क्या अब सभी माफियाओं की साफ सफाई करेगी योगी सरकार ?

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योगी सरकार अब सभी माफियाओं की साफ सफाई में लगी हुई है! उत्तर प्रदेश की योगी सरकार में सूबे में पनप रहे माफिया राज पर अंकुश लगा है। एक ओर माफिया और बाहुबलियों की अवैध रूप से अर्जित की गई अकूत संपत्ति पर बाबा का बुलडोजर गरजा है या फिर उसे जब्त कर लिया गया है। साथ ही 192 के करीब अपराधी पिछले कुछ सालों में मुठभेड़ में मार गिराए गए हैं। इसके अलावा आतंक का पर्याय बने मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद जैसे कई माफियाओं को उनके पुराने कर्मों की सजा कोर्ट से दिलाने में सफलता हासिल की है। योगी सरकार के कार्यकाल में पुलिस ने चिह्नित माफियाओं में से अब तक कुल 54 मुकदमों में 25 माफिया और 44 उनके सहयोगियों यानी कुल 69 को सजा मिली है। इनमें से 2 माफियाओं को फांसी की सजा सुनाई गई है। दरअसल, साल 2017 से योगी सरकार अपराध करने वाले अपराधी-माफियाओं के लिए काल बन चुकी है। सीएम योगी के सख्त निर्देश पर यूपी पुलिस और एसटीएफ एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई कर रही है। पुलिस ने अतीक, मुख्तार जैसे माफियाओं के आतंक से बनाए गए पूरे साम्राज्य को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है। योगी सरकार में शासन और डीजीपी मुख्यालय की ओर से 2020 में 68 कुख्यात माफिया-अपराधियों की लिस्ट तैयार की गई थी। इन माफियाओं के मुकदमों में पैरवी लगातार की जा रही है। इसमें से 25 माफियाओं और 44 गैंग से सदस्यों सहित कुल 69 अपराधियों को सजा मिल चुकी है। इसमें से 2 आरोपियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। बाकी सभी को उम्रकैद अन्य सजाए मिली है।

डीजीपी मुख्यालय स्तर से तैयार 68 माफिया-अपराधियों की लिस्ट में मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद जैसे कई खूंखार अपराधी शामिल थे। अतीक के बाद अब बीते गुरुवार को मुख्तार अंसारी की भी मौत हो गई है। इसके अलावा कोर्ट से सजा मिलने वालों में मुलायम यादव, ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुन्टू सिंह, अमित कसाना, एजाज, अनिल दुजाना, याकूब कुरैशी, बच्चू यादव, धर्मेन्द्र कीठल, रणदीप भाटी, संजय सिंह सिंघला, अनुपम दूबे, विक्रान्त उर्फ विक्की और ऊधम सिंह का नाम भी शामिल है। साथ ही योगेश भदौड़ा, मुनीर, सलीम, रुस्तम, सोहराब, अजीत सिंह उर्फ हप्पू, आकाश जाट, सिंहराज भाटी, सुन्दर भाटी को भी कोर्ट से सजा दिलाई जा चुकी है।

माफिया मुख्तार अंसारी को करीब डेढ़ साल के भीतर 8 मुकदमों में कोर्ट ने सजा सुनाई है। इसके साथ ही उनके गैंग के 3 सहयोगियों को भी सजा सुनाई जा चुकी है। इसी तरह विजय मिश्रा को 3 केस में सजा सुनाई जा चुकी है। विजय मिश्रा जेल में बंद है। माफिया अतीक अहमद और उसके 2 सहयोगियों को 1 केस में सजा सुनाई दी गई है। शुक्रवार को बीएसपी नेता राजू पाल हत्याकांड मामले में सीबीआई कोर्ट ने अतीक अहद समेत सभी 9 आरोपियों को दोषी करार देते हुए 6 को उम्र कैद और एक को 4 साल सजा सुनाई है। अतीक और अशरफ की पुलिस हिरासत में मौत हो चुकी है। वहीं बिजनौर के चिह्नित माफिया अपराधी मुनीर और उसके सहयोगी रेयान को 2 मामलों में जेल और फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। इसके अलावा आजमगढ़ के माफिया ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुन्टु सिंह और उसके 14 सहयोगियों और सह-अपराधियों को 2 केसों में उम्र कैद व 10-10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है।

इसी तरह मेरठ के जिले कुख्यात योगेश भदौड़ा और उसके 5 सहयोगियों और सह-अपराधियों को 3 प्रकरणों में उम्रकैद हो चुकी है। बागपत के माफिया अजीत सिंह उर्फ हप्पू को 3 मुकदमों में जेल और जुर्माना की सजा सुनाई जा चुकी है। पीलीभीत के एजाज को 3 केस में कठोर कारावास और जुर्माना से दंडित किया गया है। ऐसे ही गौतमबुद्धनगर के चिह्नित माफिया अपराधी रणदीप भाटी और उसके 3 सहयोगियों को एक मामले में आजीवन जेल और जुर्माना लगाया गया है। फतेहगढ़ के अनुपम दुबे को 1 मामले में उम्रकैद और जुर्माना लगाया गया है।

चिह्नित माफिया अपराधियों से अब तक 3,864 करोड़ से अधिक की संपत्ति का जब्तीकरण और ध्वस्तीकरण और अवैध कब्जे से अवमुक्त कराने की कार्यवाही की जा चुकी है। इतना ही नहीं एक जानकारी के मुताबिक, नवंबर 2019 से नवंबर 2023 के बीच प्रदेश के कुल 68 चिह्नित माफिया अपराधी और गैंग के सदस्यों के अवैध कृत्यों से अर्जित 3,723 करोड़ से अधिक की संपत्तियों का जब्तीकरण और ध्वस्तीकरण किया गया है। इसके साथ ही अन्य विभिन्न माफिया की जनवरी 2021 से अक्टूबर 2023 तक गैंगस्टर अधिनियम के अंतर्गत 4,268 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के जब्तीकरण की कार्रवाई सुनिश्चित की गई है।

गैंगस्टर अधिनियम के अंतर्गत मार्च 2017 से नवंबर 2023 तक कुल 22,301 केस दर्ज किए गए हैं। वहीं 70,879 आरोपी गिरफ्तार किए गए। इसके साथ ही 120 अरब रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की गई है। इस दौरान 192 अपराधी मुठभेड़ में मारे गए हैं, जबकि 5,800 घायल हुए हैं।

यूपी में अपराध की बात करें तो 2016 की तुलना में साल 2023 में अपराधों में बड़ी कमी आई है। जहां डकैती में 87 प्रतिशत से ज्यादा, लूट में 72 प्रतिशत से ज्यादा और हत्या के मामलों में 40 प्रतिशत के करीब कमी दर्ज की गई है। वहीं फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में 68 प्रतिशत और बलात्कार के मामलों में 24 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है। इसी तरह 2016 की तुलना में 2023 तक में व्यापक पैमाने पर निरोधात्मक कार्रवाई की गई है। शस्त्र अधिनियम के तहत 4 प्रतिशत अधिक, एनडीपीएस अधिनियम में 26 प्रतिशत अधिक, गैंगस्टर अधिनियम में 23 प्रतिशत, गुंडा एक्ट में 31 प्रतिशत और आबकारी एक्ट में 32 प्रतिशत अधिक कार्रवाई की गई है।