Monday, December 23, 2024
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क्या सुप्रीम कोर्ट लगाएगा राहुल गांधी की सजा पर रोक?

हाल ही में राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सजा पर रोक लगाने के लिए एक अर्जी दाखिल की है! कांग्रेस नेता राहुल गांधी मोदी सरनेम मामले में मिली सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने सजा पर रोक के खिलाफ SC में अर्जी दाखिल की है। बता दें कि पिछले हफ्ते 7 जुलाई को गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। राहुल गांधी इसी फैसले के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। राहुल गांधी को सूरत की सीजीएम कोर्ट ने 23 मार्च को 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी सांसदी भी चली गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी पिछले हफ्ते मोदी सरनेम से संबंधित मानहानि मामले में मिली 2 साल की सजा के खिलाफ गुजरात हाई कोर्ट पहुंचे थे।2019 के इस मामले को लेकर गुजरात के सूरत की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल को 2 साल की सजा सुनाई थी। सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी चली गई थी। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सासंद थे। यही नहीं राहुल को अपना दिल्ली वाला 12 तुगलक लेन वाला सरकारी बंग्ला भी खाली करना पड़ा था। राहुल गांधी का दिल्ली में नया ठिकाना पूर्व सीएम शीला दीक्षित का घर होगा।7 जुलाई को हुई सुनवाई में गुजरात हाई कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका को खारिज करते हुए ,जा पर रोक लगाने से मना कर दिया था। कोर्ट ने कहा कि राहुल के खिलाफ और भी मानहानि के मामले हैं। ट्रायल कोर्ट का आदेश सही है। हम उन्हें मिली साल की सजा पर रोक नहीं लगा सकते।

2019 के इस मामले को लेकर गुजरात के सूरत की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल को 2 साल की सजा सुनाई थी। सजा के बाद राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भी चली गई थी। राहुल गांधी केरल के वायनाड से सासंद थे। यही नहीं राहुल को अपना दिल्ली वाला 12 तुगलक लेन वाला सरकारी बंग्ला भी खाली करना पड़ा था। राहुल गांधी का दिल्ली में नया ठिकाना पूर्व सीएम शीला दीक्षित का घर होगा।

राहुल ने मोदी सरनेम वाले कमेंट को लेकर आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। हाई कोर्ट की ओर से गुरुवार को जारी सूची के अनुसार न्यायमूर्ति हेमंत प्रच्छक की अदालत शुक्रवार सुबह 11 बजे फैसला सुनाएगी। अगर राहुल की दोषसिद्धि पर रोक लगती है तो उनकी संसद सदस्यता बहाल हो जाएगी। न्यायमूर्ति प्रच्छक ने मई में राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोई अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि वह ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद अंतिम आदेश पारित करेंगे। राहुल गांधी के वकील ने 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान गुजरात हाई कोर्ट में तर्क दिया था कि एक जमानती और गैर-संज्ञेय अपराध के लिए अधिकतम दो साल की सजा का मतलब है कि उनके मुवक्किल अपनी लोकसभा सीट खो सकते हैं।

गुजरात में बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी की ओर से दायर 2019 के मामले में सूरत की मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च को राहुल गांधी को आईपीसी की धाराओं 499 और 500 आपराधिक मानहानि के तहत दोषी ठहराते हुए दो साल जेल की सजा सुनाई थी। फैसले के बाद राहुल गांधी को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत संसद की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। राहुल गांधी 2019 में केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे।

बता दे कि दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2013 में फैसला दिया था कि अगर किसी जन प्रतिनिधि जैसे विधायक या सांसद को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा दी जाती है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। सात ही कहा था कि अगर सजा के खिलाफ प्रतिनिधि ऊपरी अदालत में अपील करता है तो यह नियम लागू नहीं होगा। मोदी के नाम वाली कथित टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता को दोषी करार दिया गया। गुजरात में सूरत की एक अदालत ने राहुल को दोषी ठहराया। कोर्ट ने उन्हें 2 साल जेल की सजा भी सुनाई। हालांकि इस मामले में राहुल गांधी को तुरंत ही जमानत मिल गई। यह मामला 2019 का है। राहुल के खिलाफ इस मामले में क्रिमिनल डिफेमेशन का केस दर्ज कराया गया थाा।

केरल के वायनाड से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी के विधायकऔर गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में कहा गया था कि 13 अप्रैल 2019 को राहुल गांधी कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे और उसी दौरान उन्होंने कथित टिप्पणी की थी। शिकायत के मुताबिक, राहुल गांधी ने उस चुनावी सभा में कहा था कि ‘चाहे नीरव मोदी हो, ललित मोदी हो या नरेंद्र मोदी हों, सारे चोरों के नाम में मोदी क्यों जुड़ा हुआ है।‘ यह मामला इंडियन पीनल कोड के सेक्शन 499 और 500 के तहत अक्टूबर 2001 में दर्ज कराया गया था।

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