किसान नेता को भारत रत्न देकर भाजपा ने एक और चल चल दी है! उत्तर प्रदेश के महान किसान नेता चौधरी चरण सिंह को भारत सरकार ने भारत रत्न देने का ऐलान किया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हापुड़ से आने वाले चौधरी चरण सिंह ने देश की राजनीति में बड़ा स्थान हासिल किया। वह देश के पांच में प्रधानमंत्री बने थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को तीन लोगों को भारत रत्न का सम्मान देने का ऐलान किया। इसमें चौधरी चरण सिंह का नाम शामिल है। पीएम नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर उनके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव और मशहूर कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का ऐलान कर दिया है। इस ऐलान ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है। केंद्र सरकार की ओर से वर्ष 2024 में पांच भारत रत्न का ऐलान किया गया है। इसमें आज घोषित किए गए तीन नाम के अलावा मशहूर समाजवादी नेता जननायक कर्पूरी ठाकुर और भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का ऐलान किया जा चुका है। चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का ऐलान किए जाने के बाद जयंत चौधरी ने ट्वीट कर इस पर बधाई दी। जयंत ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- दिल जीत लिया।चौधरी चरण सिंह भारत के पांचवें प्रधानमंत्री थे। उनका जन्म हापुड़ के नूरपुर गांव में 23 दिसंबर 1902 को हुआ था। 85 वर्ष की आयु में उनका निधन 29 मई 1987 को हुआ था। देश के पांचवें प्रधानमंत्री के तौर पर 28 जुलाई 1979 से 14 जनवरी 1980 चौधरी चरण सिंह ने अपनी सेवाएं दीं। चौधरी चरण सिंह के पिता चौधरी मीर सिंह ने नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी थी। आगरा विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा लेकर वर्ष 1928 में गाजियाबाद से वकालत शुरू की। कांग्रस के लाहौर अधिवेशन 1929 में पूर्ण स्वराज की उद्घोषणा से प्रभावित होकर युवा वकील ने गाजियाबाद में कांग्रेस कमिटी का गठन किया। 1930 में सविनय अवज्ञा आंदोलन के तहत गुजरात में महात्मा गांधी ने डांडी मार्च किया था। चौधरी चरण सिंह ने हिंडन नदी पर नमक बनाया। उन्हें गिरफ्तार किया गया। छह माह की सजा हुई।
1940 के व्यक्तिगत सत्याग्रह में भी गिरफ्तार किए गए। 1941 में वे जेल से बाहर निकले। मशहूर किसान नेता ने एक जुलाई 1952 को जमींदारी प्रथा के उन्मूलन का कार्य किया। गरीबों को अधिकार किया। उन्होंने लेखापाल पद का सृजन किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने पहली बार 3 अप्रैल 1967 को पद की शपथ ली। 17 अप्रैल 1968 को उन्हें इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद मध्यावधि चुनाव में उन्हें बड़ी सफलता मिली। 17 फरवरी 1970 को उन्होंने दोबारा प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 1979 में चौधरी चरण सिंह वित्त मंत्री और उप प्रधानमंत्री को भारत रत्न देने की घोषणा की। 28 जुलाई 1979 के चौधरी चरण समाजवादी पार्टियों और कांग्रेस यू के सहयोग से प्रधानमंत्री बने।
चौधरी चरण सिंह जाट समाज के सर्वमान्य नेता के रूप में रहे हैं। जाट समाज के तमाम सम्मेलनों में चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की वर्षों से मांग चलती रही है। उनके निधन के बाद से ही राष्ट्रीय लोक दल की ओर से मांग की जा रही थी। हालांकि, अब केंद्र सरकार ने उनकी मांग को पूरा किया है। चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने का असर पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा और राजस्थान तक दिखेगा। जयंत चौधरी को लेकर पिछले दिनों से लगातार भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन की चर्चा की जा रही है। चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के बाद जयंत चौधरी की प्रतिक्रिया भी सामने आई। उन्होंने दिल जीत लिए जाने की बात कही है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी किसान नेता के सम्मान को लेकर कहा कि वह आपातकाल में सरकार के साथ खड़े रहे। चौधरी चरण सिंह ने हमारे किसान भाई- बहनों के लिए जीवन पर्यंत काम किया।
पीएम नरेंद्र मोदी ने चौधरी चरण सिंह को भरत रत्न दिए जोन को लेकर बधाई दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है। उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे हों या देश के गृहमंत्री और यहां तक कि एक विधायक के रूप में भी उन्होंने हमेशा राष्ट्र निर्माण को गति प्रदान की। वे आपातकाल के विरोध में भी डटकर खड़े रहे। हमारे किसान भाई- बहनों के लिए उनका समर्पण भाव और इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए उनकी प्रतिबद्धता पूरे देश को प्रेरित करने वाली है। पीएम नरेंद्र मोदी के इस पोस्ट को कोट करते हुए जयंत चौधरी ने लिखा, दिल जीत लिया।
चौधरी चरण सिंह को जाट समाज के सर्वमान्य नेता के रूप में मान्यता मिली हुई है। पंजाब में सबसे अधिक 38 फीसदी जाट आबादी है। हालांकि, इसमें से 35 फीसदी जाट सिख धर्म से हैं। 3 फीसदी हिंदू धर्म को मानने वाले जाट हैं। हिंदू जाट की आबादी वाला सबसे बड़ा प्रदेश हरियाणा है। यहां 31 फीसदी हिंदू जाट हैं। इसके अलावा करीब 5 फीसदी सिख और एक फीसदी विश्नोई जाट यहां बसते हैं। पश्चिमी यूपी में 17 फीसदी हिंदू जाट और 2 फीसदी सिख जाट बसते हैं। राजस्थान में 20 फीसदी हिंदू, 2 फीसदी विश्नोई, 2 फीसदी सिख और एक फीसी अंजना जाट हैं। वहीं, दिल्ली में 10 से 12 फीसदी, मध्य प्रदेश में चार से पांच फीसदी, गुजरात में करीब 8 फीसदी, जम्मू कश्मीर में सात से आठ फीसदी और उत्तराखंड में 4 से 5 फीसदी आबादी जाट की है। इन वर्गों में चौधरी चरण सिंह को खूब माना जाता है। ऐसे में उनको भारत रत्न देकर भाजपा सरकार ने बड़ा दांव खेल दिया है।