अब छोटी बच्चियों पर बुरी नजर रखने वालों को सजा मिलेगी! सात साल की मासूम बच्ची खुशी-खुशी अपने घर के बाहर खेल रही थी। छोटी सी वो बच्ची वो बेखौफ थी उस दरिंदे की नजरों से जो उसे काफी देर से तांक रही थी। वो अंजान थी उसकी गंदी नीयत से जो उसपर काफी दिनों से थी। उस वक्त बच्ची की दादी भी उसके साथ थी। वो इधर-उधर दौड़ रही थी, लेकिन उसे नहीं पता था कि आने पाले चंद पल उसकी जिंदगी को हमेशा-हमेशा के लिए खत्म कर देंगे। उसे सामना करना पड़ेगा ऐसे हैवान का का जो उसे ही नहीं उसकी आत्मा को भी मार डालेगा। इंदौर की की आजाद नगर कॉलोनी में रहती थी वो सात साल की बच्ची। शाम का वक्त था, कॉलोनी के ही एक दो और बच्चे वहां खेल रहे थे। तभी बच्ची की दादी के सामने ही इस कॉलोनी में रहने वाला सद्दाम नाम का एक दरिंदा बच्ची को उठाकर ले गया। दादी को कुछ समझ नहीं आया। बच्ची चीखने-चिल्लाने लगी, लेकिन वो उसे अपने साथ खींचते हुए अपने घर की तरफ ले गया। दादी मदद के लिए चिल्लाने लगी। बच्ची भी जोर-जोर से रोने लगी।
सद्दाम उसे अपने कमरे में ले गया। वो उसके साथ रेप करना चाहता था, लेकिन बच्ची जोर-जोर से चीख रही थी। उसने बच्ची की आवाज को बंद करने के लिए पास ही पड़ा चाकू उठा लिया और सीधा उसपर वार कर दिया। एक-दो-तीन-चार-पांच वो चाकू को बच्ची के शरीर पर गोंदता रहा। बच्ची के चीखने की आवाजें बंद हो गई। नन्ही बच्ची का शरीर खून से लथपथ हो चुका था। सद्दाम वहां से भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन तब तक आसपास के लोग उसके घर के बाहर इकट्ठा हो चुके थे। भीड़ ने उस राक्षस को धर दबोचा। खून से लथपथ बच्ची की सांसे थम चुकी थीं। नन्हीं बच्ची थोड़ी देर पहले तक खेल रही थी अब इस दुनिया से विदा हो गई थी। सात साल छोटी सी बच्ची को इस हैवान ने 29 बार चाकुओं से गोंदा था। रेप न कर पाने की वजह से वो बौखला गया था और उसने बेरहमी की सारी सीमाएं पार कर दी थी। नन्हीं बच्ची की मौत से परिवारवालों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। सद्दाम को पुलिस के हवाले किया गया। बच्ची के कातिल पर केस चला। सद्दाम के घर के पास एक मस्जिद थी जिसमें लगे सीसीटीवी कैमरे में सद्दाम की तस्वीरें कैद हुई।
इस खौफनाक मर्डर ने पूरे मध्यप्रदेश में सनसनी फैला दी थी। घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस केस पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। पूरी पुलिस महकमा इस केस पर जुट गया। तमाम गवाहों और सबूतों को इकट्ठा किया गया। फास्ट्रैक कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। हर कोई चाहता था कि जल्द से जल्द बच्ची की आत्मा को शांति मिले, उसके घर वालों को न्याय मिले। इस केस में कुल 23 गवाह पेश किए गए जिनमें से एक 12 साल का बच्चा भी था। बच्चे की गवाही काफी अहम माना गया। सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपी की तस्वीरें एकदम साफ थी।
सिर्फ 120 दिन के अदंर इस मामले की सुनवाई पूरी हुई। अदालत ने अपना फैसला सुनाया- बच्ची के साथ जो हुआ उसके लिए कोर्ट ने सद्दाम को फांसी की सजा दी। कोर्ट ने कहा कि ये शख्स समाज के लिए खतरनाक है, ये समाज के लिए एक नासूर है। ऐसे शख्स को जमानत मिलना परिवार के साथ नाइंसाफी होगी इसलिए इस सजा ए मौत दी जानी चाहिए। सद्दाम के परिवारवालों ने कोर्ट में ये साबित करने की कोशिश की वो मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है, लेकिन कोर्ट ने जब उससे कुछ सवाल पूछे तो उससे कहीं ये जाहिर नहीं हुआ कि उसकी मानसिक हालत खराब है। तमाम गवाहों और सबूतों को इकट्ठा किया गया। फास्ट्रैक कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई। हर कोई चाहता था कि जल्द से जल्द बच्ची की आत्मा को शांति मिले, उसके घर वालों को न्याय मिले। इस केस में कुल 23 गवाह पेश किए गए जिनमें से एक 12 साल का बच्चा भी था। बच्चे की गवाही काफी अहम माना गया। सीसीटीवी फुटेज में भी आरोपी की तस्वीरें एकदम साफ थी।इसके अलावा कोर्ट ने ये भी माना कि जिस वक्त बच्ची वहां खेल रही थी वहां एक लड़का भी मौजूद था। सद्दाम ने लड़की को ही वहां से उठाया और अपने घर ले गया। इससे साफ था कि उसकी नीयत खराब थी। सद्दाम पर 9000 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अलावा बच्ची के परिवार को 3 लाख रुपये भी देने के आदेश दिए गए हैं।