देश में फिर से मास्क पहने जा सकते हैं! देश के 14 राज्यों के 29 जिलों में कोरोना संक्रमण की दर 10 फीसदी के पार चली गई है। वहीं, 59 जिलों में कोरोना की साप्ताहिक संक्रमण दर पांच से 10 फीसदी के बीच है। कई जिले ऐसे भी हैं जहां बीते सप्ताह 40 फीसदी से भी अधिक नमूने पॉजिटिव मिले हैं। यही वजह है कि एक दिन पहले नई दिल्ली स्थित भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने संक्रमण प्रसार रोकने के लिए भीड़ में मास्क अनिवार्य करने की सलाह दी। राज्यों के साथ जिला वार संक्रमण स्थिति साझा करते हुए सरकार की रिपोर्ट में बताया गया कि करीब 88 जिले चपेट में है। हालांकि, अभी भी 500 से ज्यादा जिलों में कोरोना का संक्रमण पांच फीसदी से नीचे है, जो कि वैश्विक मानकों के मुताबिक नियंत्रित स्थिति मानी जा सकती है। हालांकि, कुछ राज्यों के जिलों में संक्रमण का प्रसार तेजी से हो रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय का मानना है कि यहां सुपर स्प्रेडर को रोकना बहुत जरूरी है।
18 से 24 मार्च के बीच पॉजिटिव मिले नमूनों की जिलेवार रिपोर्ट के मुताबिक पुडुचेरी और मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले में सबसे ज्यादा संक्रमित मिले हैं। कई जिले ऐसे भी हैं जहां बीते सप्ताह 40 फीसदी से भी अधिक नमूने पॉजिटिव मिले हैं। यही वजह है कि एक दिन पहले नई दिल्ली स्थित भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने संक्रमण प्रसार रोकने के लिए भीड़ में मास्क अनिवार्य करने की सलाह दी। राज्यों के साथ जिला वार संक्रमण स्थिति साझा करते हुए सरकार की रिपोर्ट में बताया गया कि करीब 88 जिले चपेट में है। हालांकि, अभी भी 500 से ज्यादा जिलों में कोरोना का संक्रमण पांच फीसदी से नीचे है, जो कि वैश्विक मानकों के मुताबिक नियंत्रित स्थिति मानी जा सकती है। हालांकि, कुछ राज्यों के जिलों में संक्रमण का प्रसार तेजी से हो रहा है।वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के 11 में से तीन जिलों में संक्रमण 10 फीसदी से ज्यादा है, लेकिन चार जिलों में यह पांच से 10 फीसदी के बीच है। दिल्ली के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने तत्काल ठोस उपाय करने की सलाह दी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की पूर्व मुख्य वैज्ञानिक का कहना है कि वायरस अपना स्वरूप बदल रहा है।कई जिले ऐसे भी हैं जहां बीते सप्ताह 40 फीसदी से भी अधिक नमूने पॉजिटिव मिले हैं। यही वजह है कि एक दिन पहले नई दिल्ली स्थित भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने संक्रमण प्रसार रोकने के लिए भीड़ में मास्क अनिवार्य करने की सलाह दी। राज्यों के साथ जिला वार संक्रमण स्थिति साझा करते हुए सरकार की रिपोर्ट में बताया गया कि करीब 88 जिले चपेट में है। हालांकि, अभी भी 500 से ज्यादा जिलों में कोरोना का संक्रमण पांच फीसदी से नीचे है, जो कि वैश्विक मानकों के मुताबिक नियंत्रित स्थिति मानी जा सकती है। हालांकि, कुछ राज्यों के जिलों में संक्रमण का प्रसार तेजी से हो रहा है। मौजूदा समय में, कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं उसके पीछे वायरस का वह नया म्यूटेशन है, जिसकी पहचान अब तक 14 से भी अधिक देशों में हुई है। भारतीय अस्पतालों में अभी इसका असर दिखाई नहीं दे रहा है, लेकिन यह स्थिति कब तक बनी रहती है इसके बारे में कहा नहीं जा सकता। यह वक्त संभलने का है, क्योंकि कोविड सतर्कता नियम का पालन करने से ही संक्रमण की चेन को रोका जा सकता है।
तीसरी लहर के बाद पांच महीने में पहली बार कोरोना संक्रमण में 10 गुना बढ़ोतरी हुई है। 149 दिन बाद देश में कोरोना के 1,890 नए मामले सामने आए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 9,433 तक पहुंच गई है।कई जिले ऐसे भी हैं जहां बीते सप्ताह 40 फीसदी से भी अधिक नमूने पॉजिटिव मिले हैं। यही वजह है कि एक दिन पहले नई दिल्ली स्थित भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी आईसीएमआर ने संक्रमण प्रसार रोकने के लिए भीड़ में मास्क अनिवार्य करने की सलाह दी। राज्यों के साथ जिला वार संक्रमण स्थिति साझा करते हुए सरकार की रिपोर्ट में बताया गया कि करीब 88 जिले चपेट में है। हालांकि, अभी भी 500 से ज्यादा जिलों में कोरोना का संक्रमण पांच फीसदी से नीचे है, जो कि वैश्विक मानकों के मुताबिक नियंत्रित स्थिति मानी जा सकती है। हालांकि, कुछ राज्यों के जिलों में संक्रमण का प्रसार तेजी से हो रहा है। महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तराखंड में कुल छह मरीजों की मौत हुई है। इससे पहले बीते 23 मार्च को कोरोना के 1,133 नए मामले दर्ज किए गए थे और चार लोगों की मौत हुई थी। कोरोना संक्रमण की दैनिक दर 1.56 फीसदी है, जबकि साप्ताहिक संक्रमण दर बढ़कर 1.29 फीसदी तक पहुंच गई है। नए मामलों की तुलना में अब स्वस्थ होने की दर भी कम होने लगी है। बीते दिन 1,890 नए मामलों की तुलना में 1,051 मरीजों को स्वस्थ घोषित किया गया।