Saturday, February 8, 2025
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क्या नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति पर खेली जाएगी राजनीति?

हाल ही में कर्तव्य पथ पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति को स्थापित कर दिया गया है!देश की राजधानी नई दिल्‍ली के इंडियो गेट पर पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 28 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण गुरुवार 8 स‍ितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस अनावरण के बाद से एक बार फिर नेताजी के नाम पर स‍ियासी खेला शुरू हो गया है। पश्‍च‍िम बंगाल की सत्‍ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस का आरोप लगया है क‍ि बीजेपी यह सब वोट बैंक के लिए कर रही है। हालांक‍ि भाजपा ने इस पर पलटवार करते हुए कहा क‍ि सभी जानते हैं कि कांग्रेस नेतृत्व ने नेताजी के साथ कैसा व्यवहार किया था और कांग्रेस से अलग होकर बनी तृणमूल कांग्रेस को नेताजी के प्रति सम्मान व्यक्त करने के तरीकों पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

टीएमसी और बीजेपी के बीच नेताजी को लेकर छिड़ी बहस नई नहीं है। पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों के समय भी दोनों दलों के बीच इस मुद्दे पर खूब जुबानी जंग हुई थी। तो क्‍या आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए एक बार फिर बीजेपी नेताजी को केंद्र में रखना चाह रही? क्‍या बीजेपी नेताजी के बहाने लोकसभा चुनाव में सत्‍तारूढ़ टीएमसी को मात देने के लिए ब‍िसात ब‍िछा रही? क्या कर्तव्य पथ पर नेताजी की मूर्ति बंगाल में बीजेपी के लिए विजय पथ बनेगी?

बोस की विरासत पर बीजेपी की स‍ियासत नई बात नहीं है। पिछले साल जब पहली बार केंद्र सरकार ने 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का फैसला किया, तो ममता बनर्जी का रुख देखने बेहद आक्रामक हो गया था। बीजेपी के पराक्रम दिवस के जवाब में उन्होंने नेताजी की जयंती को देश नायक दिवस के रूप में मनाया। कोलकाता में पदयात्रा निकाली और यह तो बता दिया क‍ि वे बोस के नाम पर राजनीत‍ि केवल बीजेपी को तो नहीं ही करने देंगी।

बंगाल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है। बंगाल के लोगों के लिए वे किसी गौरव से कम नहीं हैं। ऐसे में बंगाली गौरव के प्रतीक नेताजी के बहाने पर राजनीत‍ि दल अपनी नैया पार लगाने की कोश‍िश करते रहते हैं। जब से ममता बनर्जी ने बीजेपी नेताओं को बाहरी बताना शुरू किया था, तब से पार्टी ने बंगाल से जुड़े महापुरुषों के मुद्दों पर कार्यक्रम और उनकी बातें तेज कर दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर रवींद्रनाथ टैगोर की जमकर तारीफ कर चुके हैं।

ऐसा नहीं है क‍ि बीजेपी पहली बार नेताजी पर बात कर रही है। अटल ब‍िहारी वाजपेयी के समय से इस मुद्दे पर पार्टी बात करती रही है। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने ही नेताजी के लापता होने के रहस्यों को उजागर करने के लिए मुखर्जी कमीशन का गठन किया था। 2014 में दोबारा केंद्र आने पर पीएम प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर नेताजी से जुड़ीं फाइलों को सार्वजनिक करने की पहल हुई। नेताजी के परिवार के साथ लाल किले पर झंडा फहराकर उन्हें सम्मान दिया गया।

इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 28 फुट ऊंची प्रतिमा के अनावरण के बाद भारतीय जनता पार्टी नीत केन्द्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को दावा किया कि भगवा खेमा जन संघ द्वारा स्वतंत्रता सेनानी को नजरअंदाज किए जाने के बाद उसपर पर्दा डालने का कमजोर प्रयास कर रहा है। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता जॉय प्रकाश मजूमदार ने यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि वोट बैंक पर नजरें जमाए भाजपा को अचानक नेताजी की वीरता याद आ रही है। हालांकि, भाजपा की दलील है कि सभी जानते हैं कि कांग्रेस नेतृत्व ने नेताजी के साथ कैसा व्यवहार किया था और कांग्रेस से अलग होकर बनी तृणमूल कांग्रेस को नेताजी के प्रति सम्मान व्यक्त करने के तरीकों पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।

मजूमदार ने कहा क‍ि भाजपा और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ) की विचारधारा सुभाष चन्द्र बोस की विचारधारा से विरोधाभासी है, जो समावेशी/समग्रता में विश्वास रखते थे और धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, स्वतंत्र तथा समृद्ध भारत का सपना देखते थे। लगता है कि वोट बैंक पर नजर गड़ाए भाजपा को अचानक नेताजी की वीरता नजर आने लगी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चुटकी लेते हुए तृणमूल कांग्रेस के नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री अन्य कार्यों के बीच, अपनी सुविधा के अनुसार प्रतिमा के अनावरण का दिन चुनते हैं, उन्हें उनका (नेताजी) जन्मदिन, गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस याद नहीं रहता है। इस पर तीखा पलटवार करते हुए भाजपा के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी देश की जनता और उनकी भावनाओं से बहुत जुड़ी हुई है और तृणमूल कांग्रेस को उसे उपदेश देने की जरुरत नहीं है।

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