यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर UCC और वन नेशन वन इलेक्शन कब लागू होगा! केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ और समान नागरिक संहिता यूसीसी पर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अगले टर्म में इसे लागू किया जाएगा। यही नहीं उन्होंने ये भी कहा कि मुस्लिम आरक्षण का विरोध और यूसीसी की बात करना धर्म आधारित प्रचार है तो हम करते रहेंगे। उन्होंने विपक्ष की ओर से निर्वाचन आयोग की आलोचना को अपनी होने वाली शिक्सत को छिपाने की चाल है। उन्होंने ये बातें एक इंटरव्यू में कही हैं। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिल रहे ‘सकारात्मक जनादेश’ की बदौलत ही बीजेपी को विपक्ष शासित राज्यों में बड़ी जीत मिलेगी। अमित शाह ने एक इंटरव्यू में दावा किया कि उनकी पार्टी ने किसी भी प्रकार का धर्म आधारित कोई प्रचार अभियान नहीं चलाया है। हालांकि उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मुसलमानों के आरक्षण के खिलाफ प्रचार करना और अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिए मतदाताओं तक पहुंचना अगर धर्म आधारित चुनाव अभियान है तो बीजेपी ने यह किया है और आगे भी करती रहेगी। इस दौरान अमित शाह ने दो टूक कहा कि अगले टर्न यानी पांच साल के अंदर देशभर में यूसीसी लागू होगा। ‘एक देश-एक चुनाव’ को लेकर भी ऐसा ही दावा किया।
अमित शाह ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और मतदान के आंकड़ों जैसे मुद्दों पर विपक्ष की ओर से निर्वाचन आयोग की आलोचना को खारिज किया। उन्होंने कहा कि तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और हिमाचल प्रदेश सहित पिछले विधानसभा चुनावों में इसी तरह के प्रोटोकॉल और प्रैक्टिस का पालन किया गया था और इन चुनावों में बीजेपी हार गई थी। शाह ने कहा, ‘अगर वे चुनाव निष्पक्ष थे तो यह चुनाव भी निष्पक्ष हैं। जब आप हार देखते हैं तो आप पहले ही रोना शुरू कर देते हो और विदेश जाने के बहाने ढूंढते हो। यह और आगे नहीं चल सकता। इनको 6 तारीख को छुट्टी पर जाना है तो कुछ ना कुछ तो बोलना पड़ेगा।’
अमित शाह ने आगे कहा कि चुनाव प्रक्रिया के बारे में कांग्रेस के सवाल उठाने का उद्देश्य राहुल गांधी की विफलता को ढंकना है। चुनाव से पहले आयोग की ओर से बुलाई गई पारंपरिक सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दल ने ऐसा कोई सुझाव नहीं दिया था। जब भी विपक्ष चुनाव हारता है तो ईवीएम पर सवाल उठाता है। ईवीएम में धांधली की जीरो संभावना है और वह ऐसा चुनाव चाहते हैं जिसमें धांधली हो सके। अबकी बार, 400 पार’ के नारे में कोई रणनीति होने के बारे में पूछे जाने पर बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार ने रिएक्ट किया। चुनाव के छह चरण पूरे होने के बाद कहा कि यह दावा महज चुनावी नारा नहीं है बल्कि एक सुविचारित लक्ष्य है। हम निश्चित रूप से 400 सीटों का आंकड़ा पार करेंगे। हम ओडिशा, आंध्र प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में भी सरकार बनाएंगे। इन तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव के साथ ही हुए हैं।
अमित शाह ने आगे कहा कि अब हमें 399 सीट आएं और आप कहो कि 400 तो नहीं हुआ तो यह आपकी समझ का सवाल है। मगर हमने 400 पार हिसाब किताब करके बोला है और यह सुविचारित राय से किया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी मोदी पर बहुत ज्यादा निर्भर नहीं है और क्या विपक्ष के अपेक्षाकृत कमजोर होने के कारण उसके गठबंधन को फायदा हो रहा है? इस पर पूर्व बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि यह नकारात्मक नहीं बल्कि सकारात्मक वोट है जो सत्तारूढ़ गठबंधन को मिल रहा है। पीएम मोदी ने बीजेपी की विचारधारा को जमीन पर उतारा। जैसे अंत्योदय, गरीब कल्याण। यह हमारी विचारधारा है।
अमित शाह ने कहा कि आर्टिकल 370 को समाप्त करना, देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करना, महिला आरक्षण या राम मंदिर निर्माण हमारी विचारधारा है। पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर हमारा है और इसका हमने संकल्प लिया है तो पीएम मोदी ने बीजेपी की विचारधारा को जमीन पर उतारा है। प्रधानमंत्री की लोकप्रियता स्वाभाविक रूप से बीजेपी मजबूत बनती है। पीएम मोदी हमारे सबसे बड़े नेता हैं और यह कोई नकारात्मक वोट नहीं है। यह बात मानकर चलिए यह सकारात्मक वोट है। जहां हम सरकार में है वहां भी हमें जनादेश मिलने वाला है और जहां नहीं है वहां बड़ा जनादेश मिलने जा रहा है। ये एक प्रकार से केंद्र सरकार के कामों का सकारात्मक जनादेश है।
मोदी के खिलाफ कांग्रेस के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आपने राहुल गांधी का एक्स-रे वाला भाषण सुना और समझा होगा। तो आप किसका एक्स-रे चाहते हैं? और अगर आप इसे समान रूप से वितरित करना चाहते हैं तो आप किसे वितरित करेंगे? मनमोहन सिंह ने कहा था कि अल्पसंख्यक उनकी प्राथमिकता हैं। क्या मतलब होता है इसका? गरीब परिवार की महिलाओं को एक लाख रुपये देने के कांग्रेस के वादे के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कांग्रेस का सत्ता में आने के लिए लोकलुभावन वादे करने का इतिहास रहा है। हालांकि उसने कभी भी वादों को पूरा नहीं किया।