बीते दिनों 11 जुलाई को विश्व में विश्व जनसंख्या दिवस तौर पर बनाया। भारत में जनसंख्या का बढ़ना भारत के लिए चिंता की बात बना हुआ है विशेषज्ञों की माने तो आने वाले वर्ष में भारत चीन को पीछे करते हुए दुनिया में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएगा। वही इस बीच भारत के जनसंख्या का बढ़ना एक अच्छा संदेश लाया है। जी हां सुरक्षा परिषद में भारत की बढ़ती जनसंख्या भारत को स्थाई सदस्य बना सकती है। भारत, जो 2023 तक दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश के रूप में चीन को पछाड़ देगा, का अनुमान है कि 2050 में 1.668 बिलियन की आबादी होगी, जो सदी के मध्य तक चीन के 1.317 बिलियन लोगों से बहुत आगे है।
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग (डीईएसए) के जनसंख्या प्रभाग के निदेशक जॉन विल्मोथ ने सोमवार (11 जुलाई, 2022) को कहा कि सबसे बड़ी आबादी वाले देश के रूप में भारत के उभरने से चीजों पर कुछ दावे हो सकते हैं,अगर जनसंख्या के लिहाज़ से भारत दुनिया में सबसे बड़ा देश बन जाता है, तो वे सोच सकते हैं कि इससे उन्हें यह दावा मिलता है कि उन्हें सुरक्षा परिषद में स्थाई हिस्सा होना चाहिए। साथ ही आधिकारी का कहना है की भारत दावा कर रहा हैं कि उन्हें वैसे भी उस समूह (सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य) का हिस्सा होना चाहिए। लेकिन,हम जानते हैं की भारत की बढ़ती जनसंख्या भारत के इस दावे को और मजबूत कर सकता है। विल्मोथ ने वैश्विक जनसंख्या पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के शुभारंभ पर न्यूयॉर्क में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान भारत के चीन से आगे निकलने के निहितार्थ पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि भारत काफ़ी लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए बात कर रहा है। यह कहते हुए आधिकारी ने बताया की इसे वर्तमान वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करना चाहिए और कहा कि मुझे लगता है कि भारत नई परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में एक स्थान की हकदार है।
आईए जानते है क्या है संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद?
सुरक्षा परिषद की स्थापना 1945 में संयुक्त राष्ट्र चार्टर द्वारा की गई थी। यह संयुक्त राष्ट्र के छह प्रमुख अंगों में से एक है।
संयुक्त राष्ट्र के अन्य 5 अंगों में शामिल हैं- संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA), ट्रस्टीशिप परिषद, आर्थिक और सामाजिक परिषद, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय एवं सचिवालय।यह मुख्य तौर पर अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने हेतु उत्तरदायी है।परिषद का मुख्यालय न्यूयॉर्क में स्थित है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सदस्य ?
सुरक्षा परिषद में कुल 15 सदस्य होते हैं: पाँच स्थायी सदस्य और दो वर्षीय कार्यकाल हेतु चुने गए दस अस्थायी सदस्य।
पाँच स्थायी सदस्य संयुक्त राज्य अमेरिका, रूसी संघ, फ्राँँस, चीन और यूनाइटेड किंगडम हैं।
भारत ने पिछले वर्ष (2021) आठवीं बार एक अस्थायी सदस्य के रूप में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रवेश किया था और दो वर्ष यानी वर्ष 2021-22 तक परिषद में रहेगा।प्रतिवर्ष महासभा दो वर्ष के कार्यकाल के लिये पाँच अस्थायी सदस्यों (कुल दस में से) का चुनाव करती है। दस अस्थायी सीटों का वितरण क्षेत्रीय आधार पर किया जाता है।परिषद की अध्यक्षता प्रतिमाह 15 सदस्यों के बीच रोटेट होती है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद मतदान शक्ति किस के पास है।
सुरक्षा परिषद के प्रत्येक सदस्य का एक मत होता है। सभी मामलों पर सुरक्षा परिषद के निर्णय स्थायी सदस्यों सहित नौ सदस्यों के सकारात्मक मत द्वारा लिये जाते हैं, जिसमें सदस्यों की सहमति अनिवार्य है। पाँच स्थायी सदस्यों में से यदि कोई एक भी प्रस्ताव के विपक्ष में वोट देता है तो वह प्रस्ताव पारित नहीं होता है।
संयुक्त राष्ट्र का कोई भी सदस्य जो सुरक्षा परिषद का सदस्य नहीं है, बिना वोट के सुरक्षा परिषद के समक्ष लाए गए किसी भी प्रश्न की चर्चा में भाग ले सकता है, यदि सुरक्षा परिषद को लगता है कि उस विशिष्ट मामले के कारण उस सदस्य के हित विशेष रूप से प्रभावित होते हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और भारत।
भारत ने वर्ष 1947-48 में मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (यूडीएचआर) के निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लिया और दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पूर्व उपनिवेशों को स्वीकार करने, मध्य पूर्व में प्राणघातक संघर्षों को संबोधित करने और अफ्रीका में शांति बनाए रखने जैसे कई मुद्दों पर निर्णय लेने में अपनी भूमिका निभाई है। इसने संयुक्त राष्ट्र में विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के रखरखाव के लिये बड़े पैमाने पर योगदान दिया है। भारत ने 43 शांति अभियानों में भाग लिया है, जिसमें कुल योगदान 160,000 से अधिक सैनिकों और महत्त्वपूर्ण संख्या में पुलिस कर्मियों का है।
भारत की जनसंख्या, क्षेत्रीय आकार, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), आर्थिक क्षमता, सभ्यतागत विरासत, सांस्कृतिक विविधता, राजनीतिक व्यवस्था और संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों में अतीत तथा वर्तमान में भारत द्वारा दिये जा रहे योगदानों ने इसकी यूएनएससी में स्थायी सीट की मांग को पूरी तरह से तर्कसंगत बना दिया है।
मौजूदा हालत को ध्यान में रखा जाए तो हो सकता है आने वाले साल में भारत को भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद स्थाई सदस्यता मिल सकती है।