जब मुलायम सिंह ने नेताओं को दिलाई थी कसम!

0
205

एक समय ऐसा आया था जब मुलायम सिंह ने अपने ही नेताओं को कसम दिलाई थी! मुलायम सिंह यादव का लंबी बीमारी के बाद गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में सोमवार यानी 10 अक्टूबर 2022 को निधन हो गया। वे 82 साल के थे। बात जुलाई 2017 की है। लोकसभा में मॉब लिंचिंग व देश में हिंसा की घटनाओं को लेकर चर्चा चल रही थी। तमाम सांसद अपना पक्ष रख रहे थे। इस दौरान समाजवादी पार्टी नेता और सांसद मुलायम सिंह यादव की बारी आई। मुलायम ने उठते ही कहा कि पूरे देश में हिंसा की घटनाओं का सबसे अहम कारण है कि असमानता। वैसे तो और भी कई कारण हैं। एक- कहीं पर धर्म के नाम पर हिंसा हो रही है। दूसरा- जाति के नाम पर हिंसा हो रही है। मैं बताना चाहता हूं कि सबसे ज्यादा जाति के नाम पर हिंसा हो रही है, कौन छोटी जाति का है कौन बड़ी जाति का है, इस आधार पर दबा के रखते हैं। इसके बाद मुलायम सिंह यादव ने मुस्कुराते हुए कहा, यहां कितने सांसद हैं? जो अपनी पत्नी को दबाकर नहीं रखते हैं? बताए कोई कि हम अपनी पत्नी को दबाकर नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि उपाध्यक्ष महोदय ये सच्चाई है। अपनी-अपनी पत्नी को दबाकर रखते हैं। ये भी तो हिंसा है और हिंसा परिवार से ही शुरू होती है। सबसे पहले परिवार की हिंसा रोकी जाए।

मुलायम बोलते रहे- औरतों पर सबसे ज्यादा अत्याचार होता है। मैं चाहता हूं कि संकल्प लें, जितने सांसद हैं, वो अपनी-अपनी पत्नियों को दबाकर नहीं रखेंगे। पहले परिवार में तो अत्याचार बंद हो। परिवार से हिंसा दूर होगी तो मैं विश्वास दिलाता हूं कि हिंसा देश में बहुत कम रह जाएगी। कोई स्वीकार करे या न करे, लेकिन सबसे ज्यादा महिलाओं के साथ हिंसा होती है।

मुलायम सिंह ने इस दौरान अपने मुख्यमंत्रित्व काल का एक किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा कि विधायक हो, सांसद हो या पार्टी का पदाधिकारी हो, सब महिलाओं को दबाकर रखते हैं। हमने पंचायत भी की है। एक एमएलए था, हमारी ही पार्टी (सपा) का था। अच्छा एमएलए था, वकील भी था। पत्नी को दबाकर रखता था। पत्नी भी पढ़ी लिखी थी, उसने मुझे चिट्‌ठी लिखी कि आप पार्टी के अध्यक्ष हैं, मुख्यमंत्री हैं और मेरे पति मेरे साथ अत्याचार कर रहे हैं। वह घर पर सोते भी नहीं हैं। मुलायम सिंह ने कहा मैंने उस विधायक को बुलाया और डांटा। कहा कि मैं पार्टी से निकाल दूंगा, तब जाकर वह घर पर सोया। इसलिए अत्याचार परिवार से ही शुरू होता है।

मुलायम सिंह ने कहा कि छोटी जातियों, दलितों पर अत्याचार है लेकिन सबसे ज्यादा अत्याचार महिलाओं पर है। मुलायम ने साथ ही जोड़ा, “लेकिन हम अपनी पत्नी को दबाकर नहीं रखते। आप पता लगा लीजिए।” उनका ये कहना था कि सदन ठहाकों से गूंज उठा। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि हमें ये डॉ राम मनोहर लोहिया ने सिखाया है। उन्होंने सुल्तानपुर के शिविर में कहा था कि पहले परिवार से अत्याचार, हिंसा खत्म कीजिए। जब परिवार से खत्म करोगे तो मोहल्ले से खत्म करोगे, विधायक होगे तो क्षेत्र से कम करोगे।

मुलायम बोलते रहे, उन्होंने हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि धर्म के आधार पर हिंसा भी हमने देखी है। सिक्खों पर जब अत्याचार हो रहा था, तब कर्पूरी ठाकुर राम विलास पासवान के यहां ठहरे थे। हम कर्पूरी ठाकुर से मिलने गए तो वहां सबने घेर लिया। किसी तरह हमने दीवार फांदी और कर्पूरी जी को उठाकर बाहर किया, तब जाकर हम लोग बचे हैं।मुलायम सिंह ने कहा कि छोटी जातियों, दलितों पर अत्याचार है लेकिन सबसे ज्यादा अत्याचार महिलाओं पर है। मुलायम ने साथ ही जोड़ा, “लेकिन हम अपनी पत्नी को दबाकर नहीं रखते। आप पता लगा लीजिए।” उनका ये कहना था कि सदन ठहाकों से गूंज उठा। मुलायम सिंह यादव ने कहा कि हमें ये डॉ राम मनोहर लोहिया ने सिखाया है। उन्होंने सुल्तानपुर के शिविर में कहा था कि पहले परिवार से अत्याचार, हिंसा खत्म कीजिए। जब परिवार से खत्म करोगे तो मोहल्ले से खत्म करोगे, विधायक होगे तो क्षेत्र से कम करोगे। मुलायम ने आगे बताया कि हम और राम विलास थे, चौधरी साहब ने कहा कि जाओ सिक्खों पर अत्याचार हो रहा है, हिंदुओं से कहो मत करो। राम विलास थोड़ी दाढ़ी रखे थे, वहां लोगों ने समझा कि ये सिक्ख हैं। भाग कर आ गए। तब मैंने कहा कि नहीं ये राम विलास पासवान हैं, मैं मुलायम सिंह यादव हूं, तब जाकर राम विलास पासवान बचे।