आज हम आपको बताएंगे कि आखिर हेमंत करकरे की मौत का विवाद क्या है! लोकसभा चुनाव में तीसरे फेज की वोटिंग से पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के एक नेता ने 26/11 हमले को लेकर ऐसा दावा किया, जिस पर सियासी पारा चढ़ने लगा है। बीजेपी ने कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार के खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। दरअसल, महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा कि 26/11 हमले में अपनी जान गंवाने वाले पुलिसकर्मी हेमंत करकरे की मौत ‘अजमल कसाब जैसे आतंकी की गोली से नहीं हुई, बल्कि संघ के करीबी एक पुलिसकर्मी की गोली से हुई’ थी। उज्जवल निकम ने अदालत में इसे लेकर तथ्य छिपाए थे। बता दें कि कांग्रेस नेता का बयान सांप्रदायिक कार्ड खेलकर राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करता है। बीजेपी ने अपनी शिकायत में कहा कि उनका बयान न केवल न्यायपालिका की ओर से स्थापित तथ्यों का खंडन करता है, बल्कि इसे सांप्रदायिक मुद्दों के साथ जोड़कर राष्ट्रीय सुरक्षा को भी कमजोर करता है। इसका स्पष्ट उद्देश्य सांप्रदायिक तनाव भड़काना है।
कांग्रेस नेता के इसी कमेंट पर बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पूरा मामला तब सामने आया जब विजय वडेट्टीवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एटीएस के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे की हत्या जिस गोली से हुई थी, वह कसाब या आतंकियों की बंदूक से नहीं चलाई गई थी। यह बात एसएम मुश्रीफ की किताब में लिखी गई है। बता दें कि कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार के बयान को लेकर बीजेपी अब चुनाव आयोग पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता का बयान सांप्रदायिक कार्ड खेलकर राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करता है।कोर्ट से जमानत दिलाने वाला कोई भी सामान्य वकील यह काम कर सकता था।पार्टी ने कहा कि कांग्रेस ने अब तक इस कमेंट से खुद को अलग नहीं किया है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि उज्जवल निकम ने कोर्ट के सामने यह बात क्यों नहीं रखी। कांग्रेस नेता ने उज्जवल निकम को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वो बीजेपी के लिए काम करते आ रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि अजमल कसाब को फांसी दिलाना कोई बड़ी बात नहीं है। कोर्ट से जमानत दिलाने वाला कोई भी सामान्य वकील यह काम कर सकता था।
कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार के बयान को लेकर बीजेपी अब चुनाव आयोग पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता का बयान सांप्रदायिक कार्ड खेलकर राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करता है। बीजेपी ने अपनी शिकायत में कहा कि उनका बयान न केवल न्यायपालिका की ओर से स्थापित तथ्यों का खंडन करता है, बल्कि इसे सांप्रदायिक मुद्दों के साथ जोड़कर राष्ट्रीय सुरक्षा को भी कमजोर करता है। इसका स्पष्ट उद्देश्य सांप्रदायिक तनाव भड़काना है।
बीजेपी ने आरोप लगाया कि इन घटनाओं की संवेदनशीलता और वडेट्टीवार के पद को देखते हुए झूठी कहानियां फैलाने का यह कदम बेहद गंभीर है। पार्टी ने ये भी जोड़ा कि जब विजय वडेट्टीवार राज्य में मंत्री थे तो उस दौरान उन्होंने कभी इस तरह के दावे नहीं किए। बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने कहा कि 26/11 हमले में अपनी जान गंवाने वाले पुलिसकर्मी हेमंत करकरे की मौत ‘अजमल कसाब जैसे आतंकी की गोली से नहीं हुई, बल्कि संघ के करीबी एक पुलिसकर्मी की गोली से हुई’ थी। उज्जवल निकम ने अदालत में इसे लेकर तथ्य छिपाए थे। कांग्रेस नेता के इसी कमेंट पर बीजेपी ने चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उज्जवल निकम ने कोर्ट के सामने यह बात क्यों नहीं रखी। कांग्रेस नेता ने उज्जवल निकम को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वो बीजेपी के लिए काम करते आ रहे हैं। उन्होंने ये भी कहा कि अजमल कसाब को फांसी दिलाना कोई बड़ी बात नहीं है। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार के बयान को लेकर बीजेपी अब चुनाव आयोग पहुंची है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता का बयान सांप्रदायिक कार्ड खेलकर राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करता है।कोर्ट से जमानत दिलाने वाला कोई भी सामान्य वकील यह काम कर सकता था।पार्टी ने कहा कि कांग्रेस ने अब तक इस कमेंट से खुद को अलग नहीं किया है। इससे ऐसा लगता है कि वह ऐसे बयान का मौन समर्थन कर रही है। आयोग को इस तरह के विवादित कमेंट का समर्थन करने और इसका प्रचार करने के लिए कांग्रेस और उसके नेता दोनों पर एक्शन लेना चाहिए।