Friday, November 22, 2024
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अजवाइन के फायदे सुन, आप भी चौंक जाएंगे!

सामान्य तौर पर अजवाइन का प्रयोग हमारे खाने में किया जाता है! आप अजवाइन के उपयोग के बारे में जरूर जानते होंगे, क्योंकि हर घर में रोज अजवाइन इस्तेमाल में लाई जाती है। आमतौर पर लोग अजवाइन को केवल खाना पकाते समय मसाले के रुप में ही उपयोग में लाते हैं, क्योंकि लोगों को यह नहीं पता कि अजवाइन एक बहुत ही उपयोगी औषधि भी है। कहने का मतलब यह है कि अजवाइन खाने के फायदे एक नहीं, बल्कि कई सारे हैं।अजवाइन के बारे में एक आम कहावत है कि अकेली अजवाइन ही सैकड़ों प्रकार के अन्न को हजम करने में सहायता करती है। इसके साथ-साथ अजवाइन खाने के फायदे के रुप में यह भी बताया गया है, कि इससे कई बीमारियां भी ठीक की जा सकती हैं। अधिकांश लोगों को अजवाइन से होने वाले फायदे की जानकारी ही नहीं होती। इसलिए वे अजवाइन का भरपूर लाभ नहीं ले पाते हैं। आइए आपको बताते हैं कि अजवाइन कितनी गुणकारी होती है!

सदियों से दादी-नानी के घरेलू नुस्ख़ों में एसिडिटी, पेट में जलन आदि समस्याओं के लिए अजवाइन का प्रयोग किया जाता रहा है।

अधिक तीखा भोजन करने के बाद छाती में जलन की परेशानी हो जाती है। ऐसे में 1 ग्राम अजवाइन, और बादाम की 1 गिरी को खूब चबा-चबा कर, या पीस कर खाएं। इससे फायदा होता है।

अगर कोई पेट संबंधी रोगों से परेशान रहता है, तो उसे 1 भाग अजवाइन, आधा भाग काली मिर्च, और सेंधा नमक को मिलाकर पीस लेना है। इसे गुनगुने जल के साथ, 1-2 ग्राम की मात्रा में लेना है। सुबह-शाम सेवन करने से पेट संबंधी रोग ठीक होते हैं।

अगर किसी को पाचन शक्ति को बेहतर बनाना है तो अजवाइन के औषधीय गुणों से लाभ उठाने की ज़रूरत है।

अगर किसी व्यक्ति का पाचनतंत्र सही नहीं रहता हो, तो उसे 80 ग्राम अजवाइन, 40 ग्राम सेंधा नमक, 40 ग्राम काली मिर्च, 40 ग्राम काला नमक, 500 मिग्रा यवक्षार लेना चाहिए। इन्हें 10 मिली कच्चे पपीते के दूध (पापेन) में महीन पीस लेना है। इसे कांच के बर्तन में भर लें, और 1 ली नींबू का रस इसमें डालकर धूप में रख दें। इसे बीच-बीच में हिलाते रहें। 1 महीने बाद जब यह बिल्कुल सूख जाए, तो सूखे चूर्ण को 2 से 4 ग्राम की मात्रा में जल के साथ सेवन करें। इससे पाचन-शक्ति स्वस्थ होती है, तथा अपच, अमाशय संबंधी रोग, और बार-बार दस्त होने की बीमारी में लाभ होता है। अजवाइन के गुण सिर्फ पाचन में ही नहीं दूसरे बीमारियों में भी फायदेमंद होता है।

1 ग्राम अजवाइन को इन्द्रायण के फलों में भरकर रख दें, जब यह सूख जाए तब बारीक पीस लें। इसमें अपनी इच्छानुसार काला नमक मिलाकर रख लें। इसे गर्म जल से सेवन करें। इसके प्रयोग से पेट संबंधित सभी विकारों से आराम मिलता है।

1.5 लीटर जल को आग पर रखें। जब पानी पूरी तरह उबलकर 1.25 लीटर रह जाय, तब नीचे उतार लें। इसमें आधा किलोग्राम पिसी हुई अजवाइन डालकर ढक्कन बंद कर दें। जब यह ठंडा हो जाय तो छानकर बोतल में भर कर रख लें। इसे 50-50 मिली दिन में 3 बार सेवन करें। इसके प्रयोग से पेट के पाचन-तंत्र संबंधी विकार ठीक होते हैं।

1 किलोग्राम अजवाइन में, 1 लीटर नींबू का रस और पांचों नमक 50-50 ग्राम लें। इन्हें कांच के बरतन में भरकर रख दें। इसे दिन में धूप में रख दिया करें। जब रस पूरी तरह सूख जाय तब दिन में दो बार 1-4 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे पेट सम्बन्धी बीमारियां ठीक होती हैं।

अजवाइन के गुण  हजम शक्ति बढ़ाने में बहुत मदद करती है। बस इसको सेवन करने का सही मात्रा और तरीका पता होना ज़रूरी होता है।

जिस भी व्यक्ति को दूध ठीक से ना पचता हो, उसे दूध पीने के बाद थोड़ी अजवाइन खा लेनी चाहिए।

यदि गेहूं का आटा, मिठाई आदि ना पचता हो तो उसमें अजवाइन के चूर्ण को मिलाकर खाने से फायदा होता है।

पाचन-क्रिया खराब हो गई हो, तो 25 मिली अजवाइन के काढ़ा को दिन में 3 बार पिलाने से लाभ होता है।

एसिडिटी के परेशानी से राहत पाने के लिए अजवाइन के फायदे का सही तरह से उपयोग करना ज़रूरी होता है।

अक्सर बाहर का कुछ उल्टा-सीधा खा लेने पर खट्टी डकारें, और पेट में गुड़गुड़ाहट जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसके लिए आप 250 ग्राम अजवाइन को 1 लीटर गौमूत्र में भिगोकर रख लें। इसे 7 दिन तक छाया में सुखा लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे जलोदर, खट्टी डकारें आना, पेट दर्द, पेट में गुड़गुड़ाहट आदि रोगों में लाभ होता है।

अजवाइन को बारीक पीसकर, उसमें थोड़ी मात्रा में हींग मिला लें। इसका लेप बना लें। इसे पेट पर लगाने से पेट के फूलने, और पेट की गैस आदि परेशानियों में तुरंत लाभ होता है।

वचा, सोंठ, काली मिर्च तथा पिप्पली से काढ़ा बना लें। इस चूर्ण को खाने से पैट की गैस की समस्या ठीक होती है।

समान मात्रा में अजवाइन, सेंधा नमक, सौवर्चल नमक, यवक्षार, हींग, और सूखे आंवला लें। इनका चूर्ण बनाकर रख लें। इस चूर्ण को 2-3 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम शहद के साथ सेवन करें। इससे डकार की परेशानी ठीक होती है।

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