Monday, December 23, 2024
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क्या तीसरे चरण के चुनाव से पहले बदल गई यूपी की सियासत?

हाल ही में तीसरे चरण के चुनाव से पहले यूपी की सियासत बदल चुकी है! यूपी में मंगलवार को तीसरे चरण की 10 सीटों पर मतदान हुआ है। इसमें सैफई परिवार की नाक का सवाल बनी बदायूं, फिरोजाबाद और मैनपुरी की भी सीट शामिल है। तीसरे चरण के बाद चुनाव सेंट्रल, अवध और पूर्वांचल की ओर बढ़ जाएगा। इस बीच पिछले 24 से 48 घंटे में घटे घटनाक्रम यूपी में पक्ष और विपक्ष के सियासी समीकरण को सुलझा और उलझा दोनों रहे हैं। खास बात यह है कि मंगलवार को मैनपुरी और फिरोजाबाद में चुनाव है। मैनपुरी से डिंपल यादव और फिरोजाबाद से अक्षय यादव चुनाव लड़ रहे हैं। यहां ठाकुर वोटरों की प्रभावी तादाद हे। भाजपा ने दोनों ही सीटों पर ठाकुर उम्मीदवार दिए हैं। पहले दो चरणों के चुनाव में ठाकुरों की भाजपा से नाराजगी को मुद्दा बनाने वाली समाजवादी पार्टी अब खुद उनके निशाने पर आती दिख रही है। चौथे चरण में सपा मुखिया अखिलेश यादव की उम्मीदवारी वाली कन्नौज में चुनाव है, यहां भी विधुना सहित कुछ विधानसभाओं में ठाकुर वोटर प्रभावी हैं।

सैफई परिवार से एक और चेहरे की इस बार सियासत में सीधी एंट्री हुई है। बदायूं से शिवपाल यादव के बेटे आदित्य यादव सपा से चुनाव लड़ रहे हैं। पिछली बार इस सीट से सपा को हार मिली थी। शिवपाल के भतीजे धर्मेंद्र यादव को भाजपा की संघमित्रा मौर्या ने हरा दिया था। बेटे आदित्य यादव को जिताने के लिए शिवपाल अपनी पूरी ताकत लगाए हुए हैं। इसी बीच, रविवार को उनके खिलाफ बदायूं के बसपा जिलाध्यक्ष ने पूर्व सीएम मायावती के अपमान का मुकदमा दर्ज करा दिया है। मतदान के दो दिन पहले हुए इस मुकदमे के जरिए माया के ‘अपमान’ का मुद्दा बसपा से अधिक भाजपा जमीन पर पहुंचाने में लगी है। बदायूं में लगभग 2 लाख दलित वोटर हैं, जिसे साधने में सपा और भाजपा दोनों जुटे हुए हैं।

राजनीतिक समीकरण दुरुस्त करने में केवल भाजपा ही नहीं लगी है। अखिलेश यादव ने भी मतदान के पहले चेहरा बदलने का दांव खेला है। सपा ने नरेश उत्तम पटेल की जगह प्रयागराज के प्रतापपुर के रहने वाले श्याम लाल पाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। अभी वह प्रदेश उपाध्यक्ष थे। सपा नरेश उत्तम पटेल की फतेहपुर से उम्मीदवारी व चुनावी व्यस्तता का हवाला दे रही है लेकिन संकेत कुछ और पढ़े जा रहे हैं। अगले चरणों के चुनाव में पाल वोटर कुछ सीटों पर प्रभावी हैं। इसमें मंगलवार को मतदान वाली फिरोजाबाद, बदायूं, आगरा, मैनपुरी भी शामिल है। कन्नौज में भी पाल वोटरों की संख्या ठीक है जहां से खुद अखिलेश यादव चुनाव लड़ रहे हैं। यहां चौथे चरण में मतदान होना है। प्रयागराज के वकील उमेश पाल की पत्नी जया पाल लगातार कन्नौज में सक्रिय हैं और सपा पर निशाना साध रही हैं। उमेश पाल की हत्या में अतीक अहमद के बेटे नामजद हैं। प्रयागराज के ही प्रतापपुर के रहने वाले श्यामलाल की अध्यक्ष पद पर ताजपोशी को ‘कवच’ के तौर पर देखा जा रहा है।

दो दिन पहले तक जौनपुर में भाजपा के लिए मुसीबत का सबब बने धनजंय सिंह के भी मन बदलने की बात सामने आ रही है। ठाकुर-यादव बहुल जौनपुर से धनजंय की पत्नी श्रीकला से बसपा से पर्चा भरकर भाजपा के उम्मीदवार कृपाशंकर सिंह की मुसीबत बढ़ा दी थी। लेकिन, सोमवार को नामांकन के आखिरी दिन बसपा ने श्रीकला का टिकट काटकर मौजूदा सांसद श्याम सिंह यादव को दे दिया है। बसपा का दावा है कि धनंजय की पत्नी ने चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था। इसलिए, टिकट बदलना पड़ा। फिलहाल, इस फैसले से भाजपा की राह आसान हो गई है और सपा की कठिन। सपा ने जौनपुर से बाबू सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है। शिवपाल के भतीजे धर्मेंद्र यादव को भाजपा की संघमित्रा मौर्या ने हरा दिया था। बेटे आदित्य यादव को जिताने के लिए शिवपाल अपनी पूरी ताकत लगाए हुए हैं। इसी बीच, रविवार को उनके खिलाफ बदायूं के बसपा जिलाध्यक्ष ने पूर्व सीएम मायावती के अपमान का मुकदमा दर्ज करा दिया है।बसपा ने यादव उम्मीदवार उतार कर सपा के कोर वोट बैंक में सेंधमारी की आशंका बढ़ा दी है। बसपा ने जौनपुर ही नहीं बस्ती में भी भाजपा के लिए राहत का रास्ता तैयार किया है। बसपा ने बस्ती से पहले दयाशंकर मिश्र को टिकट दिया था, जिससे भाजपा के हरीश द्विवेदी की दिक्कत बढ़ गई थी। अब दयाशंकर का टिकट काट लवकुश पटेल को दे दिया है। बस्ती से सपा ने भी कुर्मी चेहरा उतरा है।

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