रिपोर्ट के मुताबिक रूस यूक्रेन का युद्ध अब खत्म हो सकता है! यूक्रेन के रक्षा मंत्री के एक बयान के बाद ऐसा लगता है कि रूस के साथ जारी जंग आने वाले दिनों में खत्म हो जाए। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने रूस के साथ बातचीत की बात कही है। रूस और यूक्रेन की जंग फरवरी 2022 से जारी है। पिछले दिनों रूस से यूक्रेन के नोवा कखोवका बांध को भी ब्लास्ट करके उड़ा दिया है। फिलहाल बातचीत वाले बयान पर रूस की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। मगर दोनों देश अगर बातचीत की टेबल पर आते हैं तो यह एक बड़ा घटनाक्रम होगा। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेजनिकोव ने कहा, ‘यूक्रेन बातचीत और एक शांति समझौते के लिए तैयार है।’ लेकिन इसके साथ ही उन्होंने एक शर्त भी रख दी है। उन्होंने कहा कि यह तभी होगा जब रूस स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन में कुछ बदलाव करता है तो ही बातचीत संभव है। रक्षा मंत्री का यह बयान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की की तरफ से आठ जून को खेरसॉन दौरे के बाद आया है। वह जाफोराइज क्षेत्र में चल रहे आक्रामक अभियान के बारे में जानकारी लेने के लिए यहां पहुंचे थे। इस क्षेत्र में यूक्रेन की सेना की रणनीति फेल हो गई है और उसे काफी नुकसान झेलना पड़ा है।
रूस की सेना ने कई यूक्रेनी टैंक खदेड़ने में सफलता हासिल की है। यहां तक कि रूस की मिलिट्री ने हेन्सोल्ड टीआरएमएल-4डी एईएसए रडार, जो आईरिस-टी एयर डिफेंस सिस्टम का हिस्सा है, उसे भी नष्ट कर दिया। इस हथियार को यूक्रेन की सेना के समर्थन में तैनात किया गया था। विशेषज्ञों की मानें तो जेलेंस्की खुद सार्वजनिक तौर पर रूस से सौदे के लिए नहीं कह सकते।
अगर वह ऐसा करते हैं तो फिर अमेरिका और बाकी नाटो देशों के साथ उनके रिश्ते कमजोर हो जाएंगे।अगर वह ऐसा करते हैं तो फिर अमेरिका और बाकी नाटो देशों के साथ उनके रिश्ते कमजोर हो जाएंगे। लेकिन वह सवाल कर रहे हैं कि क्या रेजनिकोव का बयान रूस के सैन्य ऑपरेशन को बदलने के लिए कहना है।विशेषज्ञों के मुताबिक यूक्रेन अगर इस शर्त के साथ बातचीत के लिए आगे बढ़ता है तो फिर रूस उसे खारिज कर देगा,अब तक रूस की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। माना जा रहा है कि रूस के अधिकारी रक्षा मंत्री के बयान का मतलब निकालने की कोशिशों में लगे हुए हैं। वह जानना चाहते हैं कि क्या रेजनिकोव के पास वास्तव में बातचीत करने का कोई अधिकार है? रेजनिकोव वही मंत्री हैं जिन्हें हाल ही में जलेंस्की ने भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त करने का मन बनाया था। भारी सेंसरशिप को मानने वाले यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने कई अहम जानकारियों को लीक कर दिया था। फिर कुछ समय बाद ही रहस्यमय तरीके से उन्हें माफ भी कर दिया गया। ऐसे में जेलेंस्की और रेजनिकोव के बीच सबकुछ ठीक है, इस बात पर सवाल हैं। मगर विशेषज्ञों की मानें तो रूस को रेजनिकोव के प्रस्ताव को खारिज करने की जगह रूस को इसे एक बार परखना चाहिए।इस बात की आशंकाएं काफी ज्यादा हैं।लेकिन वह सवाल कर रहे हैं कि क्या रेजनिकोव का बयान रूस के सैन्य ऑपरेशन को बदलने के लिए कहना है।विशेषज्ञों के मुताबिक यूक्रेन अगर इस शर्त के साथ बातचीत के लिए आगे बढ़ता है तो फिर रूस उसे खारिज कर देगा, इस बात की आशंकाएं काफी ज्यादा हैं।
अब तक रूस की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। माना जा रहा है कि रूस के अधिकारी रक्षा मंत्री के बयान का मतलब निकालने की कोशिशों में लगे हुए हैं। वह जानना चाहते हैं कि क्या रेजनिकोव के पास वास्तव में बातचीत करने का कोई अधिकार है? मगर विशेषज्ञों की मानें तो रूस को रेजनिकोव के प्रस्ताव को खारिज करने की जगह रूस को इसे एक बार परखना चाहिए।इस बात की आशंकाएं काफी ज्यादा हैं।लेकिन वह सवाल कर रहे हैं कि क्या रेजनिकोव का बयान रूस के सैन्य ऑपरेशन को बदलने के लिए कहना है।विशेषज्ञों के मुताबिक यूक्रेन अगर इस शर्त के साथ बातचीत के लिए आगे बढ़ता है तो फिर रूस उसे खारिज कर देगा, इस बात की आशंकाएं काफी ज्यादा हैं।रेजनिकोव वही मंत्री हैं जिन्हें हाल ही में जलेंस्की ने भ्रष्टाचार के आरोप में बर्खास्त करने का मन बनाया था। भारी सेंसरशिप को मानने वाले यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने कई अहम जानकारियों को लीक कर दिया था। फिर कुछ समय बाद ही रहस्यमय तरीके से उन्हें माफ भी कर दिया गया। ऐसे में जेलेंस्की और रेजनिकोव के बीच सबकुछ ठीक है, इस बात पर सवाल हैं। मगर विशेषज्ञों की मानें तो रूस को रेजनिकोव के प्रस्ताव को खारिज करने की जगह रूस को इसे एक बार परखना चाहिए।