गरीब को घर देने से क्यों बच रही है बघेल सरकार?

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छत्तीसगढ़ की बघेल सरकार गरीबों को घर देने से बच रहीं है! छत्तीसगढ़ में सरकार गोबर और गोमूत्र योजना पर करोड़ों खर्च कर रही है। वहीं, प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर राज्य सरकार के पास राशि नहीं है। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर केंद्र ने भूपेश बघेल सरकार को सख्त चेतावनी दी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्रीय ग्रामीण विकास सचिव नागेंद्र नाथ सिन्हा ने एक अगस्त को छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना को लागू करने में अक्षम है तो केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को अन्य केंद्र प्रयोजित योजनाओं के समर्थन पर पुनर्विचार के लिए कहा जाएगा। प्रदेश में ग्रामीण विकास मंत्रालय की मदद से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसी प्रमुख योजनाओं का काम हो रहा है।

वहीं, मीडिया ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन से इस पत्र पर संपर्क करने की कोशिश की है लेकिन उन्होंने फोन और मैसेज का कोई जवाब नहीं दिया है। सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 7.8 लाख घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा था। वहीं, सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने अपने हिस्से की राशि को देने में आनाकानी की तो ग्रामीण विकास मंत्रालय को टारगेट वापस लेना पड़ा है। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 6.4 लाख घरों के निर्माण का लक्ष्य आवंटित किया गया था, जिसमें से राज्य सरकार ने अपनी वित्तीय स्थिति का हवाला देते हुए 4.9 लाख घरों को सरेंडर कर दिया। राज्य ने केवल 1.5 लाख घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा।

वहीं, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए केंद्र और राज्य की सरकार मिलकर खर्च करती हैं। इसमें 60:40 का अनुपात होता है। उत्तर-पूर्व के हिमालयी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों में यह अनुपात 90:10 का होता है। कई मौकों पर ग्रामीण विकास मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ सरकार से प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यान्वयन के लिए लंबित राज्य के हिस्से को जारी करने का आग्रह किया। सूत्रों ने बताया कि पिछले साल जून, सितंबर और नवंबर में राज्य को पत्र भेजे गए थे। इसके साथ ही कई दौर की बैठक और संवाद के बावजूद छत्तीसगढ़ सरकार ने न तो संतोषजनक प्रगति दिखाई और न ही अपने हिस्से के 562 करोड़ रुपये जारी किए। इसका नतीजा यह हुआ है कि प्रदेश में प्रधानमंत्री आवास योजना का काम ठप हो गया है।

सूत्रों के मुताबिक छत्तीसगढ़ एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पिछले तीन-चार साल में इस योजना को लेकर समस्या है। केंद्र ने राज्य से प्रधानमंत्री के लिए पर्याप्त धन प्रवाह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है ताकि राज्य के सभी पात्र लाभार्थी को इस योजना का लाभ मिल सके। सूत्रों ने यह भी बताया है कि राज्य सरकार अगर प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए फंड जारी नहीं करती हैं तो केंद्र सरकार राज्य में पीएमजीएसवाई और श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन जैसी दो प्रमुख योजनाओं में समर्थन बंद कर सकता है।

संयोगवश प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंह देव ने भी इसी बात को लेकर इस्तीफा दिया है। उन्होंने अपने त्याग पत्र में लिखा था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए धन की मंजूरी नहीं होने के कारण गरीबों का घर नहीं बनवा पा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में आठ लाख लोगों के लिए धनराशि स्वीकृत नहीं हुआ, जिसके कारण उनके घर नहीं बन पा रहे हैं।

टीएस सिंह देव ने भूपेश बघेल को पत्र लिखते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बेघर लोगों को लिए घर बनाए जाने थे और मैंने आपसे इसके लिए धन आवंटित करने के लिए चर्चा और अनुरोध किया था, लेकिन योजना के लिए धन उपलब्ध नहीं कराया गया था, जिसके कारण आठ लोगों का घर नहीं बन सका। उन्होंने यह लिखा था कि मुझे खेद है कि योजना का लाभ राज्य के बेघरों तक नहीं पहुंच सका।

वहीं, इस पर कांग्रेस नेता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि जब राज्य सरकार गोबर और गोमूत्र खरीदती है तो बीजेपी के नेता आरोप लगाने का काम करते हैं। छत्तीसगढ़ में गोबर और गोमूत्र से खाद और कीटनाशक बनाने का काम चल रहा है। इससे बनने वाले कीटनाशकों को सस्ते दामों में किसानों को देने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र में बैठी सरकार अपनी योजनाओं को लेकर खुद ही ईमानदार नहीं है। इनकी सरकार के पास अपनी योजनाओं को चलाने के लिए फंड नहीं है। इसीलिए योजनाओं को रद्द कर, राज्य सरकार के ऊपर झूठे आरोप लगा रही है।

बीजेपी नेता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि PM आवास योजना में प्रधानमंत्री का नाम है, इसलिए छत्तीसगढ़ की जनता के साथ भेदभाव किया जा रहा है। गोबर और गोमूत्र खरीदना केवल राज्य सरकार अपनी खुद की ब्रांडिंग कर रही है। जितने की गोबर खरीदी नहीं हो रही है उससे ज्यादा के विज्ञापन लगाकर चेहरा चमकाने का यह सरकार काम कर रही है। बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि प्रदेश के अलग-अलग स्थानों में कांग्रेस नेताओं का कब्जा है। इसके साथ ही कहा कि हर बजट में यह सरकार खुद की पीठ थपथपाने का काम करती है लेकिन पीएम आवास योजना के पैसे की जब बात आती है तो केंद्र सरकार पर इसका ठीकरा फोड़ दिया जाता है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के पास राशि की कमी है। वहीं, गोबर की खरीद पर सरकार करोड़ों की राशि खर्च कर रही है। गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ की सरकार ने 2022 के तहत 307 करोड़ 92 लाख रुपये का अब तक भुगतान कर चुकी है। इसके साथ ही राज्य सरकार ने अब गोमूत्र की खरीदी शुरू की है। सरकार लोगों से चार रुपये लीटर गोमूत्र की खरीद करेगी।