Monday, December 23, 2024
HomeIndian Newsक्या चुनावी दंगल के बीच नेताओं को होगी जेल?

क्या चुनावी दंगल के बीच नेताओं को होगी जेल?

वर्तमान में चुनावी दंगल के बीच नेताओं को जेल हो सकती है! सीबीआई ने इस मामले में तेजस्वी यादव, उनके पिता लालू प्रसाद, मां राबड़ी देवी और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। ईडी ने तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद को पूछताछ के लिए नया समन जारी किया है। ईडी ने हाल ही में केस के सिलसिले में लालू प्रसाद के परिवार की 6 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की थी। कुर्क की गई संपत्तियों में दिल्ली की न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में एक आवासीय मकान सहित दिल्ली और पटना की संपत्तियां शामिल हैं। सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी और बेटे तेजस्वी को ‘अंतिम लाभार्थी’ बताया है। हालांकि, तीनों ने आरोपों से इनकार किया है। मिली जानकारी के मुताबिक, सीबीआई जल्द ही एक और चार्जशीट दाखिल करेगी। यह एक और मामला है जो लालू, तेजस्वी, राबड़ी देवी और अन्य सह-आरोपियों के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है क्योंकि सीबीआई ने उनके खिलाफ आरोप तय करने पर बहस की है। आरोप तय करने पर दलीलें सुनने वाले जज के ट्रांसफर के कारण मुकदमा शुरू नहीं हो सका। अभियोजन पक्ष और आरोपी नए जज के सामने आरोपों पर नए सिरे से बहस करेंगे। ईडी ने मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच के सिलसिले में मार्च में लालू, तेजस्वी और लालू की बेटियों के आवास पर छापेमारी की थी। सीबीआई ने जुलाई 2017 में लालू-राबड़ी, तेजस्वी और अन्य पर आईआरसीटीसी होटलों के टेंडर की शर्तों में बदलाव करके कथित तौर पर गलत लाभ कमाने का मामला दर्ज किया था। सीबीआई के अनुसार, लालू ने आईआरसीटीसी के अधिकारियों और पत्नी राबड़ी के साथ बनाई मुखौटा कंपनी के मालिकों के जरिए पटना में चाणक्य होटल और सुजाता होटल के मालिकों के साथ मिलीभगत करके घोटाला किया है। ईडी ने नवंबर में कांग्रेस से जुड़े यंग इंडिया लिमिटेड के मालिकाना हक वाले अखबार नैशनल हेराल्ड केस से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में 751.9 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की थी। एजेंसी ने जून और जुलाई में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से तीन बार में लगभग 12 घंटे तक पूछताछ की थी।

इससे पहले, उनके बेटे राहुल गांधी से भी एजेंसी ने जुलाई में पांच मौकों पर 50 घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की थी। एजेंसी संपत्तियों की कुर्की की पुष्टि करेगी और कार्रवाई करेगी। आयकर विभाग ने 2013 में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत पर उनके खिलाफ जांच शुरू की थी। यह आरोप लगाया गया है कि गांधी परिवार ने नेशनल हेराल्ड अखबार के अधिग्रहण में धोखाधड़ी की और धन का दुरुपयोग किया, जो एजेएल द्वारा प्रकाशित और यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व में है। गांधी परिवार ने बार-बार आरोपों से इनकार किया है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने आरोप लगाया था कि गांधी परिवार ने यंग इंडिया के जरिए अखबार के पूर्व प्रकाशकों को खरीदकर नैशनल हेराल्ड के स्वामित्व वाली संपत्तियों का अधिग्रहण किया, जिसमें उनकी 86% हिस्सेदारी है। कांग्रेस ने इस मामले को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया है। ईडी ने गांधी परिवार पर ’50 लाख रुपये का भुगतान करके एजेएल की 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का दुरुपयोग करने’ का आरोप लगाया है।

ईडी बीकानेर जमीन खरीद मामले में कथित संलिप्तता को लेकर सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के कथित सहयोगी महेश नागर पर अपना शिकंजा कसने जा रही है। ईडी ने आरोप लगाया है कि नागर ने ‘रॉबर्ट वाड्रा से प्राप्त निर्देशों के अनुसार काम किया क्योंकि वौ नौकरी पर हैं’। वाड्रा पर आरोप है कि उन्होंने 275 बीघे की संपत्ति 72 लाख रुपये में खरीदी और उसी को बेचकर 615 फीसदी का मुनाफा कमाया। एजेंसी ने 2019 में जांच के सिलसिले में वाड्रा और उनकी मां से पूछताछ की। ईडी ने अपनी जांच में निष्कर्ष निकाला था कि न तो रॉबर्ट वाड्रा और न ही उनकी कंपनी मेसर्स स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने बीकानेर में दो लैंड पार्सल खरीदने में ‘उचित नियमों’ का पालन नहीं किया था। ईटी ने सबसे पहले 14 जनवरी, 2020 को रिपोर्ट दी थी कि वाड्रा, ईडी को बीकानेर के दो गांवों में जमीन खरीदने के लिए पैसे का स्रोत नहीं बता पाए थे। वाड्रा ने ईडी को बताया था कि उन्होंने बीकानेर की जमीनें सिर्फ गूगल मैप पर देखी थीं। ईडी के अनुसार, जब कंपनी ने कुछ लाख में कथित तौर पर धोखाधड़ी से खरीदी थीं, तो वाड्रा स्काईलाइट की 99% इक्विटी के साथ मेसर्स स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के ‘सक्रिय निदेशक’ थे।

आप के दो वरिष्ठ नेता, पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह, पहले से ही उत्पाद शुल्क नीति एक्साइज पॉलिसी में उनकी कथित संलिप्तता के लिए सलाखों के पीछे हैं और जांच एजेंसियों के रडार पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल आ गए हैं। सीबीआई अप्रैल में ही केजरीवाल से पूछताछ कर चुकी है तो ईडी उनसे पूछताछ करना चाहती है और उसे तीन बार समन जारी कर चुकी है। केजरीवाल ने समन को ‘राजनीति से प्रेरित और अवैध’ बताकर ईडी के सामने से पेश होने से इनकार कर दिया है। अगर जांच एजेंसियां ​​आम आदमी पार्टी को मामले में आरोपी बनाने का फैसला करती हैं तो पार्टी विधायकों के लिए और परेशानी बढ़ सकती है। सीबीआई और ईडी की ओर से पेश केंद्र सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया था कि एजेंसियां ​​मामले में आप को आरोपी बनाने पर विचार कर रही हैं। फरवरी में एक स्थानीय अदालत ने दिल्ली सरकार की अब समाप्त हो चुकी शराब नीति में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में ईडी की दायर सप्लीमेंट्री चार्जशीट पर संज्ञान लिया।

इसमें आरोप लगाया गया है कि आप ने पॉलिसी से जुटाए गए पैसे का इस्तेमाल गोवा चुनाव प्रचार के लिए किया। आरोप पत्र में केजरीवाल और मामले के आरोपी इंडोस्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू के बीच एक कथित कॉल का जिक्र किया गया था, जिसमें केजरीवाल ने कथित तौर पर उनसे आप संचार प्रभारी विजय नायर के साथ काम करते रहने के लिए कहा था। केजरीवाल ने आरोपों को काल्पनिक बताया।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और अन्य लोग जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन में कथित अनियमितताओं के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जांच का सामना कर रहे हैं। अब्दुल्ला और सह-अभियुक्तों को जुलाई 2022 में श्रीनगर की एक अदालत ने तलब किया था। अदालत ने जून 2022 में ईडी के पूरक अभियोजन शिकायत (चार्जशीट के बराबर) पर संज्ञान लेने के बाद अब्दुल्ला और अन्य को तलब किया था। ईडी ने पहले कहा था कि पूरक आरोप पत्र तीन अनंतिम कुर्की आदेशों से पहले दायर किया गया था। इसमें अब्दुल्ला, मेसर्स मिर्जा संस, गजानफर और मिर्जा की कुल मिलाकर 21.55 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियां अटैच की गई थीं।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments