Monday, December 23, 2024
HomeIndian Newsक्या अब भारतीय रक्षा विभाग को मिलेगा अमेरिका का साथ?

क्या अब भारतीय रक्षा विभाग को मिलेगा अमेरिका का साथ?

अब भारतीय रक्षा विभाग को अमेरिका का साथ मिल जाएगा! भारत और अमेरिका के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग और समर्थन बढ़ाने पर सहमति बन गई है। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की मीटिंग में फैसला हुआ कि रक्षा औद्योगिक सहयोग की रूपरेखा तैयार की जाएगी। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने भारत के अपने समकक्ष राजनाथ सिंह के साथ लंबी चर्चा के बाद सोमवार को इसकी पुष्टी की। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका ने रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रूपरेखा तैयार करने का फैसला किया है। ऑस्टिन ने एक संवाददाता सम्मेलन में भारत-अमेरिका वैश्विक सामरिक साझेदारी को मुक्त एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र की आधारशिला भी बताया। ऑस्टिन रविवार को दो दिवसीय यात्रा पर दिल्ली आए। खास बात यह है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री की यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा से दो सप्ताह पहले हुई है। ऑस्टिन ने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मिले। उन्होंने बताया कि उनकी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजित डोभाल से सार्थक चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारी साझेदारी तेजी से बढ़ रही है और हम रक्षा औद्योगिक सहयोग का विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं।

ध्यान रहे कि समुद्री, सैन्य और हवाई क्षेत्रों में क्षमता विस्तार के लिए अमेरिका और भारत अत्याधुनिक तकनीक के आदान-प्रदान पर सहमत हो गए हैं। ऑस्टिन ने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मिले। उन्होंने बताया कि उनकी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजित डोभाल से सार्थक चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारी साझेदारी तेजी से बढ़ रही है और हम रक्षा औद्योगिक सहयोग का विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं।खासकर अमेरिका ने भारत को आधुनिकतम तकनीक देने पर सहमति जताई है। उसने ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपनों को उड़ाने देने के लिए भारत के रक्षा उद्योग को हर जरूरी सहयोग का वादा किया है।

इसके साथ ही, मिडल ईस्ट, साउथ एशिया, साउथ ईस्ट एशिया और इंडो पैसिफिक रीजन के देशों पर कोई अपनी मर्जी नहीं थोप पाए, यह सुनिश्चित करने पर भी भारत-अमेरिका के बीच गंभीर बातचीत हुई। निश्चित तौर पर बातचीत के केंद्र बिंदु में चीन के नापाक इरादे ही रहे।ऑस्टिन ने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मिले। उन्होंने बताया कि उनकी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजित डोभाल से सार्थक चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारी साझेदारी तेजी से बढ़ रही है और हम रक्षा औद्योगिक सहयोग का विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं। डोभाल और ऑस्टिन की बातचीत में भारत और अमेरिका के बीच आपूर्ति के विश्वसनीय स्रोतों, लचीले सप्लाई चेन्स और दोनों देशों के उद्योगों के बीच आपसी तालमेल पर भी फोकस रहा।

इससे पहले, ऑस्टिन की यात्रा की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया था कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अमेरिकी रक्षा मंत्री ऑस्टिन लड़ाकू विमानों के इंजन के लिए भारत के साथ टेक्नॉलजी साझा करने के जनरल इलेक्ट्रिक के प्रस्ताव और अमेरिकी रक्षा उपकरण कंपनी जनरल एटॉमिक्स एयरोनॉटिकल सिस्टम्स इंक से तीन अरब अमेरिकी डॉलर के 30 एमक्यू-9बी सशस्त्र ड्रोन खरीदने की भारत की योजना पर चर्चा कर सकते हैं।

बहरहाल, अपने अमेरिकी समकक्ष से बातचीत के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मुक्त, खुले और नियम आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत-अमेरिका साझेदारी महत्वपूर्ण है।ऑस्टिन ने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मिले। उन्होंने बताया कि उनकी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजित डोभाल से सार्थक चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारी साझेदारी तेजी से बढ़ रही है और हम रक्षा औद्योगिक सहयोग का विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि भारत क्षमता निर्माण तथा रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में अमेरिका के साथ मिलकर काम करने को उत्सुक है। सिंह ने ट्वीट किया, ‘मेरे दोस्त रक्षा मंत्री ऑस्टिन से नई दिल्ली में मुलाकात करके खुश हूं। हमारी बातचीत सामरिक हितों के अभिसरण और सुरक्षा सहयोग बढ़ाने समेत कई क्षेत्रों में रक्षा सहयोग मजबूत करने पर केंद्रित रही।’

रक्षा मंत्री सिंह ने कहा, ‘मुक्त, खुले और नियमों पर आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए भारत-अमेरिका साझेदारी महत्वपूर्ण है।ऑस्टिन ने यहां राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मिले। उन्होंने बताया कि उनकी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और एनएसए अजित डोभाल से सार्थक चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमारी साझेदारी तेजी से बढ़ रही है और हम रक्षा औद्योगिक सहयोग का विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं। हम क्षमता निर्माण के क्षेत्रों तथा हमारी रणनीतिक साझेदारी और मजबूत करने के लिए अमेरिका के साथ मिलकर काम करने को लेकर उत्सुक हैं।’

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments