Friday, October 18, 2024
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क्या अब बच्चों के अंदर से गणित का डर होगा खत्म?

अब बच्चों के अंदर से गणित का डर खत्म करने की बात कही जा रही है! अगर आपको या आपके परिवार में स्कूल जाने वाले किसी बच्चे को गणित विषय से डर लगता है, तो ये खबर आपके लिए ही है। नई शिक्षा नीति के तहत नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क का ड्राफ्ट जारी किया गया है। इस ड्राफ्ट में गणित विषय के डर को दूर करने के लिए इसे भाषा और फिजिकल एजुकेशन जैसे विषयों के साथ जोड़ा गया है। इससे बच्चों को गणित विषय में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही ऐसी कुप्रथाएं भी दूर होंगी जो कई लड़कियों को इस विषय को पढ़ने में हतोत्साहित करती हैं। आपने कई लोगों को ये कहते हुए सुना होगा कि अगर गणित को अच्छी तरह पढ़ाया जाए तो ये बेहद रोचक और मजेदार लगता है। ये एक ऐसा विषय है, जो स्टेप बाइज पढ़ाया जाता है और हर स्टेप को सीख कर ही स्पष्ट किया जा सकता है। गणित की शुरुआत ‘संख्या पद्धति यानी नंबर सिस्टम से होती है। इसके बाद धीरे-धीरे जोड़, घटाव, गुणा, भाग सिखाया जाता है। इसके अगले स्टेप में आकार और माप सिखाया जाता है। इसी तरह अगले स्टेप में कुछ थ्योरम, अवधारणाएं और सूत्रों का अध्ययन कराया जाता है। स्कूल में सेकेंडरी स्तर पर जाकर गणित के तार्किक चीजें सिखाई जाती हैं।

स्कूल स्तर गणित शिक्षा के बारे में NCF ड्राफ्ट में काफी ध्यान दिया गया है। ड्राफ्ट में पैटर्न खोजने, अनुमान लगाने, तर्क के साथ सिद्ध करना, गणितीय समस्याओं का समाधान, कम्प्यूटेशनल थिंकिंग, संख्याओं का अर्थ और ज्ञान, ज्यामिति, बीजगणित, प्रायिकता और सांख्यिकी जैसी क्षमताओं को डेवलेप करने पर जोर देने के लिए कहा गया है। कई गणित एक्सपर्ट्स इस विषय की तुलना आर्ट से करते हैं। इसे देखते हुए NCF ड्राफ्ट में कहा गया है कि गणित एजुकेशन का उद्देश्य बच्चों में क्रिएटिविटी, सुंदरता और गणित के असली मतलब को समझने के लिए तैयार करना है। NCF में पैटर्न में जो बदलाव किया गया है वो भी इसे ही दर्शाता है। जैसे इसमें गणित को खेल और भाषा जैसे विषयों के साथ पढ़ाए जाने की सिफारिश की गई है। गणित विषय के डर के दो प्रमुख पहलुओं को लेकर ड्राफ्ट में कहा गया है कि विषय के प्रति डर इसकी प्रकृति और पढ़ाने के तरीके की वजह से है। साथ ही सामाजिक धारणाओं और अपेक्षाओं से भी इसे बल मिलता है।

NCF ड्राफ्ट में कहा गया है कि ज्यादातर जगह गणित को पढ़ाने के लिए सूत्रों और प्रकियाओं को रटाने पर फोकस होता है। जबकि हमें गणित की तकनीक को समझने और तर्क पर ध्यान देना चाहिए। कई गणित एक्सपर्ट्स इस विषय की तुलना आर्ट से करते हैं। इसे देखते हुए NCF ड्राफ्ट में कहा गया है कि गणित एजुकेशन का उद्देश्य बच्चों में क्रिएटिविटी, सुंदरता और गणित के असली मतलब को समझने के लिए तैयार करना है। NCF में पैटर्न में जो बदलाव किया गया है वो भी इसे ही दर्शाता है। जैसे इसमें गणित को खेल और भाषा जैसे विषयों के साथ पढ़ाए जाने की सिफारिश की गई है। गणित विषय के डर के दो प्रमुख पहलुओं को लेकर ड्राफ्ट में कहा गया है कि विषय के प्रति डर इसकी प्रकृति और पढ़ाने के तरीके की वजह से है। साथ ही सामाजिक धारणाओं और अपेक्षाओं से भी इसे बल मिलता है।हमें समझना चाहिए कि गणित में टेक्निक का इस्तेमाल कब और कैसे करना है। इसके अलावा समाज में ये धारणा बनी हुई है कि गणित लड़कियों का विषय नहीं है। लड़कियां गणित को पढ़ने या समझने में सक्षम नहीं होती। ड्राफ्ट में इस तरह की धारणाओं को तोड़ने पर भी जोर देने की बात कही गई है।

एनसीएफ के ड्राफ्ट में सीखने की प्रक्रिया के लिए मॉड्यूल और शिक्षण के पांच तरीके सुझाए गए हैं।कई गणित एक्सपर्ट्स इस विषय की तुलना आर्ट से करते हैं। इसे देखते हुए NCF ड्राफ्ट में कहा गया है कि गणित एजुकेशन का उद्देश्य बच्चों में क्रिएटिविटी, सुंदरता और गणित के असली मतलब को समझने के लिए तैयार करना है। NCF में पैटर्न में जो बदलाव किया गया है वो भी इसे ही दर्शाता है। जैसे इसमें गणित को खेल और भाषा जैसे विषयों के साथ पढ़ाए जाने की सिफारिश की गई है। गणित विषय के डर के दो प्रमुख पहलुओं को लेकर ड्राफ्ट में कहा गया है कि विषय के प्रति डर इसकी प्रकृति और पढ़ाने के तरीके की वजह से है। साथ ही सामाजिक धारणाओं और अपेक्षाओं से भी इसे बल मिलता है। इसमें गतिविधि आधारित, खोज आधारित, समस्या समाधान, इंडक्टिव और डिडक्टिव तरीके शामिल हैं। ड्राफ्ट में रेमेडियल टीचिंग का भी सुझाव दिया गया है। जूनियर लेवल पर गणित के शिक्षण के लिए हर महीने मूल्यांकन का सुझाव दिया है। जबकि सेकेंडरी लेवल पर तीन महीने में परीक्षा कराने का सुझाव दिया है। इसमें लिखित और मौखिक दोनों तरह की परीक्षाओं की बात कही गई है।

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