हाल ही में आनंद महिंद्रा पर एक पिता ने केस कर दिया है! कार खरीदने से पहले हर कोई ये देखता है कि ये कितनी सुरक्षित है। कार में कौन से ऐसे फीचर है जो एक्सीडेंट होने पर जान बचा सकते हैं। लग्जरी कारों में कई ऐसे फीचर दिए जाते हैं जो लोगों की सेफ्टी के लिए होते हैं। इनमें से एक फीचर है एयरबैग। एयरबैग हर सीट के पास लगा होता है। एक्सीडेंट होने पर सबसे पहले कार की सीट के पास लगे ये एयरबैग्स खुल जाते हैं और लोगों को एक प्रोटेक्शन देते हैं। ये फीचर ज्यादातर महंगी कारों में ही होता है। करीब एक साल पहले कानपुर में रहने वाले राजेश मिश्रा ने अपने बेटे को एक कार गिफ्ट देने का प्लान बनाया। राजेश मिश्रा के बेटे अपूर्व मिश्रा बेटा डॉक्टर थे। वो अपने बेटे को एक ऐसी कार देना चाहते थे जो सेफ्टी के लिहाज से अच्छी हो और उनकी तलाश खत्म हुई स्कॉर्पियो कार में जाकर। राजेश मिश्रा ने बताया कि सोशल मीडिया उन्होंने आनंद महिंद्रा की तरफ से दिखाए गए विज्ञापन को देखकर उन्हें ये चुनने में मदद मिली और उन्हें इसी कंपनी की कार खरीदने का मन बनाया।
2 दिसंबर 2020 को आखिरकार राजेश मिश्रा ने स्कार्पियो कार अपने बेटे को गिफ्ट कर दी। इस कार के लिए उन्होंने 17.39 लाख रुपये खर्च किए। अपूर्व भी अपने पिता के गिफ्ट से बेहद खुश थे, लेकिन ये खुशी पिछले साल गम में तब्दील हो गई। उन्हें धोखे में रखकर गाड़ी बेची गई थी। सेफ्टी के दावे किए गए थे, लेकिन वो झूठे निकले जिसकी कीमत उनके बेटे को चुकानी पड़ी। राजेश मिश्रा ने कहा कि उन्होंने शोरूम जाकर भी इस बात की शिकायत की थी, बता दे कि ये खुशी पिछले साल गम में तब्दील हो गई।14 जनवरी 2022 को डॉक्टर अपूर्व मिश्रा अपने दोस्तों के साथ लखनऊ से कानपुर लौट रहे थे। जनवरी का वक्त था कोहरा काफी ज्यादा था जिसकी वजह से स्कॉर्पियो डिवाइडर से टकरा गई और फिर पलट गई। इस हादसे में डॉक्टर अपूर्व की मौत हो गई।
एक पिता के लिए ये सबसे बड़ा सदमा था। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था जिस कार को उन्होंने अपने बेटे के लिए लिया था वही कार बेटे की मौत की वजह बन गई। राजेश मिश्रा के मुताबिक जब ये एक्सिडेंट हुआ उस समय कार के एयरबैग नहीं खुले। अगर कार के एयरबैग खुल गए होते तो उनका बेटा आज जिंदा होता है। करीब 18 लाख रुपये खर्च करके उन्होंने जो कार अपने बेटे की सेफ्टी को ध्यान में रखकर खरीदी उसी कार ने धोखा दे दिया। राजेश मिश्रा का कहना है कि अपूर्व मिश्रा ने सीट बेल्ट लगाई हुई थी। उनके शरीर पर चोट के निशान भी नहीं मिले थे।
अब राजेश मिश्रा ने इस मामले में कानपुर के रायपुरवा थाने में महिंद्रा कंपनी के चेयरमैन आनंद गोपाल महिंद्रा, तिरुपति आटो के मैनेजर, मुंबई स्थित महिंद्रा कंपनी के डायरेक्टर चंद्र प्रकाश गुरनानी, विक्रम सिंह मेहता, राजेश गणेश जेजुरिकर, अनीश दिलीप शाह, थोथला नारायणसामी, हैग्रेव खेतान, मुथैया मुरुगप्पन मुथैया, विशाखा नीरुभाई देसाई, निसबाह गोदरेज, सिखा संजय शर्मा और विजय कुमार शर्मा पर FIR दर्ज करवाई है।
राजेश मिश्रा का आरोप है कि उन्हें धोखे में रखकर गाड़ी बेची गई थी। सेफ्टी के दावे किए गए थे, लेकिन वो झूठे निकले जिसकी कीमत उनके बेटे को चुकानी पड़ी। राजेश मिश्रा ने कहा कि उन्होंने शोरूम जाकर भी इस बात की शिकायत की थी, बता दे कि ये खुशी पिछले साल गम में तब्दील हो गई। 14 जनवरी 2022 को डॉक्टर अपूर्व मिश्रा अपने दोस्तों के साथ लखनऊ से कानपुर लौट रहे थे। यहि नहीं करीब एक साल पहले कानपुर में रहने वाले राजेश मिश्रा ने अपने बेटे को एक कार गिफ्ट देने का प्लान बनाया। राजेश मिश्रा के बेटे अपूर्व मिश्रा बेटा डॉक्टर थे। वो अपने बेटे को एक ऐसी कार देना चाहते थे जो सेफ्टी के लिहाज से अच्छी हो और उनकी तलाश खत्म हुई स्कॉर्पियो कार में जाकर। राजेश मिश्रा ने बताया कि सोशल मीडिया उन्होंने आनंद महिंद्रा की तरफ से दिखाए गए विज्ञापन को देखकर उन्हें ये चुनने में मदद मिली और उन्हें इसी कंपनी की कार खरीदने का मन बनाया। जनवरी का वक्त था कोहरा काफी ज्यादा था जिसकी वजह से स्कॉर्पियो डिवाइडर से टकरा गई और फिर पलट गई। इस हादसे में डॉक्टर अपूर्व की मौत हो गई। लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। उल्टा शोरूम कर्मचारी उनके साथ ही मारपीट करने लग गए और इसलिए अब महिंद्रा के मालिक के खिलाफ है शिकायत दर्ज करवाई है।