Friday, October 18, 2024
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अग्निवीर और जाति जनगणना के ऊपर क्या बोले नीतीश कुमार?

हाल ही में नीतीश कुमार ने अग्निवीर और जाति जनगणना के ऊपर एक बयान दिया है! बीजेपी की की मुख्य सहयोगी पार्टी, जेडीयू ने रक्षा बलों में भर्ती के लिए केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना की समीक्षा की मांग की है। नीतीश कुमार की पार्टी ने ये मांग ऐसे समय में की है, जब बुधवार को घोषित लोकसभा चुनाव के नतीजों में BJP को बहुमत से 32 सीटें कम मिली हैं, जिससे वह अकेले सरकार नहीं बना सकती। जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि कुछ मतदाता अग्निवीर योजना से नाराज हैं। हमारी पार्टी चाहती है कि जनता द्वारा उठाए गए सवालों पर विस्तार से चर्चा हो और योजना की कमियों को दूर किया जाए। त्यागी ने ये भी कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता (UCC) के खिलाफ नहीं है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यूसीसी के बारे में विधि आयोग के प्रमुख को पत्र लिखा था। हम इसके खिलाफ नहीं हैं, लेकिन सभी संबंधित पक्षों से बात करके समाधान निकाला जाना चाहिए। हालांकि जेडीयू ने जाति आधारित जनगणना के लिए अपना समर्थन दोहराया और बिहार को स्पेशल दर्जा देने की भी मांग की।

त्यागी ने कहा, ‘देश में किसी भी पार्टी ने जाति आधारित जनगणना को ना नहीं कहा है। बिहार ने रास्ता दिखाया है। प्रधानमंत्री ने भी सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में इसका विरोध नहीं किया। जाति आधारित जनगणना समय की मांग है। हम इसे आगे बढ़ाएंगे।’ सरकार ने लगातार इस योजना का समर्थन किया है, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसका पुरजोर समर्थन करते हुए कहा है कि ‘यह युवाओं के लिए आकर्षक है, क्योंकि यह सशस्त्र बलों में उनकी चार साल की सेवा के बाद पूर्णकालिक नौकरी की गारंटी देता है।’उन्होंने यह भी कहा कि कोई पूर्व शर्त नहीं है। बिना शर्त समर्थन है। लेकिन बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना हमारे दिल में है।’ इंडिया ब्लॉक ने अपने चुनावी वादे में अग्निवीर योजना की निंदा की और चुनाव जीतने पर इसे खत्म करने का वादा किया। इस महीने की शुरुआत में, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अग्निपथ योजना में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया ताकि मृतक सैनिकों के परिवारों को दिए जाने वाले लाभों में भेदभाव को दूर किया जा सके। विपक्ष ने भी जाति आधारित जनगणना की मांग की है और बिहार में भी इसे कराया गया है, जबकि महागठबंधन सरकार के तहत नीतीश कुमार मुख्यमंत्री थे।

अग्निपथ योजना के तहत साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को चार वर्ष की अवधि के लिए भर्ती किया जाता है, और 25 प्रतिशत को अतिरिक्त 15 वर्षों के लिए बनाए रखने का विकल्प दिया जाता है। सरकार ने लगातार इस योजना का समर्थन किया है, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसका पुरजोर समर्थन करते हुए कहा है कि ‘यह युवाओं के लिए आकर्षक है, क्योंकि यह सशस्त्र बलों में उनकी चार साल की सेवा के बाद पूर्णकालिक नौकरी की गारंटी देता है।’

बुधवार को नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने एनडीए गठबंधन के नेताओं के साथ बैठक की, जो गठबंधन द्वारा लोकसभा में बहुमत हासिल करने के बाद उनकी पहली बैठक थी। मोदी में अपने विश्वास की पुष्टि करते हुए, एनडीए नेताओं ने उन्हें गठबंधन के नेता के रूप में चुना, जिससे प्रधानमंत्री के रूप में उनके लगातार तीसरे कार्यकाल का मार्ग प्रशस्त हुआ। 12 सांसदों के साथ, जेडीयू तेलुगु देशम पार्टी के 16 सांसदों के बाद भाजपा की दूसरी सबसे बड़ी सहयोगी है। बुधवार को एनडीए के सहयोगियों ने हिंदी में तीन पैराग्राफ का प्रस्ताव पारित किया बता दे कि जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि कुछ मतदाता अग्निवीर योजना से नाराज हैं। हमारी पार्टी चाहती है कि जनता द्वारा उठाए गए सवालों पर विस्तार से चर्चा हो और योजना की कमियों को दूर किया जाए। त्यागी ने ये भी कहा कि उनकी पार्टी समान नागरिक संहिता (UCC) के खिलाफ नहीं है। ,लेकिन सभी संबंधित पक्षों से बात करके समाधान निकाला जाना चाहिए। हालांकि जेडीयू ने जाति आधारित जनगणना के लिए अपना समर्थन दोहराया और बिहार को स्पेशल दर्जा देने की भी मांग की। जिसमें कहा गया कि उन्होंने मोदी को ‘हमारा नेता’ चुना है। एनडीए की बैठक के दौरान नीतीश कुमार ने मोदी से सरकार गठन पर तेजी से काम करने को कहा। वहीं दूसरी ओर टीडीपी प्रमुख नायडू ने कहा कि लगातार तीन बार चुनाव जीतना कोई साधारण बात नहीं है।

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