लोकसभा चुनावों में जंगलराज का सियासी जाल चल सकता है! लोकसभा का चुनाव भले 2024 में हो, पर बिहार में लोकसभा चुनाव की तैयारियां चरम पर है। एक दूसरे पर हमले का कोण काफी त्वरित और निरंतर होने लगा है। इस हमले में न तो महागठबंधन और न एनडीए ही पीछे है। भाजपा नीत एनडीए सरकार ने तय कर लिया कि लोकसभा चुनाव भले 2024 में हो, पर भाजपा 1990 में बिहार के हालात यानी जंगलराज को ही अपना चुनावी मुद्दा बनाएगी। हो यह रहा है कि सदन से सड़क तक भाजपा नीत एनडीए के रणनीतिकार बार बार राज्य की जनता को जंगलराज की याद दिला रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा महागठबंधन की सरकार को जंगलराज पार्ट-3 की उपाधि से नवाज रहे हैं। घोटाले को लेकर सीएम नीतीश पर चुप्पी साधे बैठे हैं। हत्याओं का दौर शुरू हो गया है। कई अपहरण के मामले बिहार में सामने आए हैं। हत्या लगातार हो रही है। हर तरफ भय का माहौल है। बछवारा में 10 साल की बच्ची को तेजाब छिड़क कर मार दिया गया और 10 फीट गड्ढे में उसे दफना दिया गया। मुजफ्फरपुर में भी उसी तरह दुष्कर्म करके लाश को दो टुकड़ों में काटकर अर्धनग्न अवस्था में फेंक दिया गया। हाल ही में घटी इन घटनाओं ने लोगों को 90 के दशक की याद दिला दिया, जब छह इंच छोटा करने की बात कही जाती थी। तो यही है कि जिस जंगलराज से लड़ कर नीतीश कुमार ने अलग छवि बनाई थी अब उस इमेज को खुद तोड़कर जंगलराज के नायक लालू प्रसाद यादव के हाथों बिहार की सत्ता को सौंपने का काम किया है। बिहार में फिर अपहरण उद्योग तेजी से फलने फूलने लगेगा।
सदन में अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में लोक जनशक्ति रामविलास पार्टी सुप्रीमो चिराग पासवान ने कहा कि यह पहला और अनोखा अविश्वास प्रस्ताव है जो सरकार को और अधिक मजबूती प्रदान करेगा। पिछले 3 दिनों से मणिपुर की घटना पर बहस चल रही है, जो लोग मणिपुर की घटना पर आंसू बहा रहे हैं वे लोग को बिहार के दरभंगा, मुजफ्फरपुर, अरवल की घटना पर क्यों चुप है? यह दोहरा चरित्र दर्शाता है। बिहार में यह लोग क्यों नहीं गए? दरभंगा क्यों नहीं गए? मुजफ्फरपुर क्यों नहीं गए? अरवल क्यों नहीं गए? चिराग पासवान ने कहा कि बछवारा में 10 साल की बच्ची को तेजाब छिड़क कर मार दिया गया और 10 फीट गड्ढे में उसे दफना दिया गया। मुजफ्फरपुर में भी उसी तरह दुष्कर्म करके लाश को दो टुकड़ों में काटकर अर्धनग्न अवस्था में फेंक दिया गया। हाल ही में घटी इन घटनाओं ने लोगों को 90 के दशक की याद दिला दिया, जब छह इंच छोटा करने की बात कही जाती थी।
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सरकार में अराजकता की स्थिति है। अब बिना लालू यादव के बिहार में कुछ भी नहीं हो रहा है। हर फैसले के लिए नीतीश कुमार को लालू जी के पास दौड़कर जाना पड़ता है। बिहार में अब 2005 के पहले वाली स्थिति हो गई है। जंगलराज फिर से बिहार में आने लगा है। वो भी तब जब राजद अभी आधी-अधूरी ही सरकार में हैं। जब पूर्ण रूप से राजद सत्ता में आ जाएगी तब बिहार की क्या दुर्दशा होगी? इसकी कल्पना की जा सकती है। नीतीश कुमार, लालू प्रसाद के सामने घुटने टेक चुके हैं। अब बिना लालू यादव के बिहार में कुछ नहीं हो रहा है।
चुनावी हमले की दिशा तो कुछ दिन पहले ही अमित शाह ने रच दी थी। आपको बता दें कि बछवारा में 10 साल की बच्ची को तेजाब छिड़क कर मार दिया गया और 10 फीट गड्ढे में उसे दफना दिया गया। मुजफ्फरपुर में भी उसी तरह दुष्कर्म करके लाश को दो टुकड़ों में काटकर अर्धनग्न अवस्था में फेंक दिया गया। हाल ही में घटी इन घटनाओं ने लोगों को 90 के दशक की याद दिला दिया, जब छह इंच छोटा करने की बात कही जाती थी। वह समय था जब अमित शाह जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन के द्वारा उठाए सवालों का जवाब दे राह थे। जब ललन सिंह ने लोक लाज की बात सदन में उठाई तभी अमित शाह ने ललन सिंह जी आपके मुंह से शोभा नहीं देती। अरे,आप क्या बोलिएगा। आप ही थे न जो जंगलराज के विरुद्ध आंदोलन चला कर सत्ता में आए थे! आप ही न चारा घोटाला को उजागर किया था। भाजपा को रेलवे होटल घोटाला का कागजात किसने उपलब्ध कराया। जमीन दो नौकरी लो का भी कागज उपलब्ध कराया था। आज कहां हैं ललन बाबू। जनता सब याद रखती है ललन बाबू।