क्या हो चुका है सीतापुर हत्याकांड का पूरा खुलासा?

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यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या सीतापुर हत्याकांड का पूरा खुलासा हो चुका है या नहीं! सीतापुर जिले के रामपुर मथुरा के पल्हापुर हत्याकांड का खुलासा हुआ है। हत्याकांड के मास्टरमाइंड अजीत को लेकर चौंकाने वाला राज खुला है। सीतापुर जिले के रामपुर मथुरा थाना क्षेत्र के पल्हापुर गांव में बीते शनिवार सामूहिक हत्याकांड हुआ था। आरोपी अजीत ने अपने भाई अनुराग के पूरे परिवार के साथ मां सावित्री की भी हत्या कर दी थी। जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया की अजीत सिंह ने पूछताछ में इस बात का कबूलनामा किया है।अजीत सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसके पिता वीरेंद्र सिंह लगभग 1 वर्ष पूर्व निधन होने के पश्चात इसकी तथा उसके भाई अनुराग सिंह के बीच पैसे वह जमीन को लेकर कहा सुनी वाद विवाद होने लगा। अनुराग सिंह जो एक पढ़ा लिखा युवक होने के बावजूद लगातार शराब के सेवन का आदी था। इसके कारण अजीत सिंह स्वयं को समाज में अपमानित महसूस करता था। अजीत सिंह के पिता के द्वारा केसीसी लोन की कुल 24 लाख की रकम बकाया थी। इसका भुगतान करने से पूर्व ही अजीत सिंह के पिता की मृत्यु हो गई। अजीत सिंह के अनुसार लोन की रकम कौन चुकाएगा, इस बात को लेकर अजीत सिंह व अनुराग सिंह तथा अनुराग सिंह की पत्नी प्रियंका सिंह के बीच कई बार वाद विवाद हुआ। अनुराग सिंह के द्वारा गर्मी के अंत में तरबूज की फसल की बिक्री के बाद अपने हिस्से का लोन चुकाने का वादा किया गया था। दिनांक 10.5.2024 की शाम को अजीत सिंह अपने गांव पल्हापुरा आया जहां उसकी मां सावित्री सिंह व भाभी प्रियंका सिंह द्वारा उसे बताया गया कि वह अनुराग सिंह लोन चुकाने में असमर्थ है।

इस बात पर अजीत सिंह गुस्से से भर गया उसने शाम के समय घर में बनी खिचड़ी में नींद की चार-पांच गोलियां मिला दी और सभी के सोने का इंतजार करने लगा। अजीत सिंह के द्वारा बताया गया कि उसका उद्देश्य अपने भाई व भाभी की हत्या करना था। मां-व बच्चों को केवल नींद की गोली देकर सुलाना चाहता था। तब पश्चात अजीत सिंह को पता चला कि परिवार के सभी लोग बाहर से खाना खाकर आए हैं। लगभग 5:00 बजे अजीत सिंह के पड़ोस में रहने वाली तारीख के चिल्लाने पर गांव के लोग बड़ी संख्या में धीरे-धीरे एकत्र हो गए।किसी के द्वारा उस खिचड़ी को नहीं खाया गया।

अजीत सिंह के द्वारा प्रथम स्थल पर बने अपने कमरे में जाकर लेट गया रात्रि 2:00 बजे के पश्चात अजीत सिंह के द्वारा प्रथम तल पर बने प्रियंका सिंह व बच्चों के कमरे का बिजली का मेंन पावर स्विच ऑफ कर दिया। इससे गर्मी के कारण प्रियंका सिंह कमरे से बाहर आ गई, जहां अजीत सिंह ने उसकी हत्या कर दी। इसके बाद गोली की आवाज सुनकर जगने के कारण मां की हत्या की गई। फिर अनुराग सिंह के कमरे में उसकी हत्या की गई। फिर अजीत सिंह ने बड़ी लड़की को साथ ले जाकर यसमझाने की कोशिश की कि उसके पिता द्वारा मां व पत्नी की हत्या कर स्वयं आत्महत्या की है किंतु बड़ी लड़की अर्न सिंह नहीं मानी और चिल्लाने लगी अन्य दोनों बच्चे भी चिल्लाने लगे। अतः अजीत सिंह द्वारा तीनों को बारी-बारी ले जाकर छत से फेंक दिया गया।

फिर नीचे आकर उनके तब तक जिंदा होने के कारण पुनः हत्या का प्रयास किया गया। इससे पश्चात उसके द्वारा फोन करके अपनी पत्नी अन्य रिश्तेदार व गांव के अन्य व्यक्तियों को अपनी बनाई हुई कहानी बताई गई। सभी फोन कॉल प्रातः 4:00 बजे के बीच किया गया। लगभग 5:00 बजे अजीत सिंह के पड़ोस में रहने वाली तारीख के चिल्लाने पर गांव के लोग बड़ी संख्या में धीरे-धीरे एकत्र हो गए।

घटना अकेले अजीत सिंह द्वारा कारित की गई घर में किसी भी प्रकार की अन्य आमद के साथ अभी तक जांच में उपलब्ध नहीं है। सीडीआर एनालिसिस से ज्ञात हुआ की घटना के समय अजीत सिंह की पत्नी साला ससुर बहन बहनोई ताई के दोनों लड़के व अन्य प्रमुख रिश्तेदार अपने-अपने घरों पर मौजूद थे। इससे घटना में उनकी संलिप्त का सच नहीं मिला मौके पर भी ऐसा कोई अन्य मोबाइल नंबर एक्टिव नहीं पाया गया। जो संदिग्ध हो

अनुराग सिंह वर्ष 2023 में 1 महीने नशा मुक्ति केंद्र तथा वर्ष 2024 में एक दिन के लिए नशा मुक्ति केंद्र लखनऊ में रहा के सीसी का लोन भी शेष होना पाया गया जिससे अजीत सिंह के द्वारा उक्त अपराध कारित करने का कारण स्पष्ट होता है।