क्या नीतीश कुमार के लिए काम कर रहे हैं आईएएस के के पाठक?

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हाल ही में खबरों में आए आईएएस के के पाठक कहीं ना कहीं नीतीश कुमार के लिए ही काम कर रहे हैं ! नई नियमावली 2023 का विरोध कर रहे शिक्षकों की राह आसान नहीं होने जा रही है। राज्य सरकार शिक्षकों के विरोध प्रदर्शन को ले कर अपनी रणनीति तैयार कर रही है ताकि शिक्षकों का प्रदर्शन संख्या बल के आगे दम तोड़ दे। वह भी अधिकारी के के पाठक की मौजूदगी में प्रदर्शन हुए तो नियोजित शिक्षकों पर सरकार के नियमन का वार भी झेलना पड़ेगा। नियोजित शिक्षकों की लड़ाई तो शिक्षक संघ लड़ तो रहा है, पर अलग-अलग और कई गुट में बंटकर। हालांकि कोशिश तो हुई अपने अपने तरीके से शिक्षकों ने अनुरोध भी किया। पर समग्रता में सभी 17 या 18 संघटन एक तो नहीं हुए पर विरोध का तरीका भी अलग-अलग स्वरूप ले रहा है। शिक्षक संगठनों ने अपने प्रदर्शन का वैसे तो खाका खींच दिया है। इस बार सड़क से सदन तक विरोध की तैयारी है। नई शिक्षक नियमावली को लेकर ये विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं।

नियोजित शिक्षकों के समर्थन में भारतीय जनता पार्टी खुल कर सामने आ गई है। सदन के भीतर तो शिक्षक भर्ती के नियमन का विरोध करेगी ही, इसके साथ भाजपा सड़कों पर भी उतरेगी। मिली जानकारी के अनुसार 13 जुलाई को बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी विधान मंडल का घेराव करने जा रहे हैं। भाजपा नियोजित शिक्षक के मुद्दे पर राज्य सरकार के द्वारा बनाई गई त्रुटि पूर्ण नियमावली 2023 का विरोध करने जा रही है। साथ ही भाजपा डोमिसाइल नीति को खत्म करने के नीतीश सरकार के फैसले का भी विरोध करेगी। इसके लिए भाजपा पंचायत स्तर तक बड़ी तेजी से प्रचार भी कर रही है। चौक चौराहे को पोस्टर, बैनर से पाट दिया गया है। वन टू वन संपर्क के जरिए इस प्रदर्शन को शानदार और जानदार बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। भाजपा इस विरोध को राजनीतिक पटल पर उतारकर लगभग पांच लाख शिक्षक परिवारों की सहानभूति भी अपनी झोली में डालना चाहती है।

सरकार ने कई स्तर पर शिक्षकों के विरोध की हवा निकालने की रणनीतिक तैयारी भी कर ली है। इसलिए अगर कोई ये समझ रहा है कि आईएएस केके पाठक को सिर्फ शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर लगाम लगाने के लिए लाया गया तो ये उसकी गलतफहमी है।सरकार ने कई स्तर पर शिक्षकों के विरोध की हवा निकालने की रणनीतिक तैयारी भी कर ली है। इसलिए अगर कोई ये समझ रहा है कि आईएएस केके पाठक को सिर्फ शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर लगाम लगाने के लिए लाया गया तो ये उसकी गलतफहमी है। नीतीश सरकार ने नई शिक्षक नियमावली के विरोध के नाजुक वक्त में केके पाठक को शिक्षा विभाग की कमान सौंपी है। चौक चौराहे को पोस्टर, बैनर से पाट दिया गया है। वन टू वन संपर्क के जरिए इस प्रदर्शन को शानदार और जानदार बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। भाजपा इस विरोध को राजनीतिक पटल पर उतारकर लगभग पांच लाख शिक्षक परिवारों की सहानभूति भी अपनी झोली में डालना चाहती है।अब समझिए कैसे केके पाठक के पास मौजूद वो चार वैधानिक नियम जो अभ्यर्थियों के आंदोलन की गाड़ी को पंक्चर कर सकते हैं। नीतीश सरकार ने नई शिक्षक नियमावली के विरोध के नाजुक वक्त में केके पाठक को शिक्षा विभाग की कमान सौंपी है। अब समझिए कैसे केके पाठक के पास मौजूद वो चार वैधानिक नियम जो अभ्यर्थियों के आंदोलन की गाड़ी को पंक्चर कर सकते हैं।

बहरहाल , नियोजित शिक्षकों के विधानमंडल का घेराव उनकी तादाद पर निर्भर करता है।चौक चौराहे को पोस्टर, बैनर से पाट दिया गया है। वन टू वन संपर्क के जरिए इस प्रदर्शन को शानदार और जानदार बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। भाजपा इस विरोध को राजनीतिक पटल पर उतारकर लगभग पांच लाख शिक्षक परिवारों की सहानभूति भी अपनी झोली में डालना चाहती है। देखना होगा 10, 11, 12 और 13 जुलाई के विरोध प्रदर्शन में कितने लोग शामिल हो सकते हैंचौक चौराहे को पोस्टर, बैनर से पाट दिया गया है। वन टू वन संपर्क के जरिए इस प्रदर्शन को शानदार और जानदार बनाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। भाजपा इस विरोध को राजनीतिक पटल पर उतारकर लगभग पांच लाख शिक्षक परिवारों की सहानभूति भी अपनी झोली में डालना चाहती है। हालांकि नियोजित शिक्षकों का अगले विरोध प्रदर्शन की रूप रेखा तैयार कर ली गई है। संघ से मिली जानकारी के अनुसार दूसरे चरण के विरोध प्रदर्शन में तालाबंदी का प्रस्ताव रखा गया है।