Friday, November 22, 2024
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क्या भारत बन पाएगा दुनिया का रेलवे पावर हाउस?

भारत अब दुनिया का रेलवे पावर हाउस बन सकता है! केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में रेल को लेकर सरकार की गंभीरता और उत्साह की घोषणा की और कहा कि यात्रियों के यात्रा अनुभव को बेहतर बनाने और तेज गति देने के उद्देश्य से, जिससे यात्रा का समय कम हो जाए, अब रेल मंत्रालय 40,000 सामान्य रेल बोगियों को वंदे भारत मानकों में परिवर्तित करेगी. यह भारत के रेलवे बुनियादी ढांचे के लिए एक महत्वपूर्ण बढ़ावा है, जो केंद्र सरकार के पूंजीगत व्यय का एक केंद्रीय घटक है. सीतारमण ने पीएम गति शक्ति योजना के तहत लॉजिस्टिक्स दक्षता और कनेक्टिविटी में सुधार के लिए तीन प्रमुख आर्थिक रेलवे कॉरिडोर कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की भी घोषणा की! बाद में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि मेरा उद्देश्य भारत के रेलवे नेटवर्क को जर्मनी के बराबर अपग्रेड करना है. ताकि एक्सपोर्ट का मार्केट खुल सके. हमारा ध्यान वर्ल्ड क्लास रेल पर है.

वंदे भारत बोगी स्टैंडर्ड बोगियों से समग्र वजन को कम करते हैं, जिससे सामान्य बोगियों की तुलना में तेज त्वरण और मंदी की अनुमति मिलती है. ऐसे बोगियों का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई द्वारा किया जाता है, जिसका स्वामित्व और संचालन भारतीय रेलवे के पास है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि सामान्य बोगियों को वंदे भारत मानकों के अनुरूप अपग्रेड करने में लगभग 15,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे लागू करने में 5 साल लगेंगे.

इस बीच, तीन प्रमुख आर्थिक रेलवे गलियारा कार्यक्रमों का उद्देश्य रसद दक्षता में सुधार करना और लागत कम करना और ऊर्जा, खनिज, सीमेंट, बंदरगाह कनेक्टिविटी और उच्च यातायात घनत्व गलियारों पर ध्यान केंद्रित करना है. हमने ऐसे तकरीबन 450-460 प्रोजेक्ट्स की पहचान की है , जिसमें कुछ में दोहरीकरण करना है, कुछ में मल्टी ट्रैकिंग करना शामिल है. करीब-करीब 40 हजार किलोमीटर नए रेलवे ट्रैक बनेंगे. इस प्रोजेक्ट को अमृत चतुर्भुज का रूप दिया गया है, और लक्ष्य है इसे जर्मनी के नेटवर्क बराबर अपग्रेड करना!

रेलमंत्री ने कहा कि अब तक के अनुभवों में हमारे पास वंदे भारत का अनुभव है, अमृत भारत का अनुभव है. इन दोनों अनुभवों से वंदे भारत के कोच को और भी अपग्रेड करेंगे. रेलवे में कैपेसिटी बढ़ाना सबसे बड़ी जरूरत थी. ट्रेन में 700 करोड़ को ट्रैवल कर रहे हैं इसको बढ़ा कर 1000 करोड़ करना लक्ष्य है. ऐसे में तीन साल बाद वंदे भारत को एक्सपोर्ट करना शुरू करेंगे. वंदे भारत और कवच पर सरकार का मुख्य रूप से फोकस है, मसलन सुरक्षित यात्रा सरकार का केंद्र बिंदु है. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुलेट ट्रेन को भी 28 भूकंपमापी स‍िस्‍टम सिस्मोमीटर से लैस करने की घोषणा की है.

परिणामस्वरूप उच्च-यातायात गलियारों में भीड़भाड़ कम होने से यात्री ट्रेनों के संचालन में सुधार करने में भी मदद मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप सुरक्षा और उच्च यात्रा गति होगी. समर्पित माल ढुलाई गलियारों के साथ, ये तीन आर्थिक गलियारा कार्यक्रम सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में तेजी लाएंगे और रसद लागत को कम करेंगे, रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि अगले 6-8 वर्षों में इन गलियारों के लिए 40,000 किमी नई पटरियां बिछाई जाएंगी और पूरे कार्यक्रम पर अनुमानित 11,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी. वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए, रेलवे को आवंटित अनुमानित बजट चालू वित्त वर्ष 24 के लिए 2.6 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की तुलना में थोड़ा अधिक 2.65 लाख करोड़ रुपये है. FY25 के लिए कुल बजट आवंटन में से 13,000 करोड़ रुपये का वित्तपोषण उधार के माध्यम से किया जाएगा, जो चालू वित्तीय वर्ष के लिए 20,000 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से 35 प्रतिशत की भारी कमी है. इसके अलावा, वित्त वर्ष 2015 में रेलवे की वाणिज्यिक लाइनों पर अनुमानित पूंजी परिव्यय वित्त वर्ष 2014 के 2.4 लाख करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की तुलना में बढ़ाकर 2.52 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है.

अंतरिम बजट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के लिए संशोधित अनुमान 24.3 लाख करोड़ रुपये की तुलना में रेल मंत्रालय को 25.5 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. FY24 के लिए संशोधित अनुमान पिछले साल बजट में घोषित 24.1 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा अधिक है. वित्त वर्ष 2015 में रेलवे की रणनीतिक लाइनों पर अनुमानित पूंजी परिव्यय भी वित्त वर्ष 2014 के 101 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से बढ़कर 107 करोड़ रुपये हो गया है, जो 75 करोड़ रुपये के प्रारंभिक अनुमान से काफी अधिक है. भारत की पहली बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्‍ट को पूरा करने का काम भी जोर शोर से क‍िया जा रहा है. बुलेट ट्रेन को सबसे पहले मुंबई-अहमदाबाद के बीच संचाल‍ित क‍िया जाएगा, ज‍िसका ट्रायल रन संभवत: 2026 में होगा!

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