चीन या भारत दोनों में से किस की इम्युनिटी सबसे ज्यादा है आज हम आपको यही बताने वाले हैं! कोरोना पर अपनी पीठ थपथपाने वाला चीन एक बार फिर कोरोना के नए वेरिएंट के जाल में फंस गया है। चीन में कोरोना के Bf.7 और Ba.5.1.7 वेरिएंट ने आतंक मचा रखा है। पिछले एक हफ्ते से चीन में रोजाना सैकड़ों लोग कोरोना वायरस से अपनी जान गंवा रहे हैं। शमशान में लोगों की लंबी लाइन लग रही है। चीन में कोरोना के कहर के बाद सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या मौजूदा कोरोना वैक्सीन कोरोना से लड़ने में कारगर है भी या नहीं। एक सवाल और हर किसी के मन में आ रहा है कि क्या चीन के लोगों की तुलना में भारत के लोगों का इम्युनिटी सिस्टम कोरोना के इन दो नए वेरिएंट से मुकाबला कर पाएगा? चीन ने कभी भी अपनी कोरोना वैक्सीन के बारे में सही जानकारी दुनिया को नहीं दी है। ऐसे में वहां के लोगों में नेचुरल और वैक्सीन इम्युनिटी विकसित हुई है या नहीं, इस बारे में कोई पुख्ता जानकारी किसी के पास नहीं हैं। उन्होंने कहा जहां तक भारत का सवाल है। भारत में अधिकांश लोगों को कोवैक्सीन और कोविशील्ड की कोरोना वैक्सीन लगी हुई है। यह दोनों वैक्सीन 80 फीसदी इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत करने में सक्षम है। उन्होंने कहा जब भारत में ओमीक्रोन वायरस का कहर था, तब लोगों को नेचुरल इम्युनिटी से काफी मदद मिली थी।
चीन का टीकाकरण अभियान भी पूरी तरह से डाउटफुल है। भारत में कोरोना वैक्सीन अभियान एक चरणबद्ध तरीके से चलाया गया था। भारत में सबसे पहले उन लोगों को वैक्सीन दी गई, जिनके कोरोना संक्रमित होने की संभावना सबसे ज्यादा थी। इसके बाद बुजुर्गों, बच्चों और जवानों के लिए एक पूरी प्लानिंग के साथ वैक्सीन अभियान चलाया गया। मगर चीन में कोरोना वैक्सीन अभियान चरणबद्ध तरीके से नहीं चलाया गया। वहां कितने लोगों को वैक्सीन लगी है और किस क्वालिटी की वैक्सीन लगी है। इसकी भी कोई जानकारी चीन ने साझा नहीं की है। ऐसे में यह बात तय है कि चीन के लोगों का इम्युनिटी सिस्टम भारत के लोगों के इम्युनिटी सिस्टम की तुलना में काफी कमजोर है। यही कारण है कि चीन में लोग कोरोना वायरस के शिकार हो रहे हैं।
चीन में कोरोना के बढ़ते कहर के बीच एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि चीन में कोरोना की तीन लहरें दस्तक देगी। पहली लहर 15 दिसंबर से 15 जनवरी 2023 और दूसरी लहर 15 फरवरी 2023 से 15 मार्च 2023 के बीच धावा बोलेगी। इसके बाद किसी भी वक्त तीसरी लहर दस्तक दे सकती है।
एक्सपर्ट का कहना है कि भारत को चीन में बढ़ते कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है।चीन में कोरोना के बढ़ते कहर के बीच एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि चीन में कोरोना की तीन लहरें दस्तक देगी। पहली लहर 15 दिसंबर से 15 जनवरी 2023 और दूसरी लहर 15 फरवरी 2023 से 15 मार्च 2023 के बीच धावा बोलेगी। इसके बाद किसी भी वक्त तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि भारत को चीन में बढ़ते कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। चीन ने कोरोना से निपटने के लिए कभी कोई पुख्ता इंतजाम किए ही नहीं थे, जिसका अंजाम चीन भुगत रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि भारत की तैयारी चीन से कहीं बेहतर और मजबूत रही है। चीन ने कोरोना से निपटने के लिए कभी कोई पुख्ता इंतजाम किए ही नहीं थे, जिसका अंजाम चीन भुगत रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि भारत की तैयारी चीन से कहीं बेहतर और मजबूत रही है।
अभी सरकार की तरफ से मास्क और सैनिटाइजर को अनिवार्य नहीं करना चाहिए। हालांकि अगर इसका इस्तेमाल सभी लोग करते हैं तो काफी हद तक कोरोना के नए वेरिएंट के खतरे को कम किया जा सकता है।चीन में कोरोना के बढ़ते कहर के बीच एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि चीन में कोरोना की तीन लहरें दस्तक देगी। पहली लहर 15 दिसंबर से 15 जनवरी 2023 और दूसरी लहर 15 फरवरी 2023 से 15 मार्च 2023 के बीच धावा बोलेगी। इसके बाद किसी भी वक्त तीसरी लहर दस्तक दे सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि भारत को चीन में बढ़ते कोरोना से डरने की जरूरत नहीं है। चीन ने कोरोना से निपटने के लिए कभी कोई पुख्ता इंतजाम किए ही नहीं थे, जिसका अंजाम चीन भुगत रहा है। एक्सपर्ट का कहना है कि भारत की तैयारी चीन से कहीं बेहतर और मजबूत रही है। उन्होंने कहा है कि विदेशी उडानों को भारत में आने से रोकने से कुछ फायदा नहीं होगा। कोरोना का नया वेरिएंट तो किसी न किसी तरह भारत में दस्तक देकर ही रहेगा। भारत सरकार को सतर्क रहने की जरूरत है। चीन के अलावा अमेरिका, ब्राजील और जापान से आने वाले लोगों का कोरोना टेस्ट बढाना होगा। साथ ही जीनोम सिक्वेंसिंग पर भी फोकस बढ़ाना होगा।