आखिर कहां है दुनिया का सबसे बड़ा विमान कब्रिस्तान?

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आज हम आपको बताएंगे कि दुनिया का सबसे बड़ा विमान कब्रिस्तान आखिर कहां है! आपने हवाई जहाज में सफर तो किया ही होगा। इसमें यात्रा करना काफी मजेदार होता है। पर क्‍या आप जानते हैं कि हवाई जहाज की भी शेल्‍फ लाइफ होती है। जिस तरह कार, बस, ऑटो, स्‍कूटर और ट्रेन कुछ समय में पुराने हो जाते हैं, उसी तरह एक समय आता है कि जब प्‍लेन एक्सपायर हो जाते हैं और फिर इन्‍हीं किसी खास जगह पर रखा जाता है। इस जगह को हवाई जहाज का कब्रिस्‍तान कहते हैं। वैसे तो आपने अब तक कब्रिस्‍तान में इंसान की बॉडी को दफन होते देखा होगा, लेकिन दुनिया में एक ऐसी जगह है जहां हजारों की संख्या में कबाड़ हो चुके विमानों को लाकर छोड़ दिया जाता है। फिर चाहे वह छोटे एयरलाइन के प्‍लेन हो या बड़ी एयरलाइन के। कई सालों से हवाई जहाज के यहां जमा होने से अब यह जगह हवाई जहाज का कब्रिस्‍तान बन चुकी है।

अमेरिका के एरिजोना के डेविस मोंथान एयरफोर्स बेस का दुनिया का सबसे बड़ा ग्रेवयार्ड माना जाता है। यह जगह “बोनयार्ड” के नाम से भी फेमस है।विमान को अमेरिकी नौसेना ने साल 2006 में अपने बेड़े से हटा दिया था। द्वितीय विश्‍व युद्ध के बाद यहां खराब हवाई जहाजों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। हालांकि, कुछ हवाई जहाजों का इस्‍तेमाल नासा में भी किया गया है। दिलचस्‍प बात तो यह है कि पहले यह जगह एक टूरिस्‍ट स्‍पॉट हुआ करती थी। लोग इस आश्‍चर्य को देखने आते थे। लेकिन अब यहां एंट्री बंद कर‍ दी गई है। यहां लगभग 4000 खराब एरोप्लेन खड़े हुए हैं। जिसमें सुधार की गुंजाइश होती है , उसे सुधार दिया जाता है। बाकी के विमानों के अंदर के पार्ट्स को कम कीमत में बेचकर दूसरे विमानों के निर्माण में काम में लाया जाता है। खराब होने के बाद हवाई जहाज की बॉडी किस काम की नहीं रहती, इसलिए इसे ऐसे ही छोड़ दिया जाता है। हालांकि, अमेरिकी सरकार ने दूसरे देशों को यहां से पुराने कल-पुर्जे और विमान खरीदने की छूट दे रखी है। जिस तरह एक इंसान की लाइफ होती है, ठीक उसी तरह एयरप्लेन की भी लाइफ होती है। आसान शब्‍दों में कहें तो एक हवाई जहाज की लाइफ 10 से 20 साल होती है। इसके बाद इन हवाई जहाजों को ग्रेवयार्ड में लेकर आया जाता है। जरूरी पुर्जे निकाल लिए जाते हैं, बाकी बाहर की बॉडी को खुले आसमान के नीचे यूं ही छोड़ दिया जाता है।

यहां हवाई जहाजों को खड़ा देख कोई भी हैरान हो सकता है। इस ग्रेवयार्ड में हवाई जहाज से लेकर अंतरिक्ष यान तक मौजूद हैं। शीत युद्ध के समय का बमवर्षक विमान बी-52 भी इस कब्रिस्तान का हिस्‍सा है।फिर चाहे वह छोटे एयरलाइन के प्‍लेन हो या बड़ी एयरलाइन के। कई सालों से हवाई जहाज के यहां जमा होने से अब यह जगह हवाई जहाज का कब्रिस्‍तान बन चुकी है। हालांकि, बाहर का कोई भी व्‍यक्ति यहां झांकने तक नहीं आता। इसके अलावा यहां एफ-14 विमान भी रखे हुए हैं, इसे आपने हॉलीवुड की मशहूर फिल्म ‘टॉप गन’ में देखा होगा। बता दें कि इस विमान को अमेरिकी नौसेना ने साल 2006 में अपने बेड़े से हटा दिया था। द्वितीय विश्‍व युद्ध के बाद यहां खराब हवाई जहाजों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया था। हालांकि, कुछ हवाई जहाजों का इस्‍तेमाल नासा में भी किया गया है। दिलचस्‍प बात तो यह है कि पहले यह जगह एक टूरिस्‍ट स्‍पॉट हुआ करती थी। लोग इस आश्‍चर्य को देखने आते थे। लेकिन अब यहां एंट्री बंद कर‍ दी गई है।

अमेरिका का 309 वां एयरोस्पेस मेंटेनेंस एंड रीजनरेशन ग्रुप विमानों के सबसे बड़े ग्रेवयार्ड की देखभाल करता है। इतना ही नहीं, यहां आने वाले विमानों की मरम्मत भी यही करता है। इस ग्रेवयार्ड में आज भी 500 से ज्‍यादा कर्मचारी इन हवाई जहाजों की देखरेख में लगे हुए हैं। बता दें कि वैसे तो आपने अब तक कब्रिस्‍तान में इंसान की बॉडी को दफन होते देखा होगा, लेकिन दुनिया में एक ऐसी जगह है जहां हजारों की संख्या में कबाड़ हो चुके विमानों को लाकर छोड़ दिया जाता है। फिर चाहे वह छोटे एयरलाइन के प्‍लेन हो या बड़ी एयरलाइन के। कई सालों से हवाई जहाज के यहां जमा होने से अब यह जगह हवाई जहाज का कब्रिस्‍तान बन चुकी है। हालांकि, बाहर का कोई भी व्‍यक्ति यहां झांकने तक नहीं आता। दिन ब दिन हवाई जहाजों की संख्‍या बढ़ रही है और कोई नहीं जानता कि आखिर कबाड़ की तरह पड़े इन हवाई जहाजों का क्या होगा।