नए साल पर ड्रग्स के जरिए दाऊद देश को बर्बाद करना चाहता था! हर कोई अपनी-अपनी तरह से नए साल के स्वागत की तैयारियों में जुटा हुआ है। खासकर युवा जो न्यू ईयर पार्टीज के लिए खासे उत्साहित हैं। न्यू ईयर ईव और नए साल की शुरुआत में होटल, पब, डिस्को में पार्टीज के खास इंतजाम किए जाते हैं। कई तरह की पार्टीज होती है, यंगस्टर्स के लिए तो जैसे ये वक्त पूरी मौज मस्ती का होता है और इसी फायदा उठाने प्लान बनाया जा रहा था देश के बाहर। दाऊद की डी कंपनी के एंजेट देश में सफेद जहर घोलने की साजिश रच रहे थे। इंदौर की क्राइम ब्रांच को खबर मिली थी कि देश में भारी मात्रा में एमडीएमए यानी मिथाइलीनडाईऑक्सी मैथाम्टामाइन नाम की खतरनाक ड्रग की सप्लाई की जा रही है। डी कंपनी के एजेंट इसे अफगानिस्तान से मंगा रहे हैं। क्राइम ब्रांच ने अपना जाल फैलाया। मुंबई पुलिस से मदद ली गई और फिर महजबीन नाम की एक महिला को गिरफ्तार किया गया। ये महिला डी कंपनी यानी दाऊद इब्राहिम की कंपनी के लिए काम करती है। इसके मोबाइल से कई ऐसी चैट मिली जिससे ये साफ हुआ कि ड्रग के लिए कच्चा माल अफगानिस्तान से आ रहा था। महजबीन नाम की ये महिला इस जहर के कारोबार में अहम भूमिका निभा रही थी।
सफेद रंग का ये जहर अफगानिस्तान से गुजरात आता था और फिर इसे हैदराबाद भेजा जाता था। हैदराबाद में दवा कारोबारी वेदप्रकाश व्यास के कारखाने में इस जहर को पूरी तरह से तैयार किया जाता था और फिर पूरे देश में एमडीएमए नाम के इस जहर की सप्लाई होती थी। देश भर के क्लब, डिस्को, बड़ी-बड़ी पार्टीज में सप्लायर की मदद से इसे बेचा जाता था ताकि युवा इस नशे की गिरफ्त में आ जाएं। ये लोग देश को नशे का अड्डा बनाना का प्लान कर रहे थे। दिल्ली, मुंबई, मध्यप्रदेश, राजस्थान हर तरफ इन ड्रग सप्लायर का जाल फैला हुआ था। पुलिस ने फिलहाल 70 करोड़ रुपये की ड्रग बरामद कर ली है। उस दवा कंपनी को भी सीज कर दिया गया है जहां ये ड्रग तैयार हो रही थी। दवा कारोबारी वेदप्रकाश व्यास समते कई और लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा देशभर से 40 छोटे ड्रग सप्लायर भी गिरफ्तार हुए जो इस जहर को युवाओं तक पहुंचाते थे। माना जा रहा है कि अभी इससे काफी ज्यादा बड़ी मात्रा में एमडीएमए तस्करों के पास है।
ड्रग की तस्करी का कारोबार देश में लगातार बढ़ता जा रहा है। आए दिन ड्रग सप्लायर अरेस्ट होते हैं, बड़ी मात्रा में ये ‘सफेद जहर’ बरामद भी किया जाता है। कई युवा इसे लेते हुए पाए गए हैं। कई बार इस ड्रग के साथ सेलेब्रेटी का नाम भी जुड़ता है। बीजेपी नेता सोनाली फोगाट की मौत के वक्त भी एमडीएमए ड्रग काफी चर्चा में रही थी। ये बात सामने आई थी कि सोनाली ने उस रात एमडीएमए की ओवरडोज ली थी।एमडीएमए बेहद महंगी ड्रग है और इसलिए इसकी तस्करी का कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा है। कोकीन के बाद ये दूसरी महंगी ड्रग मानी जाती है इसलिए सिर्फ बड़ी-बड़ी महंगी पार्टीज में ही इसका इस्तेमाल होता है। 2500 से 3000 रुपये प्रति ग्राम के हिसाब से इसकी कीमत लगाई जाती है। अमीर युवा इसके इस कदर आदि हो जाते हैं कि वो इसके लिए कितनी भी बड़ी रकम देने को तैयार रहते हैं। मेथामफेटामाइन एक बेहद खतरनाक ड्रग है। सफेद रंग की ये ड्रग कांच की गोलियों की तरह दिखती है। ये युवाओं में एमडीएमए, एमडी या एक्सटजी के नाम से मशहूर है।एमडीएमए बेहद महंगी ड्रग है और इसलिए इसकी तस्करी का कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा है। कोकीन के बाद ये दूसरी महंगी ड्रग मानी जाती है इसलिए सिर्फ बड़ी-बड़ी महंगी पार्टीज में ही इसका इस्तेमाल होता है। 2500 से 3000 रुपये प्रति ग्राम के हिसाब से इसकी कीमत लगाई जाती है। अमीर युवा इसके इस कदर आदि हो जाते हैं कि वो इसके लिए कितनी भी बड़ी रकम देने को तैयार रहते हैं।ये ड्रग काफी पावरफुल मानी जाती है। इसका इस्तेमाल सीधा नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। काफी पावरफुल होने की वजह से इसकी लत काफी जल्दी लग जाती है।
एमडीएमए बेहद महंगी ड्रग है और इसलिए इसकी तस्करी का कारोबार बड़े पैमाने पर हो रहा है। कोकीन के बाद ये दूसरी महंगी ड्रग मानी जाती है इसलिए सिर्फ बड़ी-बड़ी महंगी पार्टीज में ही इसका इस्तेमाल होता है। 2500 से 3000 रुपये प्रति ग्राम के हिसाब से इसकी कीमत लगाई जाती है। अमीर युवा इसके इस कदर आदि हो जाते हैं कि वो इसके लिए कितनी भी बड़ी रकम देने को तैयार रहते हैं।