यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या मुस्लिम आरक्षण विवाद पर बीजेपी को नीचे देखना होगा या नहीं! आज लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान भी संपन्न हो गया है। अब चार चरण की वोटिंग शेष बची है, उसके बाद देश में नई सरकार का गठन होगा। लेकिन इससे पहले सियासी माहौल काफी गर्म है। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, राजनीतिक दल एक-दूसरे पर और ज्यादा आक्रामक हो गए हैं। वहीं सियासी दल एक के बाद एक दांव चलकर अपने विरोधियों के हौसलों को पस्त करने की कोशिश कर रहे हैं। उसी क्रम में आज राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के मुसलमानों के लिए आरक्षण की वकालत करके देश में सियासी भूचाल ला दिया। पीएम मोदी समेत बीजेपी के कई दिग्गज नेता लालू यादव के बयान की आलोचना करने में जुट गए। लेकिन लालू प्रसाद यादव ने तीसरे चरण की वोटिंग समाप्त होने से पहले मुस्लिम आरक्षण वाले बयान पर यू-टर्न लेकर सबको चौंका दिया। लालू यादव भले ही मुस्लिम आरक्षण वाले बयान से पलट गए हों लेकिन इसके पीछे लालू यादव ने बड़ा दांव खेला है। आइए लालू के इस सियासी पैंतरे को समझते हैं। लालू के बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के अन्य चरणों में विपक्षी गठबंधन पुरजोर तरीके से बीजेपी को टक्कर देना चाहता है। यही कारण है कि लालू यादव ने तीसरे चरण के मतदान के बीच मुस्लिम आरक्षण का दांव खेला और मतदान खत्म होने से पहले पलटी भी मार ली। लालू के बयान के पीछे सिर्फ बीजेपी को मुस्लिम विरोधी जाहिर करने की मंशा हो सकती है। दरअसल लालू के बयान के बाद बीजेपी नेता खुलकर मुस्लिम आरक्षण के विरोध में उतर आए। राजनीतिक जानकार सोचते हैं कि लालू इस बयान के जरिए शेष चरणों में होने वाली वोटिंग में मुस्लिम वोट बैंक को साधने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि लालू के मुस्लिम आरक्षण वाले बयान से बीजेपी को कुछ खास नुकसान नहीं होगा, लेकिन इंडिया गठबंधन के नेताओं के पास बीजेपी को मुस्लिम विरोधी बताने का एक और मौका मिल गया है।
हाल ही में राजस्थान के बांसवाड़ा में देश की संपत्ति मुस्लिमों में बांटने को लेकर पीएम मोदी के दिए बयान की कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने आलोचना की थी। बयान के अगले दिन कांग्रेस नेताओं का एक दल चुनाव आयोग के पास पहुंचा और मोदी के भाषण को लेकर आयोग के सामने अपनी आपत्तियां जाहिर कीं। इस मामले ने बहुत तूल पकड़ा। विपक्षी दलों ने बीजेपी को मुस्लिम विरोधी साबित करने की कोशिश की। पीएम नरेंद्र मोदी ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की मुसलमानों को आरक्षण के बारे में टिप्पणी पर कहा, ‘विपक्षी गठबंधन खतरनाक खेल खेल रहा है।उन्होंने दावा किया कि विपक्ष अनुसचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को देने की योजना बना रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘संविधान धर्म आधारित आरक्षण की अनुमति नहीं देता है लेकिन इंडिया गठबंधन संविधान को बदलना चाहता है।’
राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के मुसलमानों के लिए आरक्षण की वकालत करने पर बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने बड़ा हमला बोला है। बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने लालू यादव को दो टूक कहा है कि किसी भी कीमत पर मुसलमानों को आरक्षण नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लालू यादव कितना भी प्रयास कर लें, लेकिन मुसलमानों को विशेष आरक्षण नहीं दिया जाएगा। अति पिछड़े समाज, दलित समाज, पिछड़े समाज और गरीब सवर्ण समाज के लोगों का आरक्षण किसी भी कीमत पर भाजपा खत्म नहीं होने देगी।
बीजेपी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मुस्लिम आरक्षण पर लालू प्रसाद की टिप्पणी से यह स्पष्ट हो गया है कि सत्ता में आने पर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ संविधान के मौलिक ढांचे में बदलाव करके अल्पसंख्यक समुदाय को आरक्षण प्रदान करेगा। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (‘इंडिया’) के खिलाफ बीजेपी का आरोप राजद अध्यक्ष के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि वह मुसलमानों को आरक्षण का लाभ देने के पक्ष में हैं। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘लालू प्रसाद यादव ने कहा कि मुसलमानों को पूर्ण आरक्षण दिया जाना चाहिए। उनके द्वारा अपने वक्तव्य में प्रयुक्त यह शब्द ‘पूरा का पूरा’ बहुत गंभीर है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि वे (इंडिया गठबंधन) एससी, एसटी और ओबीसी के हिस्से से मुसलमानों को आरक्षण प्रदान करना चाहते हैं।’ उन्होंने दावा किया कि अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के हिस्से से मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संविधान में बदलाव की योजना के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा की ओर से जताया जा रहा संदेह प्रसाद के बयान से सही साबित होता है।
मुसलमानों को आरक्षण देने के पक्ष में लालू यादव के बयान की आलोचना करते हुए जनता दल (यूनाइटेड) ने मंगलवार को कहा कि उनका रुख संविधान की मूल भावना के साथ-साथ मंडल आयोग की रिपोर्ट का भी उल्लंघन है। जद (यू) प्रवक्ता के. सी. त्यागी ने कहा कि इस तरह का बयान सामाजिक और शैक्षिक पिछड़ेपन के आधार पर आरक्षण का लाभ ले रहे पिछड़े वर्गों के खिलाफ साजिश के समान है। उन्होंने कहा, ‘प्रसाद का बयान निंदनीय है।’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री प्रसाद जैसे शख्स जो मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू करने के लिए आंदोलन का हिस्सा रहे, ऐसा बयान दे रहे हैं। त्यागी ने कहा कि आयोग ने हिंदुओं के साथ-साथ मुसलमानों के सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की सिफारिश की थी। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि आरक्षण का लाभ देने के लिए धर्म कभी भी मानदंड नहीं हो सकता।
लालू प्रसाद ने मंगलवार को कहा कि वह मुसलमानों को आरक्षण का लाभ देने के पक्षधर हैं। लालू ने मुसलमानों को आरक्षण का लाभ दिए जाने की वकालत करते हुए आरोप लगाया कि केंद्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) संविधान और लोकतंत्र को खत्म करके आरक्षण समाप्त करना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘भाजपा संविधान और लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है। यह बात जनता के जेहन में आ चुकी है।’