंगपिंग के अनुसार जंग के मैदान में मिसाइल लॉन्चरों का डिजाइन रणनीति का अहम हिस्सा होता है।
झोंगपिंग ने कहा कि हर युद्ध में सैनिकों और हथियारों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होती है और खासकर चीन की ‘नो फर्स्ट यूज’ परमाणु नीति को देखते हुए, जिसे ‘दूसरा हमला’ करने के लिए बेहतर सुरक्षा की जरूरत होती है।पीएलए के एक करीबी सूत्र के हवाले से खबरों में कहा जा रहा है कि डीएफ-17 का लॉन्च व्हीकल डीएफ-16बी बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले लॉन्च व्हीकल का नया स्वरूप है। DF-16B और DF-17 मीडियम रेंज की मिसाइलें हैं जिन्हें ताइवान संकट के लिए ‘आक्रामक उपकरण’ के रूप में बनाया गया है।
इनका उद्देश्य ताइवान जलडमरूमध्य में किसी बाहरी सैन्य घुसपैठ को विफल करना है। वहीं चीन की DF-41 मिसाइल कथित तौर पर अमेरिका को निशाना बनाने में सक्षम है जिसकी अनुमानित सीमा 12,000 से अधिक है। सैन्य विश्लेषक और पूर्व पीएलए प्रशिक्षक सोंग झोंगपिंग के अनुसार जंग के मैदान में मिसाइल लॉन्चरों का डिजाइन रणनीति का अहम हिस्सा होता है। डोंगफेंग या डीएफ सीरीज की सभी मिसाइलें परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम हैं।हम प्लेटफॉर्म की क्षमता को बढ़ा सकते हैं और भविष्य की लड़ाई के लिए और विकल्प प्रदान कर सकते हैं। डीएफ-17 हाइपरसोनिक मिसाइल के लॉन्च मैकेनिज्म पर काम करने वाले पीएलए के रॉकेट फोर्स विशेषज्ञ यांग बीवू के अनुसार, मिसाइल लॉन्चर्स को और टेक्टिकल और ‘अदृश्य’ बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा। DF-17 मीडियम-रेंज मिसाइल, जो कथित तौर पर अमेरिकी डिफेंस सिस्टम को भेदने में सक्षम है, को लेकर दावा किया जाता है कि यह दुनिया के इतिहास में पहला एक्टिव हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल वेपन है। चीन की सरकारी मीडिया के मुताबिक मिसाइल लॉन्चर भविष्य की लड़ाई के लिए नई पीढ़ी के हथियारों के निर्माण को बढ़ावा देते हैं। झोंगपिंग ने कहा कि मिसाइलों के लॉन्चर सैटेलाइट, रडार की इन्फ्रारेड किरणों और ड्रोन से बच सकते हैं जो पीएलए के मिसाइल सिस्टम को गिरगिट जैसी चीजों में बदल सकते हैं और उन्हें किसी भी इलाके में छिपा कर रख सकते हैं। इस चीन की ओर से ‘भविष्य के युद्ध’ की तैयारी कहा जा रहा है।