क्या मोदी सरकार करेगी मिडिल क्लास के लिए भला?

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मोदी सरकार अब मिडिल क्लास के लिए भला कर सकती है! आम चुनाव से पहले पेश होने वाले अंतिम बजट में नरेंद्र मोदी की अगुआई में केंद्र सरकार कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती है। इसके लिए तमाम स्तर पर मंथन जारी है। पीएम के अंतिम मुहर के बाद एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे पेश कर सकती हैं। सूत्रों के अनुसार सरकार खासकर किसानों, महिलाओं और युवाओं को कुछ न कुछ ठोस देने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा मिडिल क्लास के लिए भी सरकार कुछ राहतों का ऐलान कर सकती है। सरकार की मंशा है कि आम चुनाव से पहले यह महज घोषणा न हो और लाखों किसानों तक यह लाभ पहुंच जाए। सरकारी अधिकारियों के अनुसार चुनाव पूर्व लाभ देने के लिए होमवर्क पिछले कुछ दिनों से जारी है। सरकार की ओर से इसका ऐलान होते ही इसे अमल में लाया जा सकता है। घोषणाओं में जिन अहम चीजों पर विचार चल रहा है उनमें किसान सम्मान निधि को बढ़ाने के अलावा लाड़ली योजना की तरह महिलाओं को सीधा आर्थिक लाभ देने जैसी कुछ योजनाओं पर भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार कई नेताओं ने भी शीर्ष नेताओं से आग्रह किया कि मौजूदा वित्तीय नीति में बदलाव की जरूरत है और चुनाव तक वित्तीय घाटे को इग्नोर कर बड़ी कल्याणकारी योजना या किसान पैकेज पर खुलकर खर्च करे।

अधिकारियों के अनुसार आर्थिक हालात सुधरने से अब सरकार के पास इन योजनाओं पर खर्च करने के लिए धन भी है और ऐसा करने से दूसरी विकास की योजनाओं के फंडिंग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मोदी सरकार अब तक वित्तीय घाटे को नियंत्रण में रखने के प्रति बहुत सावधान रही है और इसमें सफलता भी मिलती रही है। हालांकि अगर सीधी राशि देने वाले पैकेज के ऐलान के बाद इस पर असर पड़ सकता है। 2019 आम चुनाव से पहले अंतिम बजट में केंद्र सरकार ने बड़ा दांव खेला था। इसमें मोदी सरकार ने न सिर्फ किसान सम्मान निधि की घोषणा की बल्कि यह भी सुनिश्चित किया था कि यह चुनाव से पहले पहली किश्त सभी के खाते में पहुंचे। इसके अलावा मिडिल क्लास के इनकम टैक्स में रियायत का भी उसी बजट में ऐलान किया था। इन दोनों घोषणाओं का लाभ चुनाव में मिला था।

आम चुनाव से ठीक पहले BJP और केंद्र सरकार किसी तरह की कोताही बरतने के मूड में नहीं है। 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से सरकार और BJP को सियासी तौर पर लाभ मिलने की उम्मीद है। मगर, पार्टी को पता है कि सिर्फ उसी पर चुनाव में जाना नाकाफी होगा। वैसे भी हाल के वर्षों में पीएम मोदी की अगुआई में सरकार ने लाभार्थी वर्ग के रूप में नया वोट बैंक बनाया है। इसमें BJP को किसी तरह का सेंध न लगे इसके लिए पार्टी की पूरी कोशिश है। पार्टी को अंदाजा है कि इस बार I.N.D.I.A. गठबंधन की अगुआई में विपक्ष लुभावने वादे कर सकती है। पिछले कुछ चुनावों से ऐसी योजनाओं का असर वोटर पर देखा भी गया है। यही कारण है कि BJP जोखिम लेना नहीं चाहेगी और बजट में बड़ा ऐलान कर नैरेटिव अपने पक्ष में रखना चाहेगी। बता दें कि चुनाव नजदीक आ रहा है। भाजपा ने 2024 के चुनाव पर नजर रखते हुए एक ‘ज्ञान’ फॉर्मूला तैयार किया है। इसमें चार सेगमेंट शामिल हैं। ये सेगमेंट गरीब, किसान, महिलाएं और युवाओं पर आने वाले समय में पार्टी के आउटरीच का फोकस होगा। नारे गढ़ने से लेकर ‘ज्ञान’ के प्रत्येक सेगमेंट के लिए पैनल बनाने तक, भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए डबल-बैरल ब्लिट्जक्रेग की योजना तैयार की है। इसमें सरकार और संगठनात्मक गतिविधियां दोनों इन चार सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित करती हैं। हाल ही में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ के एक कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सभी जातियों में गरीब, युवा, महिलाएं और किसान उनके लिए सबसे बड़े हैं। देश की प्रगति के लिए इन जातियों का उत्थान ही उनके लिए सबसे बड़ा है।

चुनाव को देखते हुए भाजपा ने ‘ज्ञान’ पैनल का गठन किया है और ‘ज्ञान’ समूह के प्रत्येक सेगमेंट के लिए एक अभियान पर काम कर रही है। हाल ही में एक बैठक में, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव विनोद तावड़े ने पहली बार मतदाताओं के लिए पार्टी की युवा शाखा को एक नारा सुझाया था, जिसमें लिखा था, ‘अगर आप 18 वर्ष के हैं, तो इंतजार क्यों कर रहे हैं, मतदान के लिए आएं।’ भाजपा जो अपने अभियान के लिए हिंदी भाषा को प्राथमिकता देती है, युवा पीढ़ी तक पहुंचने के लिए अंग्रेजी में नारे का इस्तेमाल कर रही है।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार की ओर से भी इस ‘ज्ञान’ समूह के लिए विभिन्न उपायों पर विचार किया जा रहा है। जैसे कि किसानों को दी जाने वाली ‘किसान निधि’ को बढ़ाना। इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड पर प्रोत्साहन देना। स्वास्थ्य सेवा के मोर्चे पर कुछ और लाभ प्रदान करने, कुछ निश्चित रिटर्न का आश्वासन देकर नई पेंशन योजना को और अधिक आकर्षक बनाने, लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने और महिलाओं के लिए कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा करने के प्रस्ताव हैं।