Sunday, September 8, 2024
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क्या बिहार में शिक्षकों की पूरी नहीं है शिक्षा?

वर्तमान में बिहार में शिक्षकों की ही शिक्षा पूरी नहीं है! बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने न सिर्फ लेट लतीफ और गैर जिम्मेदार शिक्षकों को लाइन पर ला दिया। बल्कि अब तो एक अफसर भी उन्हीं के नक्शे कदम पर चल पड़ा है। इस अफसर ने स्कूलों के निरीक्षण के दौरान स्कूल का ब्लैक बोर्ड देेखा और भौंचक्का रह गया। उसे उम्मीद ही नहीं थी कि स्कूल में ऐसे ‘बड़े वाले काबिल’ शिक्षक भी मौजूद हैं। स्कूल के क्लासरूम में ब्लैक बोर्ड को देखते ही अफसर हैरान रह गए। उन्हें समझ में आने लगा कि यूं ही बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल नहीं उठते। लिहाजा उन्होंने ऑन द स्पॉट की शिक्षक महोदय को नाप दिया। मामला दरभंगा जिले के सिंहवारा थाना क्षेत्र का है। यहां माध्यमिक शिक्षा बिहार के निदेशक डाॅ कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने पांच विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर दिया। इसी दौरान विद्यालय निरीक्षण के दौरान निदेशक ने प्लस टू कन्या उच्च विद्यालय रामपुरा में क्लास रूम के गेट पर व्यायाम शब्द को अशुद्ध लिखा पाया। इसके बाद निदेशक ने कहा कि ‘शैक्षणिक संस्थान में इस तरह की गलत लिखावट आखिर क्या दर्शा रही है।’ उन्होंने प्रधानाध्यापक देवनाथ प्रसाद से इसे अविलंब ठीक करवाने का निर्देश दिया।

उसी स्कूल में एक शिक्षक पवन कुमार चौधरी उर्फ श्रीजी ने ब्लैक बोर्ड पर कुछ शब्द लिख रखे थे। इसमें लिखा था स्कुल, परिसद और समिती। हमने इन शब्द को ज्यों का त्यों लिखा है ताकि आपको पता चले कि स्कूल के मास्टर जी क्या पढ़ा रहे थे। इन तीनों शब्दों में मात्राओं की गलती देख बिहार माध्यमिक शिक्षा के निदेशक केपी श्रीवास्तव की आत्मा में केके पाठक के नियमों का संचार कर दिया। बस क्या था, अधिकारी की टीम ने सिमरी उच्च विद्यालय पहुंचकर स्मार्ट क्लास में पढ़ाई नहीं होती देख कर एचएम तौहीद अहमद से कारण पूछा तो बताया गया कि परीक्षा के कारण स्मार्ट क्लास नहीं चल रही है। इस पर निदेशक ने फिर से एचएम को फटकार लगाई। कहा कि परीक्षा में पठन-पाठन बाधित करना व्यवस्था पर सवालिया निशान है।निदेशक ऐसा भड़के कि उन्होंने मौके पर ही DEO यानी जिला शिक्षा पदाधिकारी को तत्काल गलत लिखनेवाले शिक्षक पवन कुमार चौधरी को सस्पेंड करने का आदेश दे दिया। इस दौरान उन्होंने स्कूल की प्रिंसिपल रेखा कुमारी भारती पर भी नाराजगी जताई । उन्होंने कहा अगर शिक्षक ही अशुद्ध लिखेगा तो छात्र पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा।

इसके बाद निदेशक केपी श्रीवास्तव कन्या मध्य विद्यालय रामपुरा पहुंचे। वहां प्रिंसिपल से उपस्थित शिक्षकों की जानकारी ली। इस दौरान हेडमास्टर ने 11 शिक्षकों में से चार के उपस्थित रहने की बात बताई जबकि सात शिक्षक अनुपस्थित थे। तब लंबे समय से अन्य जगह प्रतिनियोजित एक शिक्षक पर कारवाई को लेकर निदेशक ने एचएम को फटकार लगाई। वहां उन्होंने डीईओ समर बहादुर सिंह से कहा कि ऐसी परिस्थिति में सुधार लाया जाए। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक वातावरण में गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारी की टीम ने सिमरी उच्च विद्यालय पहुंचकर स्मार्ट क्लास में पढ़ाई नहीं होती देख कर एचएम तौहीद अहमद से कारण पूछा तो बताया गया कि परीक्षा के कारण स्मार्ट क्लास नहीं चल रही है। इस पर निदेशक ने फिर से एचएम को फटकार लगाई। कहा कि परीक्षा में पठन-पाठन बाधित करना व्यवस्था पर सवालिया निशान है।

विद्यालय के प्रांगण मे इधर-उधर कचरा फेंके रहने के कारण एचएम पर नाराजगी जताते हुए कहा कि ‘साफ-सफाई पर भी ध्यान दें। ये तो आपकी लापरवाही को दर्शाता है।’ कार्यालय कक्ष मे लिपिक राम पवित्र सिंह से अभिलेख और संचिका के गहन अवलोकन की मांग पर लिपिक ने कहा सब कुछ एचएम अपने पास रखते हैं। जिले के सिंहवारा थाना क्षेत्र का है। यहां माध्यमिक शिक्षा बिहार के निदेशक डाॅ कन्हैया प्रसाद श्रीवास्तव ने पांच विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर दिया। इसी दौरान विद्यालय निरीक्षण के दौरान निदेशक ने प्लस टू कन्या उच्च विद्यालय रामपुरा में क्लास रूम के गेट पर व्यायाम शब्द को अशुद्ध लिखा पाया। इसके बाद निदेशक ने कहा कि ‘शैक्षणिक संस्थान में इस तरह की गलत लिखावट आखिर क्या दर्शा रही है।’ उन्होंने प्रधानाध्यापक देवनाथ प्रसाद से इसे अविलंब ठीक करवाने का निर्देश दिया।कई प्रकार की विसंगतियां देखकर लिपिक को भी वहीं फटकार लगा दी गई और निदेशक ने कहा कि ‘हम सब समझते हैं। 13 men से एक ही जगह पर ड्यूटी के बाद अभिलेख और संचिका का अपडेट नहीं रहना विफलता के अलावा कुछ नहीं है।’ निदेशक ने डीईओ से कहा कि एक ही जगह पर लंबे समय से पदस्थापित रहने वाले शिक्षकों को अविलंब दूसरे स्थान पर ट्रांसफर कर दें।

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