हाल ही में एक ऐसा वायदा कर दिया गया है जिसके अनुसार बीजेपी की तरफ से अब देशवासियों को मुफ्त राशन मिलेगा! मुफ्त राशन पर कांग्रेस की आपत्ति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों हाथों से लपक लिया है। उन्होंने मंच से इसे लेकर बड़ा दांव चल दिया है। यह सिर्फ राज्यों के विधानसभा चुनाव में ही नहीं, अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में भी विपक्ष को अपनी रणनीति को सोच-समझकर सेट करने पर मजबूर करेगा। चार नवंबर को पीएम मोदी छत्तीसगढ़ के दुर्ग में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे। इसी दौरान उन्होंने मुफ्त राशन स्कीम को अगले पांच साल के लिए बढ़ाने का ऐलान किया था। कोरोना की महामारी के दौरान यह स्कीम शुरू की गई थी। इसे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के नाम से जानते हैं। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मंगलवार को मतदान हुआ था। इसके पहले पीएम की ओर से मु्फ्त राशन की घोषणा करना कांग्रेस को बुरी तरह अखर गया। उसने विधानसभा चुनावों के बीच में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को पांच साल बढ़ाने की घोषणा को आचार संहिता का उल्लंघन बताया। इसके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज करने की बात भी कही। पीएम मोदी को सियासी दांवपेंच में महारत है। मुफ्त राशन के ऐलान पर कांग्रेस के सवाल उठाने को उन्होंने अपने अंदाज में रंग दे दिया। प्रधानमंत्री बुधवार को मध्यप्रदेश के दामोह में पहुंचे थे। 17 नवंबर को राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं। मुफ्त राशन योजना का जिक्र कर उन्होंने मंच से ही कांग्रेस को घेर लिया। पीएम ने कांग्रेस को कांग्रेस की बातों से ही घेरा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि वो गरीबों के लिए मुफ्त राशन योजना को पांच साल बढ़ाने के उनके वादे के बारे में चुनाव आयोग से शिकायत करेंगे। उन्हें यह पाप करने दीजिए। वह लोगों के लिए अच्छा काम करना जारी रखेंगे।
पीएम ने इस दौरान छत्तीसगढ़ और राजस्थान की भी बात की। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है। प्रधानमंत्री बोले कि लोगों ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान में कांग्रेस को सत्ता सौंपी। लेकिन, उनके मुख्यमंत्री सट्टेबाजी और काला धन पैदा करने में शामिल पाए गए। प्रधानमंत्री ने अपने कार्यकाल में हुई आर्थिक तरक्की का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2014 के बाद देश की अर्थव्यवस्था 200 से ज्यादा सालों तक देश पर शासन करने वाले ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया में 10वें से 5वें स्थान पर पहुंच गई। 2014 में जब बीजेपी सत्ता में आई तो देश की अर्थव्यवस्था दुनिया में 10वें स्थान पर थी। धीरे-धीरे यह 9वें, 8वें, 7वें और 6ठे स्थान पर पहुंची। लेकिन, कहीं कोई इसके बारे में बात नहीं कर रहा था।
मुफ्त राशन योजना को आगे बढ़ाने की घोषणा के बाद कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। कांग्रेस ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि पीएम का विधानसभा चुनावों के बीच में स्कीम को पांच साल के लिए बढ़ाने का ऐलान आचार संहिता का उल्लंघन है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा था कि पार्टी नेताओं का प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से मिलेगा। उसके हस्तक्षेप की मांग करेगा। इसका कारण बताते हुए रमेश बोले थे कि प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के बिना यह घोषणा की। उन्होंने कहा था कि पार्टी ने चुनाव आयोग से समय मांगा है। लेकिन वह पीएम की घोषणा के खिलाफ चुनाव आयोग में ऑनलाइन शिकायत भी दर्ज करेगी। साथ ही प्रधानमंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह करेगी।
इसके पहले रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया था। इसमें उन्होंने लिखा था, ‘पूरी तरह से हताश और निराश प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के बीच में पीएम गरीब कल्याण योजना को पांच साल के लिए आगे बढ़ाने की घोषणा की। यह आदर्श आचार संहिता का सरासर उल्लंघन है।’ उन्होंने सवाल किया कि क्या निर्वाचन आयोग इस पर ध्यान देगा और कार्रवाई करेगा। अब यह पता चला है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अभी तक इस योजना को आगे बढ़ाने को मंजूरी नहीं दी है। असल में यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। कारण है कि प्रधानमंत्री मोदी इसी तरह से काम करते हैं। कैबिनेट का तो कोई महत्व ही नहीं है। पहले उनका ऐलान, उसके बाद कैबिनेट की मंजूरी। याद है, 8 नवंबर 2016 की नोटबंदी?’ उन्होंने दावा किया था कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना खुद राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 का रीब्रांड किया हुआ और नया स्वरूप है। मुख्यमंत्री के रूप में इस अधिनियम का मोदी ने काफी विरोध किया था। अब पांच साल के लिए इसका विस्तार न केवल प्रधानमंत्री की कमजोर होती छवि बल्कि गहराते आर्थिक संकट और वित्तीय पीड़ा को भी दिखाता है।