समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग गोवा के पणजी स्थित ताज विवांता में दिव्यांग व्यक्तियों के मुख्य आयुक्त कार्यालय (सीसीपीडी) के सहयोग से दो दिवसीय (6 और 7 जनवरी 2023) जागरूकता कार्यशाला का उद्घाटन केंद्रीय मंत्री समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय डाॅक्टर वीरेन्द्र कुमार ने दीप जला कर किया ।
इस कार्यशाला के दौरान, सुगम्यता में सुधार पर ध्यान देने के साथ ही दिव्यांगता में सहायता हेतु सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों, दिव्यांगजनों के लिए विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों के कार्यान्वयन से संबंधित मुद्दों, सुगम्यता के क्षेत्र में नवाचारों और कार्य योजनाओं आदि पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार के प्रतिनिधियों व कुछ प्रतिष्ठित गैर सरकारी संगठनों तथा अन्य हितधारकों के साथ चर्चा अलग अलग प्रारूपों में की जायेगी । डाॅक्टर वीरेन्द्र कुमारअपने भाषण की शुरूआत में कहा कि ”
गोवा को पहले न्यू ईयर सेलिब्रेशन के लिए जाना जाता था लेकिन अब पर्पल फेस्ट की शुरुआत के साथ गोवा दिव्यांगजन सशक्तिकरण में मील का पत्थर साबित होगा” ।दिव्य कला मेला के माध्यम से हमने अनुभव किया कि दिव्यांगजन उद्यमी हो सकते हैं।यहां कई दिव्यांगजन अपने इनोवेटिव आइडिया लेकर आते हैं..
माननीय प्रधानमंत्री जी 27 दिसंबर 2015 को अपने रेडियों कार्यक्रम ‘मन की बात ‘में पहली बार ‘दिव्यांग शब्द ‘का प्रयोग करते हुए कहा था कि दिव्यांगजन में एक ऐसी विशेषता होती है जो उन्हें अन्य लोगों से भिन्न बनाती है। यह विशेषता शारीरिक बल या तीक्ष्ण बुद्धि हो सकती है। इसलिए उनकी कमी को उजागर ना करते हुए उनके इस विशेषता पर बल दिया जाना चाहिए।
डाॅक्टर कुमार का कहना है कि समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांग सशक्तिकरण विभाग हमेशा ‘दिव्यांगजन सशक्तिकरण ‘ के लिये नीतिगत सहजता और समाज के मुख्य धारा में जोड़ने हेतु ‘सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास ,सामुहिक प्रयास के साथ दिव्यांग सशक्तिकरण को नये आयाम के रूप में स्थापित कर रहा है ।
2 से 7 दिसंबर, 2022 सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय देश भर के दिव्यांग उद्यमियों/कारीगरों के उत्पादों और शिल्प कौशल का प्रदर्शन करने के लिए इंडिया गेट, नई दिल्ली में ‘दिव्य कला मेला’ का आयोजन किया ।जिसमें यह जम्मू और कश्मीर एवं पूर्वोत्तर राज्यों सहित देश के विभिन्न भागों के जीवंत उत्पादों, हस्तशिल्प, हथकरघा, एम्ब्रोएडरी के काम और डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ आदि को एक साथ देखने का अनुभव प्रदान हुआ।यह मेला सभी के लिए ‘वोकल फॉर लोकल’ और दिव्यांग शिल्पकारों द्वारा अपने अतिरिक्त संकल्प से बनाए गए उत्पादों को देखने और खरीदने का सुअवसर प्रदान हुआ ।