Monday, December 23, 2024
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क्या चीन पैदा कर सकता है नए वायरस?

चीन अब फिर से नए वायरस पैदा कर सकता है! चीन एक नए घातक कोविड जैसे वायरस पर प्रयोग कर रहा है। यह वायरस चूहों के लिए 100 प्रतिशत घातक है। आशंका है कि यह वायरस मनुष्यों को भी प्रभावित कर सकता है। यह दावा प्री-पीयर रिव्यूड जर्नल में किया गया है। 3 जनवरी को बायोरेक्सिव वेबसाइट पर प्रकाशित पेपर में दावा किया गया कि चीनी सेना के प्रशिक्षित डॉक्टर तथाकथित “पैंगोलिन कोरोनावायरस” का अपना वेरिएंट बनाया है। इस वेरिएंट को उन्होंने चूहों के एक समूह पर यह देखने के लिए डाला कि उन पर क्या असर होता है। पेपर में कहा गया है, “चार चूहों को निष्क्रिय वायरस का टीका लगाया गया और चार को संक्रमित चूहों को नियंत्रण के रूप में इस्तेमाल किया गया। हैरानी की बात यह है कि सभी चूहे वायरस वाली वैक्सीन के 7-8 दिनों के भीतर संक्रमण का शिकार हो गए।” विशेषज्ञों ने पाया कि जिन चार चूहों को वायरस दिया गया, संक्रमित होने के बाद पांच दिनों के भीतर उनका वजन कम हो गया। सातवें दिन चूहे सुस्त होने लगे और उनकी आंखें सफेद हो गईं।

पेपर में यह भी कहा गया है कि “जीवित वायरस से संक्रमित चूहों में, फेफड़ों में वायरल लोड छठे दिन तक काफी कम हो गया; मस्तिष्क के नमूनों में वायरल आरएनए लोड और वायरल टाइटर्स दोनों ही तीसरे दिन अपेक्षाकृत कम थे, लेकिन छठे दिन काफी हद तक बढ़ गए। इस खोज से पता चला संक्रमण के बाद के चरणों के दौरान गंभीर मस्तिष्क संक्रमण इन चूहों में मृत्यु का प्रमुख कारण हो सकता है।”

शोधकर्ताओं ने कहा कि मौत का कारण देर से होने वाले मस्तिष्क संक्रमण से जुड़ा हो सकता है। वायरस न केवल चूहों के शरीर में फैल गया था बल्कि मस्तिष्क, आंखों और फेफड़ों जैसे महत्वपूर्ण अंगों तक भी पहुंच गया था शोधकर्ताओं ने कहा, “हमारी जानकारी के अनुसार, यह पहली रिपोर्ट है जो दिखाती है कि SARS-CoV-2 से संबंधित पैंगोलिन कोरोना वायरस hACE2 चूहों में 100% मृत्यु का कारण बन सकता है, जो GX_P2V के मनुष्यों में फैलने के जोखिम का संकेत देता है।”

बता दे कि भारत सहित दुनिया के कुछ देशों में कोराना ने चेहरा बदलकर नए वैरिएंट JN.1 के रूप में एंट्री ली है। लोगों में फिर से इस खतरनाक वायरस के नए स्वरूप के आने के बाद डर बैठ गया है। दूसरी ओर चीन फिर कुछ ऐसा कर रहा है जिससे एक्सपर्ट भी परेशान हैं। उन्होंने चीन के इस एक्सपेरिमेंट को पागलपन करार दिया है। दरअसल, एक स्टडी में यह दावा किया जा रहा है कि चीन के वैज्ञानिक एक जानलेवा वायरस के साथ प्रयोग कर रहे हैं, जो चूहों में 100% घातक साबित हुआ है। इस खतरनाक वायरस का नाम GX_P2V है और वैज्ञानिकों ने इसे bioRxiv नामक रिसर्च साइट पर प्रकाशित अध्ययन में बताया है। यह वायरस चूहों के दिमाग पर हमला करता है, जिनकी जेनेटिक बनावट को इंसानों के दिमाग से मिलती-जुलती बनाया गया था। ड्रैगन के इस घातक कदम से भारत में चिंता बढ़ गई है। चिंता बढ़ने का एक और कारण यह भी है कि 2019 के दिसंबर में चीन में सबसे पहले कोरोना वायरस पाया गया था, जिसके बाद 2020 मार्च में इसने खतरनाक रूप अख्तियार कर लिया था। 2020-21 में भारत ने जो इस महामारी के दौरान झेला, उससे अबतक नहीं उबर पाया है। ऐसे में चीन से आ रहे एक और खतरे ने टेंशन बढ़ा दी है।

रिसर्चर्स ने पाया कि वायरस से संक्रमित होने के पांच दिनों के भीतर चूहों का वजन काफी कम हो गया, वो सुस्त हो गए और उनकी आंखें सफेद हो गईं। अध्ययन में आगे बताया गया है कि संक्रमित होने के सिर्फ आठ दिनों के बाद ही उनकी मृत्यु हो गई। वैज्ञानिक इस तेजी से हुई मौत से आश्चर्यचकित हैं। यह खबर चिंताजनक है क्योंकि GX_P2V वायरस कोरोनावायरस से मिलता-जुलता है और इसके फैलने का खतरा है। कई विशेषज्ञों ने इस अध्ययन के बाद चिंता जताई है और कहा है कि चीन के इस पागलपन को रोकना ही होगा। वैज्ञानिकों ने स्टडी में बताया कि अध्ययन इस बात की ओर इशारा करता है कि GX_P2V वायरस इंसानों में भी फैल सकता है। उन्होंने आगे बताया कि इस नए वायरस से हमें SARS-CoV-2 जैसे वायरसों के काम करने का तरीका समझने में भी मदद मिल सकती है। वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला कि चूहों के शरीरों का परीक्षण करने के बाद, उन्होंने पाया कि वायरस ने फेफड़ों, हड्डियों, आंखों, श्वासनली और दिमाग पर हमला किया था। दिमाग का संक्रमण इतना गंभीर था कि इसी वजह से जानवरों की मृत्यु हो गई। स्टडी के मुताबिक, यह वायरस सार्स-सीओवी-2 जैसा है और इसे 2017 में कोविड के फैलने से पहले पैंगोलिन में पाया गया था।

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