यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या अब प्याज के निर्यात पर लगा प्रतिबंध बढ़ जाएगा या नहीं! यह पिछले सप्ताह की ही बात है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय के तहत आने वाले विदेश व्यापार महानिदेशक प्याज के निर्यात से जुड़ा एक आदेश निकाला था। इसमें बताया गया था कि प्याज के निर्यात पर रोक का जो आदेश 31 मार्च 2024 तक प्रभावी था, उसे अगले आदेश तक के लिए बढ़ा दिया गया है। इसके तुरंत बाद होली का त्योहार आ गया। होली के बाद जो हुआ, उसका अंदाजा प्याज किसानों को पहले ही हो गया था। नासिक के होलसेल बाजार में प्याज का दाम गिरना शुरू हो गया है। दिल्ली एनसीआर के खुदरा बाजार में भी इसका असर दिखा है। अब रिटेल में प्याज का भाव औंधे मुंह गिरा है। बीते रविवार को दिल्ली के बाजारों में औसत किस्म का जो प्याज 30 रुपये किलो बिक रहा था, वह बुधवार को 20 रुपये किलो बिकने लगा। ए ग्रेड का जो प्याज पिछले रविवार को 40 रुपये किलो बिक रहा था, उसका भाव बुधवार को 30 रुपये किलो था। धड़ी या पसेरी के हिसाब से खरीदिए तो विक्रेता आपको 125 रुपये का भाव भी लगा सकता है। वैसे पॉश इलाकों में अभी भी ए ग्रेड का प्याज 40 रुपये किलो ही बिक रहा है। वहां इसके दाम कम होने में कुछ दिन और लग सकते हैं। सरकार ने प्याज की खरीद शुरू करने की घोषणा की है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से खबर आई है कि सरकारी एजेंसियों ने इस सीजन मं पांच लाख टन प्याज की खरीदारी करेगी। यह खरीदारी केंद्र सरकार के बफर स्टॉक के लिए है। केंद्र सरकार ने बीते मंगलवार को ही भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) को बफर जरूरत के लिए किसानों से सीधे प्याज की खरीद शुरू करने का निर्देश दिया है।सहिबाबाद मंडी के प्याज विक्रेता सुदामा मिश्रा से जब प्याज के दाम दाम घटने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया “मोदी सरकार ने कोई आर्डर निकाला है, प्याज के निर्यात पर। उससे नासिक मंडी में ही प्याज सस्ता हो गया। जब वहीं सस्ता हुआ है तो यहां तो सस्ता होगा ही।”
पिछले सप्ताह नासिक के लासलगांव मंडी में पिछले सप्ताह प्याज का औसत भाव 1440 से 1500 रुपये क्विंटल था। यह मंगलवार को घट कर 1300 से 1360 रुपये प्रति क्विंटल रह गया है। कारोबारियों का कहना है कि पहले किसानों को लगा था कि अगले महीने से एक्सपोर्ट खुल जाएगा तो दाम चढ़ेंगे। अब प्रतिबंध की अवधि और बढ़ा दी गई है। कब तक रहेगी, कोई पता नहीं। इसलिए मार्केट सेंटीमेंट खराब हो गया है। इसी से प्याज के होलसेल प्राइस घटे हैं। इस बीच सरकार ने प्याज की खरीद शुरू करने की घोषणा की है। केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय से खबर आई है कि सरकारी एजेंसियों ने इस सीजन मं पांच लाख टन प्याज की खरीदारी करेगी। यह खरीदारी केंद्र सरकार के बफर स्टॉक के लिए है। केंद्र सरकार ने बीते मंगलवार को ही भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) को बफर जरूरत के लिए किसानों से सीधे प्याज की खरीद शुरू करने का निर्देश दिया है। यह कदम इसलिए उठाया गया है कि नासिक मंडी में प्याज की कीमतों में ज्यादा गिरावट नहीं हो।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार रबी सीजन 2023-24 जुलाई-जून में प्याज उत्पादन 20 फीसदी घटकर 190.5 लाख टन रहने का अनुमान है। एक साल पहले इसी अवधि में कुल 237 लाख टन प्याज का प्रोडक्शन हुआ था। दरअसल, इस साल प्याज का रकबा ही घट गया है। इस साल 9.76 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में प्याज की बुवाई है जबकि पिछले साल 12.26 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में प्याज बोया गया था। 125 रुपये का भाव भी लगा सकता है। वैसे पॉश इलाकों में अभी भी ए ग्रेड का प्याज 40 रुपये किलो ही बिक रहा है। वहां इसके दाम कम होने में कुछ दिन और लग सकते हैं। सहिबाबाद मंडी के प्याज विक्रेता सुदामा मिश्रा से जब प्याज के दाम दाम घटने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बताया “मोदी सरकार ने कोई आर्डर निकाला है, प्याज के निर्यात पर। उससे नासिक मंडी में ही प्याज सस्ता हो गया। जब वहीं सस्ता हुआ है तो यहां तो सस्ता होगा ही।”देश में प्याज की उपलब्धता के लिए रबी सीजन का प्याज अहम है क्योंकि सालाना उत्पादन में 72-75 फीसदी का योगदान देता है। निर्यात बाजार में भी रबी सीजन में उगाए गए प्याज की ही मांग है।