केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री वीरेन्द्र कुमार ने दिव्यांगजनों को हरसंभव सहायता का आश्वासन देते हुए कहा है कि आत्मनिर्भर भारत बनाने में दिव्यांगजनों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होने ने कहा कि पूरा देश आत्मनिर्भर भारत की दिशा में बढ़ रहा है और दिव्यांग जनों को आत्मनिर्भर बनाए बगैर यह उद्देश्य हासिल नहीं किया जा सकता।
श्री कुमार ने गुरुवार को एमएमआरडीए ग्राउंड-1, बांद्रा कुर्ला परिसर में दिव्य कला मेला 2023Divya kala mela 2023 का उद्घाटन करते हुए कहा कि सरकार ने दिव्यांग जनों में उद्यमशीलता, शिल्पकारिता को बढ़ावा देने के कई योजनाएं बनाई हैं। इनके माध्यम से दिव्यांग जनों को प्रशिक्षण, कौशल और वित्त उपलब्ध कराया जाता है। इस अवसर पर श्री रामदास अठावले, सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री, भारत सरकार भी उपस्थित थे।
मेले में जम्मू- कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों सहित देश के विभिन्न हिस्सों के उत्पादों हस्तशिल्प, हथकरघा, कढ़ाई के काम और भोज्य पदार्थ आदि को एक साथ देखा जा सकता है। मेले में लगभग 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लगभग 200 दिव्यांग कारीगर, कलाकार और उद्यमी अपने उत्पादों और कौशल का प्रदर्शन कर रहे हैं। गृह साज सज्जा और जीवन शैली, कपड़े, स्टेशनरी और पर्यावरण के अनुकूल उत्पाद, भोज्य पदार्थ और जैविक उत्पाद, खिलौने और उपहार, व्यक्तिगत सामान – आभूषण आदि मेले का मुख्य आकर्षण है।
16 फरवरी से 25 फरवरी तक चलने वाला ये दिव्य कला मेला’ सुबह 11.00 बजे से रात 9.00 बजे तक खुला रहेगा और इसमें दिव्यांग कलाकारों और प्रसिद्ध पेशेवरों की प्रस्तुतियों सहित सांस्कृतिक गतिविधियों की श्रृंखला देखने को मिलेगी। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों से अपने पसंदीदा खाद्य पदार्थों का भी आनंद लिया जा सकता है।
दिव्यांगजन सशक्तिकरण के पास इस अवधारणा को बढ़ावा देने के लिए कई भव्य योजनाएं हैं, जिसके अंतर्गत प्रति वर्ष दिव्य कला मेला आयोजित किया जाता है। दिव्यांगों के शक्ति प्रदर्शन का यह मेला दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े महानगरों तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि पूरे देश में 10 अलग-अलग स्थानों पर इसका आयोजन होगा।