आज हम आपको फरवरी महीने के लिए दी गई मौसम विभाग की भविष्यवाणी बताने वाले हैं! दिल्ली समेत उत्तर भारत में इस साल मौसम में कई बदलाव देखने को मिले हैं। हालत यह है कि 123 साल में यह पहली बार हुआ है जब उत्तर भारत में जनवरी के महीने में 91 फीसदी कम बारिश हुई है। इस साल जनवरी में महज 3.1 मिमी बारिश दर्ज की गई है। यह 1901 के बाद दूसरी सबसे कम बारिश है। वहीं, पूरे देश में इस महीने में सामान्य से 58% कम बारिश दर्ज की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी। हालांकि, मौसम विभाग ने यह अनुमान लगाया गया है कि फरवरी के दौरान पूरे देश में ‘सामान्य से ऊपर’ बारिश होने की संभावना है। फरवरी महीने में होने वाली रबी फसलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस बारिश से किसानों को राहत मिल सकती है। तापमान के मोर्चे पर, यह भविष्यवाणी की गई है कि देश के अधिकांश हिस्सों में फरवरी में सामान्य से अधिक न्यूनतम तापमान सामान्य रात से अधिक गर्म रहने की संभावना है। वहीं,उत्तर-पश्चिम, पश्चिम मध्य, उत्तर-पूर्व और पूर्व-मध्य भारत के कुछ हिस्सों में तापमान सामान्य अधिकतम सामान्य दिन से अधिक गर्म के ऊपर रहने की संभावना है। मासिक वर्षा और तापमान का पूर्वानुमान जारी करते हुए, आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि हालांकि उत्तर-पश्चिम, उत्तर-पूर्व और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में ‘सामान्य से सामान्य से अधिक’ वर्षा होने की संभावना है, लेकिन दक्षिण भारत के अधिकांश हिस्सों में ‘सामान्य से कम’ वर्षा होने की संभावना है।
आईएमडी के निदेशक महापात्र ने कहा कि फरवरी के दौरान मध्य भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम शीत लहर वाले दिन होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि इस दौरान मजबूत अल नीनो स्थितियां – मध्य प्रशांत महासागर में सतही जल का असामान्य रूप से गर्म होना – लगातार कमजोर होने और वसंत ऋतु के अंत तक ईएनएसओ-तटस्थ स्थितियों में बदलने की संभावना है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में बुधवार को हिमपात शुरू हो गया है। इस वजह से सामान्य जनजीवन बाधित रहा। वहीं, उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बारिश से क्षेत्र में ठंड बढ़ गयी। भारत मौसम विभाग विभाग आईएमडी पूरे देश में फरवरी में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान जताया है। आईएमडी के अनुसार, उत्तर भारत में दिसंबर और जनवरी में सामान्य से अधिक शुष्क मौसम के बाद फरवरी में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है।महापात्र के अनुसार अधिकांश मॉडल जुलाई-सितंबर के आसपास भारतीय दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए अनुकूल मानी जाने वाली ला नीना स्थितियों में बदलाव का संकेत देते हैं। 25 दिसंबर से 30 जनवरी तक गंगा के मैदानी इलाकों में कोहरा छाया रहा। यह हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में सबसे लंबे समय तक रहने वाले दौरों में से एक था। मौसम विज्ञानियों ने इसका कारण इस क्षेत्र को प्रभावित करने वाले कम पश्चिमी विक्षोभ को बताया।
हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में बुधवार को हिमपात शुरू हो गया है। इस वजह से सामान्य जनजीवन बाधित रहा। वहीं, उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में बारिश से क्षेत्र में ठंड बढ़ गयी। भारत मौसम विभाग विभाग आईएमडी पूरे देश में फरवरी में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान जताया है। आईएमडी के अनुसार, उत्तर भारत में दिसंबर और जनवरी में सामान्य से अधिक शुष्क मौसम के बाद फरवरी में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बुधवार को यह जानकारी दी। हालांकि, मौसम विभाग ने यह अनुमान लगाया गया है कि फरवरी के दौरान पूरे देश में ‘सामान्य से ऊपर’ बारिश होने की संभावना है। फरवरी महीने में होने वाली रबी फसलों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस बारिश से किसानों को राहत मिल सकती है।स्थानीय मौसम कार्यालय ने 31 जनवरी और एक फरवरी को पांच जिलों -शिमला, कुल्लू, चंबा, किन्नौर और लाहौल और स्पीति में भारी हिमपात और बारिश की ओरेंज चेतावनी जारी की है।25 दिसंबर से 30 जनवरी तक गंगा के मैदानी इलाकों में कोहरा छाया रहा। यह हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में सबसे लंबे समय तक रहने वाले दौरों में से एक था। मौसम विज्ञानियों ने इसका कारण इस क्षेत्र को प्रभावित करने वाले कम पश्चिमी विक्षोभ को बताया। जम्मू कश्मीर में श्रीनगर-लेह राजमार्ग पर जोजिला अक्ष रेखा समेत ऊपरी इलाकों में फिर बर्फबारी हुई जबकि मैदानी हिस्सों में बारिश हुई।