Friday, November 22, 2024
HomeIndian Newsक्या डीपफेक टेक्नोलॉजी पर बरती जाएगी सख्ती?

क्या डीपफेक टेक्नोलॉजी पर बरती जाएगी सख्ती?

अब से डीपफेक टेक्नोलॉजी पर सख्ती बरती जा सकती है! डीपफेक के मसले ने तूल पकड़ लिया है। इसे लेकर सरकार जल्‍द बैठक बुला सकती है। उसके तेवर काफी सख्‍त हैं। इसे आप सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के बयान से समझ सकते हैं। शनिवार को अश्विनी वैष्‍णव ने दो-टूक कहा कि अगर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म डीपफेक को हटाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाते हैं तो उन्हें कानून के तहत जो सुरक्षा मिली हुई है उसे हटा लिया जाएगा। उन्‍होंने डीपफेक के मुद्दे पर जल्द ही सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्मों के साथ बातचीत करने को कहा है। उन्होंने नई आईटी हार्डवेयर पीएलआई स्‍कीम के तहत जिन 27 फर्मों को मंजूरी मिली है, उनके नाम भी गिनाए। इनमें डेल, एचपी, फॉक्सकॉन, लेनोवो, न्यू लिंक, जेनस, मेगा और ऑप्टिमस के नाम शामिल हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्टिफ‍िशियल इंटेलिजेंस और डीपफेक टेक्‍नोलॉजी से पैदा हुई चुनौतियों को हाईलाइट किया था। पीएम ने मीडिया से अपील की थी कि वह इन तकनीकों के कारण पैदा हुई चुनौतियों के बारे में लोगों को जागरूक और शिक्षित करे। उसी तरह भरोसा करते हैं जैसे आम तौर पर गेरुआ वस्त्र पहने व्यक्ति को सम्मान दिया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि डीपफेक के कारण एक नया संकट उभर रहा है। समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग है जिसके पास समानांतर सत्यापन प्रणाली नहीं है।अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो वायरल होने के बाद इस मसले ने ध्‍यान खींचा। इस वीडियो को एडिट करके तैयार किया गया। ऐसे वीडियो को डीपफेक वीडियो कहा जाता है। अभिनेत्री का वीडियो वायरल होने के बाद अब हर तरफ डीपफेक की चर्चा होने लगी।

वीडियो में किसी व्यक्ति के चेहरे या शरीर को डिजिटल रूप से बदलने की तकनीक को डीपफेक कहते हैं। मशीन लर्निंग और एआई से बने ये वीडियो किसी को भी आसानी से धोखा दे सकते हैं। डीपफेक टर्म को डीप लर्निंग से लिया गया है। यह टेक्नोलॉजी मशीन लर्निंग का हिस्‍सा है। इस तरह के वीडियो नकली होती है। इसमें कई फेक कंटेंट को असली कंटेंट की तरह दिखाया जाता है। डीपफेक का सबसे पहले नाम 2017 में सामने आया था। तब एक रेडिट यूजर ने कई डीपफेक वीडियो क्रिएट किए थे।

सरकार को डीपफेक के खतरे का एहसास है। पीएम ने शुक्रवार को कहा था कि हमारे जैसे विविधतापूर्ण समाज में ‘डीपफेक’ एक बड़ा संकट पैदा कर सकता है। समाज में असंतोष की आग भी भड़का सकता है। कारण है कि लोग मीडिया से जुड़ी किसी भी चीज पर उसी तरह भरोसा करते हैं जैसे आम तौर पर गेरुआ वस्त्र पहने व्यक्ति को सम्मान दिया जाता है। प्रधानमंत्री ने कहा था कि डीपफेक के कारण एक नया संकट उभर रहा है। समाज का एक बहुत बड़ा वर्ग है जिसके पास समानांतर सत्यापन प्रणाली नहीं है।

इसके एक दिन बाद सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी साफ कर दिया कि चीजों को यूं ही नहीं छोड़ा जाएगा। उन्‍होंने साफ कह दिया है कि अगर सोशल मीडिया मंच डीपफेक को हटाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाते हैं तो उन्हें मिलने वाला संरक्षण लागू नहीं होगा। सरकार ‘डीपफेक’ मुद्दे पर जल्द ही सोशल मीडिया मंचों से चर्चा करेगी। वैष्णव ने कहा कि सरकार ने हाल ही में डीपफेक मुद्दे पर कंपनियों को नोटिस जारी किया था और प्लेटफार्मों ने जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि लेकिन कंपनियों को ऐसी सामग्री पर कार्रवाई करने में अधिक आक्रामक होना होगा। वैष्णव बोले, ‘वे कदम उठा रहे हैं…लेकिन हमें लगता है कि कई और कदम उठाने होंगे। ..और हम बहुत जल्द, शायद अगले 3-4 दिनों में सभी मंचों की एक बैठक करने जा रहे हैं। हम उन्हें इस पर विचार-मंथन के लिए बुलाएंगे और सुनिश्चित करेंगे कि मंच इसे डीपफेक रोकने के लिए पर्याप्त प्रयास करें और अपने तंत्र को साफ करें।’ यह पूछे जाने पर कि क्या बैठक के लिए मेटा और गूगल जैसे बड़े मंचों को बुलाया जाएगा, मंत्री ने सकारात्मक जवाब दिया। तकनीकों के कारण पैदा हुई चुनौतियों के बारे में लोगों को जागरूक और शिक्षित करे। अभिनेत्री रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो वायरल होने के बाद इस मसले ने ध्‍यान खींचा। इस वीडियो को एडिट करके तैयार किया गया। ऐसे वीडियो को डीपफेक वीडियो कहा जाता है। अभिनेत्री का वीडियो वायरल होने के बाद अब हर तरफ डीपफेक की चर्चा होने लगी।वैष्णव ने यह भी स्पष्ट किया कि आईटी अधिनियम के तहत मंचों को वर्तमान में जो ‘सुरक्षित हार्बर प्रतिरक्षा’ प्राप्त है, वह तब तक लागू नहीं होगी जब तक कि वे पर्याप्त कार्रवाई नहीं करते।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments