Tuesday, November 26, 2024
HomeIndian Newsजानिए बीसीसीआई के नए अध्यक्ष रोजर बिन्नी के बारे में सब कुछ!

जानिए बीसीसीआई के नए अध्यक्ष रोजर बिन्नी के बारे में सब कुछ!

रोजर बिन्नी बीसीसीआई के नए अध्यक्ष चुने लिए गए हैं! टीम इंडिया के पूर्व ओपनर गौतम गंभीर जब कभी 2011 वर्ल्ड कप और 2007 टी-20 वर्ल्ड कप की ऐतिहासिक जीत के कुछ चुनिंदा मोमेंट्स को याद करने वालों की खिलाफत करते हैं तो वह उन टीममेट्स का भी नेतृत्व करते हैं, जिन्हें उनके हक का श्रेय नहीं मिल पाता है। कुछ लोगों को यह बात नागवार गुजरती होगी, लेकिन गंभीर का आईना दिखाना वह कड़वी सच्चाई है, जो भारतीय क्रिकेट में हमेशा से रही है। ऐसा कतई नहीं है कि कोई एक खिलाड़ी खुद आगे बढ़कर श्रेय लेता है, लेकिन यह कहानी कुछ ऐसी ही है, जिसमें कुछ चुनिंदा प्लेयर्स को हीरो बना दिया जाता है। फिर पब्लिक की डिमांड पर वही पोस्टर बॉय छाए रहते हैं। कुछ ऐसा ही तो वनडे वर्ल्ड कप 1983 की वर्ल्ड चैंपियन टीम के साथ भी हुआ था।

आम क्रिकेट फैंस से बात करेंगे तो वे उस वर्ल्ड कप टीम के कप्तान कपिल देव, महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर के अलावा शायद ही कुछ नाम या उनके प्रदर्शन के बारे में बता पाएं। क्यों? क्योंकि दुर्भाग्य से भारत में ऐसी परम्परा है कि सिर्फ कप्तान को ही पोस्टर बॉय बना दिया जाता है। फिर बॉलीवुड की रोमांटिक फिल्मों की तरह एक ही कहानी रिपीट होती रहती है। रोजर माइकल हम्फ्री बिन्नी.. यानी रोजर बिन्नी…। या यूं कह लें दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड BCCI के अध्यक्ष रोजर बिन्नी। उन्होंने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को बीसीसीआई बॉस के तौर पर रिप्लेस किया है। 10-15 दिन पहले अगर कोई बिन्नी के बारे में भविष्यवाणी करता तो शायद मजाक लगता, लेकिन यह सच है। 67 वर्ष की उम्र में रोजर को राजयोग मिला है। वह इंडियन क्रिकेट के नए बॉस हैं।

चूंकि रोजर पिछले कुछ दिनों से चर्चा में हैं तो नई जनरेशन को इस बात का इल्म तो हो ही गया होगा कि वह वर्ल्ड कप 1983 के हीरो हैं। उन्होंने अपनी गेंदबाजी से कोहराम मचा दिया था। पाकिस्तान हो चाहे दिग्गज सितारों से पटी ऑस्ट्रेलियाई टीम, उनकी आग बरसाती गेंदों का हर कोई शिकार हुआ था। उन्होंने 18 विकेट झटकते हुए करोड़ों भारतीयों के सपने को साकार किया था। लंबी हाइट, खूबसूरत चेहरा, बोर्डिंग स्कूल से पढ़े लिखे रोजर का नाम ही सिर्फ अंग्रेजी नहीं था, बल्कि उनका ठाट-बाट भी जेंटलमैन वाला था। हालांकि, स्टाइल बिल्कुल देसी थी। टीम में कपिल, सुनील, मदन लाल, सैयद किरमानी जैसे प्लेयर्स के साथ खिचड़ी थे।

वह पिछली बार कब चर्चा में आए थे। बहुत कम लोगों को याद होगा। स्टुअर्ट बिन्नी का टीम इंडिया में सिलेक्शन हुआ था। उस वक्त रोजर बिन्नी पर सिलेक्शन प्रक्रिया को प्रभावित करने का आरोप लगा था। दरअसल, 2012 में वह टीम इंडिया के सिलेक्शन कमिटी में शामिल किए गए थे और उनके कार्यकाल के दौरान ही इकलौते बेटे स्टुअर्ट की टीम इंडिया में एंट्री हुई थी। बाद में उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और खुलासा किया था कि जब भी बेटे के सिलेक्शन की बात होती थी तो वह बाहर चले जाते थे। यह उनकी ईमानदारी का सबसे शानदार उदाहरण है।

अगर बिन्नी की कहानी बेटे स्टुअर्ट बिन्नी, बहू मयंती लैंगर या वर्ल्ड कप 1983 की जीत तक ही सीमित नहीं है। दरअसल, इन तीनों पक्षों के अलावा भी कई ऐसी बातें हैं जो नवनियुक्त बीसीसीआई बॉस के लिए अधिक महत्व रखती हैं। चलिए फ्लैशबैक में डुबकी लगाते हैं। बात करते हैं उनके स्कूलिंग की। उनके पिता की। उनके नेशनल चैंपियन जैवलिन थ्रोअर से क्रिकेटर बनने की और कहानी भारत के पहले अंडर-19 वर्ल्ड कप खिताब की। …और हां, इस कहानी में सिक्सर किंग युवराज सिंह भी हैं और भारत के जोंटी रोड्स कहे जाने वाले मोहम्मद कैफ भी हैं। हो सकता है शायद तब आपको अंदाजा लगे कि इस सुपर हीरो वर्ल्ड कप हीरो से कहीं बड़ा कद है को जितनी शोहरत मिलनी चाहिए थी उतनी मिली नहीं।

क्रिकेट करियर उनका शानदार रहा। वह वर्ल्ड कप विनिंग टीम का हिस्सा रहे। धांसू रिकॉर्ड होने के बावजूद उनका करियर अपेक्षाकृत छोटा रहा। अब आप सोच रहे होंगे कि उनके क्रिकेटर के तौर पर करियर को सिर्फ दो-तीन लाइन में खत्म कर दी तो ऐसा नहीं है। बिन्नी चर्चा में हैं तो इस बारे में आप काफी कुछ पढ़ भी चुके होंगे और जान भी चुके होंगे। अब बात करते हैं 2000 अंडर-19 वर्ल्ड कप की। जब भी इस टूर्नामेंट की बात आती है तो हर किसी के जेहन में युवराज सिंह, जो मैन ऑफ द सीरीज रहे थे और कप्तान मोहम्मद कैफ नाम ताजा हो जाता है, लेकिन बहुत कम लोगों को यह याद होगा कि इस टीम के कोच रोजर बिन्नी थे। उनके मार्गदर्शन में भारतीय टीम ने इतिहास रचा था। यह पहला मौका था जब भारत ने खिताब जीता और फिलहाल सबसे अधिक 5 बार टाइटल अपने नाम कर चुका है। यही युवराज और कैफ 2 वर्ष बाद इंग्लैंड में नेटवेस्ट ट्रॉफी 2002 के हीरो थे। जिस तरह केएल राहुल, मयंक अग्रवाल, पृथ्वी साव, यशस्वी जायसवाल जैसे धाकड़ प्लेयर्स को ग्रूम करने का श्रेय कोच राहुल द्रविड़ को जाता है कुछ ऐसा ही बिन्नी ने काम किया था। इसकी चर्चा कम ही होती है।

बिन्नी दिवंगत बीसीसीआई और CAB के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया के समय बंगाल रणजी क्रिकेट टीम के कोच भी रहे। एशियन क्रिकेट असोसिएशन में भी बड़े पद पर रहे। अब बात करते हैं एडमिनिस्ट्रेशन की। बिन्नी 2019 में कर्नाटक स्टेट क्रिकेट असोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए और अब अचानक बीसीसीआई की सरपट दौड़ती ट्रेन की कमान उनके हाथों में है। यह पूरी कहानी ठीक वैसे ही उस एक बात के बिना अधूरी है, जैसे कि वर्ल्ड कप की बात हो और कपिल देव के 175 रनों की नाबाद पारी की चर्चा ही ना हो। जिम्बाब्वे के खिलाफ इस मैच में जब भारत के 17 रन पर 5 विकेट गिर गए थे तो 7वें नंबर पर बैटिंग करने उतरे रोजर बिन्नी ने अपने कप्तान का पूरा साथ दिया था और 48 गेंदों में 22 रनों की बहुमूल्य पारी खेली थी। कहा जाता है कि उनकी, मदन लाल (39 गेंदों में 17 रन) और सैयद किरमानी (56 गेंदों में नाबाद 24 रन) की पारी नहीं होती तो कपिल के नाम नाबाद 175 रन दर्ज नहीं होते। रोजर बिन्नी ने कमाल की गेंदबाजी करते हुए 2 विकेट झटकते हुए महान कप्तान की महान पारी को सार्थक बना दिया था। अब जब अंग्रेजों के बनाए खेल में देसी ‘अंग्रेज’ बिन्नी सुप्रीम बॉस बन गए हैं तो यहां उनसे एक शानदार पारी की उम्मीद है। उम्मीद तो इस बात की भी है कि उनके कार्यकाल में जूनियर टीम की तरह रोहित की कप्तानी वाली टीम इंडिया वर्ल्ड चैंपियन बनेगी।

Disclaimer:

Mojo Patrakar may publish content sourced from external third-party providers. While we make every reasonable effort to verify the accuracy, reliability, and completeness of this information, Mojo Patrakar does not guarantee or endorse the views, opinions, conclusions, or authenticity of content provided by these third-party entities. Such content is presented solely for informational purposes, and it is not intended to substitute professional advice or to serve as a comprehensive basis for decision-making.

Mojo Patrakar expressly disclaims any liability for errors, omissions, or inaccuracies that may arise from third-party content, as well as any reliance readers may place upon it. Users are strongly encouraged to conduct independent verification and consult with qualified professionals as necessary before making any decisions based on information obtained through Mojo Patrakar.

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments