आज हम बताएंगे कि नीतीश कैबिनेट में किन-किन जातियों को स्थान दिया गया है! बिहार में नई सरकार बनी, जिसमें नीतीश कुमार 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लिए। सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा डिप्टी सीएम बने। इसके अलावा 6 मंत्री बने। मंत्रिपरिषद में शपथ लेने वाले मंत्रियों में जातीय अंकगणित को ध्यान में रखा गया। लेकिन किसी ब्राह्मण, मुस्लिम और महिला विधायक को जगह नहीं मिली। उपमुख्यमंत्री पद के लिए कोइरी समुदाय से आने वाले सम्राट चौधरी और भूमिहार समुदाय के विजय कुमार सिन्हा को मौका मिला। जो भाजपा की पसंद सवर्ण जाति के मूल आधार को बरकरार रखते हुए ओबीसी तक पहुंच बनाने की ओर इशारा करता है। नीतीश कुमार के मंत्रिपरिषद के सदस्यों के रूप में रविवार को शपथ लेने वालों में भाजपा नेता सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा और प्रेम कुमार शामिल रहे। जदयू नेता विजय कुमार चौधरी, विजेंद्र यादव और श्रवण कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली। जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न उजागर किए जाने की शर्त पर बताया कि राजग सहयोगियों ने नई सरकार के लिए मंत्रियों को चुनते समय हिंदुओं के सभी सामाजिक समूहों को खुश करने के लिए एक आदर्श संतुलन बनाया। प्रेम कुमार कहार जाति से आते हैं तो विजेंद्र यादव, यादव समुदाय से।हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा नेता संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार सिंह भी ओथ लेने वालों में शामिल रहे। नीतीश कुमार, सम्राट चौधरी और संतोष कुमार सुमन, तीनों बिहार विधान परिषद के सदस्य एमएलसी हैं।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, नीतीश कुमार मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देते समय एनडीए के सहयोगी दलों के शीर्ष नेताओं ने बेहतर जातीय संतुलन बनाया है। हालांकि अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अन्य जातियों, ब्राह्मण, मुस्लिम और महिला विधायकों को समायोजित करने के लिए एक या दो दिन में कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा। नए मंत्रिमंडल में तीन उच्च जाति के मंत्री हैं, जिनमें भूमिहार समुदाय से विजय चौधरी और विजय सिन्हा, राजपूत से सुमित कुमार सिंह निर्दलीय शामिल हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा श्रवण कुमार भी कुर्मी जाति से हैं। हाल ही में संपन्न जाति सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में कुर्मियों की कुल संख्या 37.62 लाख है, जो बिहार की कुल आबादी का 2.87 प्रतिशत है। जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न उजागर किए जाने की शर्त पर बताया कि राजग सहयोगियों ने नई सरकार के लिए मंत्रियों को चुनते समय हिंदुओं के सभी सामाजिक समूहों को खुश करने के लिए एक आदर्श संतुलन बनाया। प्रेम कुमार कहार जाति से आते हैं तो विजेंद्र यादव, यादव समुदाय से।
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा नेता संतोष सुमन महादलित समुदाय से आते हैं। जदयू नेता ने कहा कि मंत्रियों के जाति विभाजन से पता चलता है कि राजग सहयोगियों ने नए मंत्रिमंडल में सभी महत्वपूर्ण सामाजिक समूहों को शामिल करने के लिए पर्याप्त प्रयास किया। बता दें कि अब यादव जाति को तटस्थ करने के लिए जदयू नेता विजेंद्र यादव को मंत्री बनाया गया। वोटिंग टेंडेंसी को लेकर बिहार की सबसे आक्रामक जाति को एनडीए से जोड़ने के लिए दो-दो भूमिहार को मंत्री बनाया है। भाजपा ने तो भूमिहार नेता विजय सिन्हा को डिप्टी सीएम बना दिया और जदयू की तरफ से विजय चौधरी को भी मंत्री बनाया गया। अतिपिछड़ा जाति के लिए भाजपा ने कहार जाति के प्रेम कुमार को भी मंत्री बनाया है। एनडीए के रणनीतिकार ने बड़ी चालाकी से सरकार के भविष्य का भी ख्याल रखा। ऐसा इसलिए कि राजद जिस मैजिक नंबर के पीछे भाग रही थी, उसके आंकड़ों में हम के चार विधायक और निर्दलीय विधायक सुमित कुमार को भी शामिल किया जा रहा था। एनडीए ने राजद नेतृत्व के उस मंसूबे को ध्वस्त किया और साथ ही दलित और राजपूत जाति को भी संतुष्ट करने में सफलता पाई।
संवैधानिक प्रावधान के मुताबिक, बिहार में एक मुख्यमंत्री अधिकतम 35 मंत्रियों को मंत्रिमंडल में शामिल कर सकता है। रविवार को केवल आठ मंत्रियों ने ही पद की शपथ ली। आगे आने वाली मंत्रियों की सूची से बाकी बचे जातीय समीकरण को भी तुष्ट किए जाने के संकेत मिलने लगे हैं। रविवार की शाम सीएम समेत 9 मंत्रियों ने शपथ ली। इनमें नीतीश कुमार के साथ 2 उपमुख्यमंत्री और 6 कैबिनेट मंत्री शामिल हैं। बीजेपी से सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा डिप्टी सीएम होंगे। इसके अलावा प्रेम कुमार शामिल हैं। जदयू से विजय चौधरी, विजेंद्र यादव और श्रवण कुमार ने शपथ ली। जबिक हम से जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन और निर्दलीय सुमित सिंह मंत्री बने।उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व अगले विस्तार में ब्राह्मण, मुस्लिम समुदाय, महिला विधायकों और अन्य जातियों का ख्याल रखेगा।