यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या पीएम मोदी तमिलनाडु सहित दक्षिण को साध पाएंगे या नहीं! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को तमिलनाडु में थे। इस साल लोकसभा चुनाव से पहले पीएम ने यहां कई परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया। कुछ नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं की कुल लागत 20,140 करोड़ रुपये है। सीएम एमके स्टालिन के साथ मंच साझा करते हुए प्रधानमंत्री ने सांस्कृतिक प्रेरणा के लिए तमिलनाडु की सराहना की। डीएमडीके के संस्थापक और जाने-माने एक्टर विजयकांत को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने उन्हें राष्ट्र हित के प्रति समर्पित रहने के साथ न केवल सिनेमा बल्कि राजनीति का भी ‘कप्तान’ बताया। एमके स्टालिन द्रविड़ मुनेत्र कषगम का नेतृत्व करते हैं। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A का वह प्रमुख चेहरा हैं। इस साल लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ बीजेपी से मुकाबला करने के लिए यह गठबंधन कमर कस रहा है। स्टालिन की मौजूदगी में विजयकांत पर राष्ट्रहित वाला बयान देकर पीएम ने दक्षिण की राजनीति को साधने की कोशिश की। दक्षिण भारत में बीजेपी अपनी उपस्थिति को बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास करने में जुटी है। प्रधानमंत्री तमिलनाडु के दो दिवसीय दौरे पर हैं। आज उन्होंने लगभग 20,000 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। त्रिची हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल को हरी झंडी दिखाई। इसके पहले वह तिरुचिरापल्ली के भारतीदासन विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। दोनों कार्यक्रमों में उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ मंच साझा किया।
चेन्नई और दक्षिणी तमिलनाडु में हाल की भारी बारिश, बाढ़ और उसके परिणामस्वरूप हुए जानमाल के नुकसान की पृष्ठभूमि में मोदी के इस दौरे के काफी मायने हैं। उत्तर भारत में तो बीजेपी की पकड़ मजबूत है। लेकिन, दक्षिण में अभी वह उस स्थति में नहीं है। वह दक्षिण में अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहती है। पीएम ने कहा कि केंद्र राज्य को हर संभव सहायता प्रदान कर रहा है। हालांकि, स्टालिन ने उनसे भारी बारिश-जलप्रलय को गंभीर प्राकृतिक आपदा घोषित करने और राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से राज्य को उचित धन जारी करने का आग्रह किया।
मोदी ने राज्य की राजधानी चेन्नई से करीब 300 किलोमीटर दूर मध्य तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में 20 परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उद्घाटन किया। उन्हें राष्ट्र को समर्पित किया। इससे पहले उन्होंने भारतीदासन विश्वविद्यालय के 38वें दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं से तमिलनाडु की प्रगति मजबूत होगी। यात्रा सुगमता बढ़ेगी और रोजगार के हजारों अवसर पैदा होंगे। ये परियोजनाएं हवाई एवं बंदरगाहों, रेलवे, राजमार्ग, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, परमाणु ऊर्जा और उच्च शिक्षा से जुड़ी हैं। तिरुचिरापल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमारा प्रयास देश के विकास में तमिलनाडु से मिली सांस्कृतिक प्रेरणा का लगातार विस्तार करना है।’ दिल्ली में नए संसद भवन में ‘पवित्र सेंगोल’ स्थापित किए जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह तमिल संस्कृति की ओर से पूरे देश को दिए गए सुशासन के मॉडल से उपजी एक प्रेरणा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले 25 वर्ष के लिए ‘आजादी का अमृत काल’ भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इसके आर्थिक और सांस्कृतिक दोनों आयाम हैं। भारत को तमिलनाडु की जीवंत संस्कृति और विरासत पर गर्व है। अतीत में राज्य के सार्वजनिक कार्यक्रमों में ज्यादातर मौकों पर अंग्रेजी में बोलने वाले मोदी ने मंगलवार को हिंदी में भी बात की।
पीएम ने तमिलनाडु के प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को भी याद किया। उनका हाल ही में निधन हो गया। मोदी ने कहा कि उन्होंने देश के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे में अभूतपूर्व निवेश कर रहा है और यह एक नई आशा के रूप में उभर रही शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।उन्होंने कहा कि तमिलनाडु ‘मेक इन इंडिया’ के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण ब्रांड एंबेसडर बन रहा है। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार के दृष्टिकोण को दोहराया जहां राज्य का विकास राष्ट्र के विकास में परिलक्षित होता है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में 40 से अधिक केंद्रीय मंत्रियों ने 400 से अधिक बार तमिलनाडु का दौरा किया। वह बोले, ‘भारत तमिलनाडु की प्रगति के साथ प्रगति करेगा।’ उन्होंने कहा कि भारत और सभ्यता हमेशा ज्ञान के इर्द-गिर्द केंद्रित रहे हैं। नालंदा और विक्रमशिला जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों के बारे में तो लोग जानते ही हैं, कांचीपुरम के विश्वविद्यालय और मदुरै शिक्षा के केंद्र के रूप में सेवाएं दे रहे हैं।
नई रेल परियोजनाओं के बारे में मोदी ने कहा कि इनसे उद्योग और बिजली उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही नई सड़क परियोजनाएं श्रीरंगम, चिदंबरम, रामेश्वरम और वेल्लोर जैसे आस्था और पर्यटन के महत्वपूर्ण केंद्रों को जोड़ेंगी। जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, उनमें तिरुचिरापल्ली-मनमदुरई-विरुधुनगर रेलवे लाइन का विद्युतीकरण शामिल है।
पीएम ने कहा कि 2014 से पहले के दशक में राज्यों को 30 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे, जबकि पिछले 10 वर्ष में राज्यों को 120 लाख करोड़ रुपये दिए गए। तमिलनाडु को भी 2014 से पहले के 10 वर्षों की तुलना में इस अवधि में 2.5 गुना अधिक धन मिला है। राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के लिए राज्य में तीन गुना से अधिक और रेलवे क्षेत्र में 2.5 गुना अधिक धन खर्च किया गया।