हाल ही में हुई नीट की एग्जाम में कई खामियां नजर आई है! NEET अंडरग्रेजुएट परीक्षा 2024 में गड़बड़ी को लेकर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा। कांग्रेस समेत सियासी पार्टियां नीट परीक्षा रद्द करने की मांग कर रही हैं। यही नहीं उन्होंने एग्जाम के दौरान फर्जीवाड़े के आरोप लगाए हैं। इसके लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा है। वहीं नीट परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों के बीच थर्ड पार्टी की जांच में बड़ा खुलासा सामने आया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एक स्वतंत्र एजेंसी की पड़ताल में पाया गया कि इस साल 5 मई को हुई NEET परीक्षा के कई केंद्रों पर सुरक्षा मानकों का घोर उल्लंघन हुआ था। रिपोर्ट के मुताबिक, कई केंद्रों पर अनिवार्य दो सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे और कुछ जगहों पर तो प्रश्न पत्र रखने वाले ‘स्ट्रांग रूम’ भी खुले पाए गए। वहां कोई सुरक्षा गार्ड भी नहीं थे। सेफ्टी को लेकर यह समीक्षा NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के निर्देश पर एक स्वतंत्र एजेंसी की ओर से की गई थी। NTA ही वो एजेंसी है जो NEET परीक्षा का आयोजन करती है। रिव्यू टीम ने कुल 4,000 में से 399 परीक्षा केंद्रों का दौरा किया था। यह केंद्र NTA और रिव्यू टीम ने आपसी सहमति से चुने थे। रिव्यू टीम ने 16 जून को अपनी रिपोर्ट NTA को सौंप दी थी। परीक्षा केंद्र की भौतिक सुरक्षा, परीक्षा केंद्र तक पहुंच, केंद्र पर लोगों की आवाजाही, आवश्यकतानुसार तलाशी जैसी चीजों की जांच की गई। रिव्यू टीम ने यह भी जांचा कि छात्रों को उनकी तय सीटों पर ही बैठाया गया था या नहीं।हैरानी की बात यह है कि यह रिपोर्ट परीक्षा परिणाम घोषित होने के 12 दिन बाद NTA को सौंपी गई। रिपोर्ट में क्या-क्या खुलासे हुए, जानिए आगे।
रिव्यू टीम ने पाया कि 399 में से 186 केंद्रों यानी 46 फीसदी पर प्रत्येक परीक्षा कक्ष में अनिवार्य दो सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे। NTA के नियमों के अनुसार, परीक्षा केंद्रों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की लाइव फीड दिल्ली स्थित NTA मुख्यालय में एक केंद्रीय नियंत्रण कक्ष को भेजी जानी चाहिए। वहां विशेषज्ञों की एक टीम के जरिए इसकी निगरानी की जानी चाहिए। रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि 399 में से 68 केंद्रों यानी करीब 16 फीसदी पर स्ट्रांग रूम में कोई सुरक्षा गार्ड तैनात नहीं था। नियमों के मुताबिक, प्रश्न पत्रों के वितरण तक स्ट्रांग रूम की सुरक्षा एक गार्ड के जरिए की जानी चाहिए।
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि 83 केंद्रों पर बायोमेट्रिक स्टाफ, उन कर्मचारियों से अलग था जिन्हें उन केंद्रों के लिए नामित किया गया था। इस समीक्षा का उद्देश्य परीक्षा के दिन केंद्रों पर निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन न करने या किसी भी गड़बड़ी की पहचान करना था। जैमर काम कर रहे हैं या नहीं, सभी जरूरी कमरों को कवर कर रहे हैं या नहीं। परीक्षा केंद्र की भौतिक सुरक्षा, परीक्षा केंद्र तक पहुंच, केंद्र पर लोगों की आवाजाही, आवश्यकतानुसार तलाशी जैसी चीजों की जांच की गई। रिव्यू टीम ने यह भी जांचा कि छात्रों को उनकी तय सीटों पर ही बैठाया गया था या नहीं।
यह भी देखा गया कि क्या केंद्र पर पर्याप्त संख्या में निरीक्षक, सीसीटीवी स्टाफ और अन्य आवश्यक कर्मचारी मौजूद थे या नहीं। 4 जून को लोकसभा चुनाव परिणामों के दिन NEET-UG 2024 के नतीजे घोषित होने के बाद से ही NTA आलोचनाओं का सामना कर रहा है। पहले, असामान्य रूप से बड़ी संख्या में 67 उम्मीदवारों को 720/720 पूरे मार्क्स मिले। कुछ कैंडिडेट्स को 718 या 719 अंक मिले। कुछ लोगों ने दावा किया कि परीक्षा की योजना में ये अंक संभव नहीं थे। बता दें कि वहां कोई सुरक्षा गार्ड भी नहीं थे। सेफ्टी को लेकर यह समीक्षा NTA यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के निर्देश पर एक स्वतंत्र एजेंसी की ओर से की गई थी। NTA ही वो एजेंसी है जो NEET परीक्षा का आयोजन करती है। रिव्यू टीम ने कुल 4,000 में से 399 परीक्षा केंद्रों का दौरा किया था। यह केंद्र NTA और रिव्यू टीम ने आपसी सहमति से चुने थे। रिव्यू टीम ने 16 जून को अपनी रिपोर्ट NTA को सौंप दी थी। वहीं बिहार में नीट पेपर लीक होने के आरोपों का भी सामना NTA कर रहा है, जहां राज्य पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए 13 लोगों में से चार कैंडिडेट हैं, जिन्होंने NEET की परीक्षा दी थी। इसके अलावा, गुजरात के गोधरा में दो परीक्षा केंद्र भी राज्य पुलिस की जांच के घेरे में हैं। यहां कथित तौर पर उम्मीदवारों को उनकी OMR शीट में सही उत्तर भरने में मदद की गई थी।