ड्राइवर की हड़ताल अब रुक सकती है! नए कानून में हिट ऐंड रन मामलों में कड़ी सजा के खिलाफ ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल दूसरे दिन भी जारी रही। इस कारण से जम्मू-कश्मीर से महाराष्ट्र तक कई राज्यों में तेल, फल-सब्जी समेत जरूरी चीजों की सप्लाई पर असर पड़ा। एमपी और राजस्थान समेत 10 राज्यों से पेट्रोल पंप खाली होने की खबरें आईं। पेट्रोलियम उद्योग से जुड़े लोगों ने बताया कि उत्तर भारत में 2000 पेट्रोल पंप खाली हो गए हैं। डर के मारे जरूरी चीजें जमा करने का खतरा बढ़ गया है। इस बीच केंद्र सरकार ने हड़ताली समूहों से बातचीत शुरू की है। केंद्रीय गृह सचिव ने मंगलवार शाम हड़ताली समूहों से बात भी की। दिन में ट्रांसपोर्टरों की सबसे बड़ी यूनियन ‘ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस’ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हड़ताली ड्राइवरों के प्रति समर्थन जताया और सरकार से नया कानून वापस लेने की मांग की। कांग्रेस भी हड़तालियों के समर्थन में है। दिल्ली में भी अन्य दिनों की तुलना में पेट्रोल पंपों में ज्यादा भीड़ देखी गई। लेकिन चारों तेल में डिपो सप्लाई बेअसर रही। लेकिन 400 क्लस्टर बसें सड़कों पर नहीं उतरीं। वहीं, ISBT में भी यूपी और पंजाब की तरफ जाने वाली बसें कम रहीं। दूसरे राज्यों में विरोध प्रदर्शनों का असर सप्लाई पर एक-दो दिन में दिख सकता है। महाराष्ट्र के नासिक में ट्रक चालकों ने हड़ताल वापस ली है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि हड़ताल तुरंत खत्म करवाएं। ड्राइवरों में डर, गुस्सा, चिंता है। अगर कोई रास्ता नहीं निकला, तो हालात गंभीर हो सकते हैं। एक ही हल है, सरकार नए कानून को वापस ले।
भारतीय न्याय संहिता-2023 के नए हिट ऐंड रन कानून का विरोध कर रहे ट्रक और बस ऑपरेटर्स मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि कुछ लोगों को गलतफहमी हो गई है। नए कानून में कहीं कोई कमी नहीं है। यह सभी के लिए अच्छा है। इसके तहत कोशिश की गई है कि हादसे के बाद सड़क पर तड़पते इंसान की जिंदगी बचाई जाए। कानून में जो भी बदलाव किए गए हैं वह सुप्रीम कोर्ट के ऑब्जर्वेशन के तहत किए गए हैं। हिट ऐंड रन के कई मामलों में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती बरतने की बात कही है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि लापरवाही से गाड़ी चलाने पर हुई दुर्घटना के बाद अगर किसी ट्रक या दूसरे गाड़ी के ड्राइवर को लगता है कि उनके साथ मॉब लिंचिंग जैसा या फिर दूसरी किसी तरह की घटना हो सकती है तो वह मौके से जा सकते हैं। मगर, ऐसा न हो कि सड़क दुर्घटना के बारे में पुलिस या फिर मैजिस्ट्रेट को बताया ही न जाए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को ऐसे मामलों में कहा कि मौके के हालात अगर बेहद विपरीत हैं, तो आरोपी गाड़ी वाला मौके से कुछ दूर जाकर पुलिस या मैजिस्ट्रेट को सूचना दे सकता है। वह अगर थाने में जाने की स्थिति में नहीं है तो पुलिस कंट्रोल रूम में 108 पर फोन करके अपनी और अपनी गाड़ी के रजिस्ट्रेशन नंबर की पूरी पहचान बताते हुए यह कह सकता है कि उसे पुलिस जब भी जांच के लिए बुलाएगी वह उपलब्ध होगा। ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ हिट ऐंड रन की अधिकतम 10 साल की सजा वाली धारा में न बुक करके अधिकतम पांच साल तक की सजा वाले में बुक किया जाएगा।
हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि हिट एंड रन के तमाम मामलों में पहली कोशिश यही होनी चाहिए कि आरोपी गाड़ी लेकर न भागे। उसे पुलिस या मैजिस्ट्रेट को दे। इसके अलावा यह भी कोशिश करे कि घायल को किसी न किसी तरह से अस्पताल पहुंचाया जा सके।
हिट ऐंड रन में दो सब-सेक्शन 106 (1) और 106 (2) हैं। सब-सेक्शन 106 (1) कहता है कि अगर आरोपी घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मैजिस्ट्रेट को लापरवाही से गाड़ी चलाने से हुई मौत की घटना की रिपोर्ट करता है तो उस पर सब-सेक्शन 106 2 के तहत नहीं बल्कि सब-सेक्शन 106 1 के तहत कार्रवाई की जाएगी। सब-सेक्शन 106 1 अधिकतम पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। यह जमानती भी है। एक्सिडेंट करके आरोपी भाग जाता है और पुलिस या मैजिस्ट्रेट किसी को तुरंत जानकारी नहीं देता है तो उसके खिलाफ धारा 106 (2) के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसमें अधिकतम सजा 10 साल तक की है। यह गैर-जमानती है। दोनों मामलों में जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।