सिक्किम रेल प्रोजेक्ट भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है! भारत पर चीन की बुरी नजर हमेशा लगी रहती है। चीन हमेशा इस कोशिश में जुटा रहता है कि LAC पर शांति न रहेदेखने को मिल ही जाती है। भारत ने भी चीन की इस मंशा को अच्छे से समझ लिया है और अब उचित ऐक्शन भी बहुत तेजी से हो रहे हैं। भारत ने अब चीन को जवाब देने लगा है। इसी कड़ी में भारत के एक प्रोजेक्ट ने चीन की नींद उड़ा दी है। जी हां, हम बात कर रहे हैं सिक्किम में चल रहे पहले रेल प्रॉजेक्ट की जिसे चीन के लिए पचाना आसान नहीं होगा। जिस तरह चीन LAC के पास अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में लगा रहता है, उसी तरह भारत ने भी इंडो-चीन बॉर्डर पर अपनी मजबूती के लिए बेहद खास कदम उठाया। सिक्किम इंडो-चाइना बॉर्डर की तरफ से भारत का आखिरी राज्य है। नाथुला पास से डोकलाम की शुरुआत होती है और दूसरी तरफ है चीन का बॉर्डर। इसके अलावा नेपाल और भूटान के बॉर्डर भी सिक्किम से लगते हैं। इसलिए रणनीति के लिहाज से ये स्टेट काफी अहम हो जाता है। इस राज्य को मजबूत करने के लिए केन्द्र सरकार यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर लगातार काम कर रही है। इस पहल का सबसे नया कदम है सिक्किम में रेलवे लाइन। यहां अब तक कोई रेलवे लाइन नहीं थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। राज्य में सिवोक-रंगपो रेलवे प्रॉजेक्ट काफी तेजी से चल रहा है। एक बार रंगपो तक रेल पहुंच जाएगी तो अगले चरण में इसी प्रॉजेक्ट को नाथुला से जोड़ने का भी प्लान है। यानी दिल्ली से सीधा डोकलाम तक दौड़ेगी भारतीय रेल।
पहले चरण में ये रेल प्रॉजेक्ट पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी को सिक्किम से जोड़ेगी। करीब 45 किलोमीटर की ये रेल लाइन प. बंगाल के सिवोक से शुरू होकर सिक्किम में रंगपो तक जाएगी। इस प्रॉजेक्ट में कुल 14 टनल होंगी जबकि 22 पुल बनाए जाएंगे। सिवोक से रंगपो के बीच छह रेलवे स्टेशन होंगे, जिनमें से एक अंडरग्राउंड भी होगा। जिस तरह चीन LAC के पास अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में लगा रहता है, उसी तरह भारत ने भी इंडो-चीन बॉर्डर पर अपनी मजबूती के लिए बेहद खास कदम उठाया। सिक्किम इंडो-चाइना बॉर्डर की तरफ से भारत का आखिरी राज्य है। नाथुला पास से डोकलाम की शुरुआत होती है और दूसरी तरफ है चीन का बॉर्डर। इसके अलावा नेपाल और भूटान के बॉर्डर भी सिक्किम से लगते हैं। इसलिए रणनीति के लिहाज से ये स्टेट काफी अहम हो जाता है। इस राज्य को मजबूत करने के लिए केन्द्र सरकार यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर लगातार काम कर रही है।इस प्रॉजेक्ट पर 50 प्रतिशत से ज्यादा काम हो चुका है। रंगपो स्टेशन तो काफी हद तक तैयार भी हो चुका है। इस स्टेशन पर बस रेल लाइन बिछनी बाकी है। इसके अलावा दूसरे स्टेशन्स पर भी काफी तेजी से काम चल रहा है। खुदाई का काम तकरीबन पूरा हो चुका है। माना जा रहा है कि साल 2024 तक ये रेल लाइन पूरी तरह से तैयार हो जाएगी और फिर हर राज्य से सिक्किम तक सीधी कनेक्टिविटी होगी।
रणनीति के अलावा ये टूरिजम के लिहाज से भी ये रेलवे लाइन काफी अहमद है। सिक्किम काफी खूबसूरत राज्य है। देश के कोने-कोने से यहां लोग आते हैं। अब तक यहां पहुंचने का एकमात्र जरिया NH- 10 था।जिस तरह चीन LAC के पास अपना इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने में लगा रहता है, उसी तरह भारत ने भी इंडो-चीन बॉर्डर पर अपनी मजबूती के लिए बेहद खास कदम उठाया। सिक्किम इंडो-चाइना बॉर्डर की तरफ से भारत का आखिरी राज्य है। नाथुला पास से डोकलाम की शुरुआत होती है और दूसरी तरफ है चीन का बॉर्डर। इसके अलावा नेपाल और भूटान के बॉर्डर भी सिक्किम से लगते हैं। इसलिए रणनीति के लिहाज से ये स्टेट काफी अहम हो जाता है। इस राज्य को मजबूत करने के लिए केन्द्र सरकार यहां के इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर लगातार काम कर रही है। यानी सिर्फ रोड के जरिए ही सिक्किम तक पहुंचा जा सकता था, लेकिन जैसे ही रेलवे लाइन शुरू हो जाएगी, लोग आसानी से और जल्दी सिक्किम तक पहुंच पाएंगे। कुल मिलाकर एक एक बेहद अहम प्रॉजेक्ट साबित होने वाला है। एक तरफ इस प्रॉजेक्ट ने चीन की नींद उड़ा दी है तो दूसरी तरफ पर्यटकों में इसको लेकर काफी खुशी है।