कैसे और क्यों मिलते हैं पद्म अवार्ड? जानिए!

0
229

पद्मावत के बारे में तो आपने सुना ही होगा! पद्म पुरस्कार 2023 के लिए ऑनलाइन नामांकान और सिफारिश करने की प्रक्रिया की शुरुआत हो गई है और इसकी अंतिम तारीख 15 सितंबर है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि आम लोग पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन और सिफारिशें भेज सकते हैं। मंत्रालय ने कहा कि वे राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल पर ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं। 1954 में स्थापित किए गए तीन पद्म पुरस्कार – पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री – देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार हैं। हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर इनकी घोषणा की जाती है।पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक हैं। ये पुरस्‍कार भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष भारतीय नागरिकों को उनके असाधारण कार्यों के लिए प्रदान किए जाते हैं। पद्म पुरस्कार देने की शुरुआत वर्ष 1954 में की गई थी। जिसके बाद वर्ष 1978 और 1979 और वर्ष 1993 से 1997 के बीच संक्षिप्त रुकावट को छोड़कर प्रतिवर्ष इसकी घोषणा गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है।

कौन करता है सिफारिश

पद्म पुरस्कारों की सिफारिश राज्य सरकार/संघ राज्य प्रशासन, केन्द्रीय मंत्रालय या विभागों के साथ-साथ उत्कृष्ट संस्थानों द्वारा की जाती है। साथ ही आप खुद भी इस पुरस्‍कार के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद एक समिति इन नामों पर विचार करती है। पुरस्कार समिति जब एक बार सिफारिश कर देती है, तो फिर प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और राष्ट्रपति इस पर अपना अनुमोदन देते हैं और इसके बाद गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर इन सम्मानों की घोषणा की जाती है।

पद्म विभूषण:- यह पद्म पुरस्कारों में सर्वोच्च होता है। भारत रत्न के बाद यह भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। यह पुरस्कार किसी भी क्षेत्र में असाधारण और उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदान किया जाता है। इस सम्मान में पुरस्कार के रूप में 1-3/16 इंच का कांसे का एक बिल्ला मिलता है। जिसके केंद्र में एक कमल का फूल होता है। इस फूल के ऊपर नीचे पद्म विभूषण देवनागरी लिपि में लिखा होता है। वहीं इस बिल्ले के पिछले हिस्से में अशोक चिन्ह बना होता है। यह सम्मान किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। इसमें सरकारी कर्मचारियों द्वारा की गई सेवाएं भी शामिल हैं।

पद्म भूषण:- पद्म पुरस्‍कारों में पद्म भूषण दूसरा सबसे बड़ा पुरस्‍कार है। साथ ही यह भारत का तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। इस सम्मान में भी कांसे का बिल्ला दिया जाता है जो 1-3/16 इंच का होता है। साथ ही डिजाइन भी वहीं होता है, बस कमल के फूल के ऊपर नीचे पद्मभूषण लिखा रहता है। यह सम्मान किसी भी क्षेत्र में विशिष्ट और उल्लेखनीय तथा उच्च कोटि की विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है।

पद्मश्री:- पद्म श्री पुरस्कार पद्म पुरस्कारों में तीसरा और भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार होता है। इसका डिजाइन भी एक समान होता है। इसमें फूल के ऊपर नीचे पद्मश्री लिखा रहता है। यह जीवन के विभिन्न क्षेत्रों जैसे कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन आदि में उनके विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।

एक वर्ष में प्रदान किए जाने वाले कुल पद्म पुरस्कारों की संख्या (मरणोपरान्त तथा विदेशियों को दिए जाने वाले पुरस्कारों को छोड़कर) 120 से अधिक नहीं होनी चाहिए।

इस अलंकरण में राष्ट्रपति के हस्ताक्षर और मोहर से जारी की गई एक सनद (प्रमाण-पत्र) तथा तमगा (मेडल) शामिल होता है। प्रत्येक पुरस्कार विजेता के संबंध में संक्षिप्त परिचय वाली एक स्मारिका भी समारोह वाले दिन जारी की जाती है।

पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को मेडल के साथ एक प्रीतिकृति भी प्रदान की जाती है, जिसे वे अपनी इच्छानुसार किसी भी समारोह/राजकीय समारोहों आदि में पहन सकते हैं।यह पुरस्कार कोई पदवी नहीं है और इसे पत्र-शीर्षों, निमंत्रण पत्रों, पोस्टरों, पुस्तकों आदि पर पुरस्कार विजेता के नाम के आगे या पीछे उल्लेखित नहीं किया जा सकता है। इसका दुरुपयोग करने पर उस व्‍यक्ति को इस पुरस्कार से वंचित कर दिया जाएगा।

पुरस्कार प्राप्तकर्ताओं को मेडल के साथ एक प्रीतिकृति भी प्रदान की जाती है, जिसे वे अपनी इच्छानुसार किसी भी समारोह/राजकीय समारोहों आदि में पहन सकते हैं।यह पुरस्कार कोई पदवी नहीं है और इसे पत्र-शीर्षों, निमंत्रण पत्रों, पोस्टरों, पुस्तकों आदि पर पुरस्कार विजेता के नाम के आगे या पीछे उल्लेखित नहीं किया जा सकता है। इसका दुरुपयोग करने पर उस व्‍यक्ति को इस पुरस्कार से वंचित कर दिया जाएगा। पुरस्कारों के साथ कोई नकद भत्ता अथवा रेल/हवाई यात्रा आदि के रूप में कोई रियायत प्रदान नहीं की जाती है।