वर्तमान में कार- कॉप्टर का क्रेज बढ़ता ही जा रहा है! क्या यह चिड़िया है? क्या यह हवाई जहाज है? नहीं, यह एक कार-कॉप्टर है! जी हां, आपकी आंखों को देखकर भी यकीन नहीं हो रहा होगा। भारतीय जुगाड़ की नई कहानी में, इस महीने की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर के दो भाइयों ईश्वरदीन और परमेश्वरदीन प्रजापति ने अपनी भरोसेमंद सुजुकी वैगनआर गाड़ी को ऐसा बदल डाला, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। पतली, शंकु जैसी और थोड़ी अजीब दिखने वाली यह साधारण कार अब एक हेलीकॉप्टर की तरह दिखने लगी है। गाड़ी के पीछे लोहे की पूंछ लगाई गई है। छत और पीछे के हिस्से पर दो घूमने वाले पंखे लगाए गए हैं। यह आजकल नया ट्रेंड बना है। खासकर यूपी और बिहार में यह कार-कॉप्टर दूल्हे की सवारी बन रहा है। लोग इसे शादी विवाह के लिए बुक कर रहे हैं। घोड़े और बग्घी की जगह शादी में इस तरह की अनोखी सवारी लोगों के लिए कौतूहल का विषय बन रही है। यूपी के अंबेडकर नगर के दो भाइयों ईश्वरदीन और परमेश्वरदीन प्रजापति गाड़ी का रंग कराने के लिए एक वर्कशॉप ले जा रहे थे,लेकिन रास्ते में एक ट्रैफिक पुलिस वाले ने उनकी कार-कॉप्टर को पकड़ लिया और गाड़ी में बिना इजाजत बदलाव करने और ट्रैफिक नियम तोड़ने के लिए जुर्माना लगा दिया। भाइयों का कहना था कि उन्होंने इस गाड़ी पर दो महीने की मेहनत और ढाई लाख रुपये खर्च किए हैं। उनका इरादा इसे शादी पार्टियों को किराए पर देने का था, रोजमर्रा के इस्तेमाल के लिए नहीं। वाकई अफसोस की बात है। मूर्ति बनाने वाले ये प्रजापति भाई भले ही इस समय रुकावट का सामना कर रहे हों, लेकिन अपनी महत्वाकांक्षा में वे अकेले नहीं हैं।
इन भाइयों की तरह, कई और लोग भी यूट्यूब पर वीडियो देखने के बाद छोटी कारों, जैसे नैनो या वैगनआर को हेलीकॉप्टर जैसा बनाने के लिए अपने अंदर के वैज्ञानिक को जगा रहे हैं। ये गाड़ियां सड़क पर तो चल सकती हैं, पर दिखने में हेलीकॉप्टर जैसी लगती हैं। पहले ये एक मजेदार प्रयोग हुआ करता था, लेकिन अब बिहार और उत्तर प्रदेश के गांवों और शहरों में शादी में दूल्हे अपनी बारात निकालने और दुल्हन को विदा करने के लिए इस तरह की गाड़ियों का इस्तेमाल करना चाहते हैं।
बिहार के महेशखुंट के एक कार मैकेनिक राजीव सिंह ने सबसे पहले 2018 में करीब 400 किलो लोहे की चादरों और साइकिल से लेकर ट्रक तक के पुर्जों का इस्तेमाल कर कार को हेलीकॉप्टर में बदल दिया था। उनका कहना है कि ये अब एक चलन बन गया है. वह हंसते हुए कहते हैं कि बिहार और यूपी में जहां शादियों में परंपरागत रथों में दूल्हे आते-जाते हैं, वहां हेलीकॉप्टर रथ अब बहुत पसंद किए जाते हैं। हम बिहारी जुगाड़ से कुछ भी बना सकते हैं। बिहार के छपरा गांव के 23 वर्षीय मिथिलेश ने कहा कि जुगाड़ ही असली चीज है। मिथिलेश कुशवाहा इस बात से सहमत हैं, जिनका असली हेलीकॉप्टर बनाने का सपना तब टूट गया जब उन्हें एहसास हुआ कि इसके लिए सिर्फ जेब खर्च और कुछ नट-बोल्ट काफी नहीं हैं। हार न मानते हुए मिथिलेश ने अपने लक्ष्य को जमीनी हकीकत के हिसाब से, यानी गाड़ी पर ही, मोड़ लिया।
मिथिलेश बताते हैं कि सबने आसमान में हेलीकॉप्टर देखा है, तो फिर सड़क पर चलने वाला हेलीकॉप्टर क्यों नहीं बनाते? कार खरीदने के लिए उन्होंने गुजरात की एक पाइपलाइन बनाने वाली कंपनी में एक साल काम किया। साल 2020 में महामारी के चलते लगे लॉकडाउन ने उन्हें और उनके भाई को घर पर रहकर गाड़ी को हेलीकॉप्टर बनाने का मौका दे दिया। शुरुआत में तो उनके पड़ोसियों ने भी उनका मजाक उड़ाया। लोगों को लगा कि वे अपने पीछे के आंगन में एक अच्छी गाड़ी बर्बाद कर रहे हैं। लेकिन मिथिलेश रुके नहीं। छह महीने बाद, उनकी ‘कार-हेलीकॉप्टर’ इंटरनेट पर चर्चित हो गई और शादी के डेकोरेटरों और कार रेंटल कंपनियों से इसे किराए पर लेने की बहुत मांग आने लगी। ये कंपनियां शादी में दूल्हे के लिए पुराने रथ की जगह कुछ नया और हटके लेना चाहती थीं।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के एक बढ़ई सलमान नूर हसन का कहना है कि उन्हें यूट्यूब वीडियो और राज्य की सीमा पार रहने वाले एक दोस्त से थोड़ी सी प्रेरणा मिली। मैंने एक बिहारी भाई की खबर देखी थी जिसने अपनी कार को हेलीकॉप्टर में बदल दिया था और उसने ये चुनौती दी थी कि जो काम एक बिहारी कर सकता है, वो कोई और नहीं कर सकता। जाहिर सी बात है, सलमान इतनी बड़ी चुनौती को ठुकरा नहीं सके। उन्हें दिखाना था कि एक यूपी वाला क्या कर सकता है। हौसले, जज्बे और नैनो से लैस होकर, हसन और उनके भाइयों ने असली हेलीकॉप्टर की ऑनलाइन तस्वीरों और वीडियो के आधार पर जौनपुर से धातु की चादरें मंगवाकर काम शुरू किया। हसन बताते हैं कि हमें इसे बनाने में चार महीने लग गए। उन्होंने दिसंबर 2022 में इसे “सलमान हेलीकॉप्टर रथ” नाम दिया। जल्द ही, उनके घर के बने हेलीकॉप्टर ने न सिर्फ स्थानीय मीडिया का ध्यान खींचा, बल्कि शादियों में कुछ नयापन देखना चाहते वाले परिवारों से भी ढेर सारे किराए पर लेने के लिए पूछताछ आने लगी।