योग हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं! अच्छी सेहत के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी होती है। अच्छी नींद के लिए सात से आठ घंटे सोना चाहिए। हालांकि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में भले ही थकान होती हो लेकिन नींद नहीं होती। लोगों की लाइफस्टाइल में आए बदलाव के कारण देर रात तक लोग जगते हैं। फोन की लत और सोशल मीडिया व टीवी देखने की आदत के कारण आजकल अधिकतर लोग काफी देर रात तक जागते रहते हैं। इस कारण उन्हें अच्छी नींद नहीं आती और सेहत पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में सोने से पहले कुछ योगासन और स्ट्रेचिंग करके आप रात को अच्छी नींद ले सकते हैं। योग व स्ट्रेचिंग आपके स्ट्रेस को दूर करती है। मांसपेशियों को आराम देने के साथ शरीर को लचीला बनाने में भी मदद करती है। ऐसे में अच्छी नींद और सेहतमंद मन व शरीर के लिए रात में सोने से पहले करें ये योगासन।
कौन – कौन से योग करे?
शलभासन – नींद की समस्या से राहत पाने के लिए रात में सोने से आधे घंटे पहले शलभासन योगाभ्यास कर सकते हैं। इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेट जाएं और दोनों हथेलियों को जांघों के नीचे रखें। अब पैर की एड़ियों को आपस में जोड़ते हुए पंजे सीधे रखें। फिर पैरों को ऊपर उठाते हुए गहरी सांस लें। कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद पूर्वावस्था में आ जाएं।
शवासन – रात में नींद की समस्या से निजात पाने के लिए शवासन का नियमित अभ्यास कर सकते हैं। ये योग भी रात में सोने से पहले किया जा सकता है। शवासन करने के लिए पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों के बीच एक फीट की दूरी रखें। फिर पैरों से पंजे की तरफ शरीर को ढीला छोड़ते हुए आराम से सांस लें और पूरा शरीर ढीला छोड़ दें। इस आसन से सभी थकी मांसपेशियों और कंधों को आराम मिलता है।
उत्तानासन – उत्तानासन के नियमित अभ्यास से नींद पर जल्द फर्क नजर आने लगेगा। इस आसन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। अब लंबी सांस लेते हुए दोनों हाथों को ऊपर की ओर ले जाएं और सांस छोड़ दें। फिर हाथों को नीचे जमीन की ओर ले जाएं और पैरों के अंगूठे को छूने की कोशिश करें।
बालासन – रात में नींद नहीं आती, तो बालासन का अभ्यास कर सकते हैं। इस आसन को करने से दिमाग शांत रहता है। बालासन करने के लिए वज्रासन पोज में बैठ जाएं और सांस को अंदर लेते हुए दोनों हाथों को सीधा सिर के ऊपर उठाएं। फिर सांस बाहर छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें। हथेलियों और सिर को जमीन पर टिकाकर रखें। अब सांस अंदर लेते और छोड़ते समय उंगलियों को आपस में जोड़े और सिर को दोनों हथेलियों के बीच में धीरे से रखें।
यह एक विन्यास योग है, जिसे कम से कम 3 मिनट तक जरूर करना चाहिए। यह एक ऐसा योग है, जिसे एक ही मुद्रा में किया जाता है। यह एक प्रकार से ध्यान मुद्रा का रूप है, जिसमें किसी दोहराव अथवा बदलाव की जरूरत नहीं होती है। इस योग से जांघों, कूल्हों और टखनों में खिंचाव पैदा होता है।
बालासन कैसे करें
इसके लिए सबसे पहले किसी स्वच्छ वातावरण में दरी अथवा चटाई बिछा लें। अब सूर्य की ओर मुखकर अपने पैरों को मोड़कर वज्रासन मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद सांस लेते वक्त अपने दोनों हाथों को ऊपर ले जाएं। जबकि सांस छोड़ते समय आगे की तरफ झुकें। यह क्रम तब तक जारी रखें। जब तक आपकी हथेलियां ज़मीन को न छू जाएं।
इसके बाद अपने सिर को ज़मीन पर टिका दें। इस मुद्रा में आने के बाद शरीर को अनवरत छोड़ दें और आराम महसूस करें। सांस लें और सांस छोड़ें। हालांकि, सांस आराम से लें। इसमें कोई जल्दबाजी न करें। इस मुद्रा में 1 से 3 मिनट तक रह सकते हैं। इसे रोजाना कम से कम 5 बार जरूर करना चाहिए।
इस योग के कई फायदे हैं। इस योग को करने से संपूर्ण शरीर में रक्त का संचार होता है। जबकि जांघों, कूल्हों और टखनों में मजबूती आती है। किसी प्रकार के तनाव से मुक्ति मिलती है। इस योग से आंतरिक और बाह्य शरीर का मसाज भी हो जाता है। जबकि कमर दर्द में भी राहत देता है।
बालासन कम कठिनाई का या बेसिक लेवल का आसन है। इसे विन्यास योग की शैली का आसन माना जाता है। बालासन का अभ्यास 1 से 3 मिनट तक किया जाना चाहिए। जिस तरह गर्भवती महिला के पेट में एक बच्चा होता है, इस आसन में आपको इसी अवस्था में आना होता है। इसलिए ही इसे बालासन कहा जाता है यानी कि बच्चे की मुद्रा।
फर्श पर घुटने टेके और दोनों पैरों के अंगूठों के नजदीक लाएं।
अपनी एड़ी पर बैठें और आप अपने घुटनों को कूल्हों की चौडाई जितना फैला सकते है।
यह गर्भावस्था के दौरान विशेष रूप से आरामदायक आसन है।
इस स्थिति में गहरी सांस लें।
अब आप सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें, और अपने धड़ को अपनी जांघों के बीच रखें।
अपनी बाहों को आगे की तरफ बढाएं।
धीरे धीरे जितना आगे हाथों को ले जा सकते हैं, ले जाएं और यहां अपने कन्धों को फर्श पर आराम दें।
जैसा कि यह रिलैक्सेशन पोज़ है, आप इस स्थिति में 30 सेकंड या कुछ मिनट के लिए बने रह सकते हैं।
आसन से बाहर आने के लिए अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को ऊपर उठाएं।