आज हम आपको बताएंगे कि आखिर ओम बिरला को फिर से लोकसभा अध्यक्ष क्यों बनाया गया है! राजस्थान की कोटा लोकसभा सीट से लगातार तीन बार सांसद बनने वाले ओम बिरला बीजेपी नेतृत्व की पहली पसंद बन गए हैं। लोकसभा चुनाव का परिणाम आने और मंत्रिमंडल के गठन के बाद लोकसभा अध्यक्ष के लिए कई नाम चर्चा में आए लेकिन ओम बिरला का नाम टॉप रहा। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में कई पूर्व मंत्रियों को फिर से कैबिनेट में स्थान दिया था। उससे यह साफ हो गया था कि ओम बिरला को लोकसभा अध्यक्ष की कुर्सी फिर से मिलने वाली है। इसकी बड़ी वजह यह भी थी कि बिरला के कामकाज से बीजेपी नेतृत्व पूरी तरह से संतुष्ठ था। पिछले पांच साल में सदन में कभी ऐसी नौबत नहीं आई जब सत्ता पक्ष को स्पीकर की वजह से झुकना पड़ा हो। बता सदें कि NDA के प्रत्याशी ओम बिरला के खिलाफ INDIA गठबंधन ने के. सुरेश को अपना उम्मीदवार बनाया। इसके बाद पहली बार स्पीकर पद के लिए चुनाव किया गया। लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने पर ओम बिरला के नाम एक नया रिकॉर्ड जुड़ गया है। वे देश के दूसरे ऐसे नेता बन गए हैं जो लगातार पांच साल स्पीकर रहने के बाद दूसरी बार स्पीकर बने हैं। कोटा विधान सभा सीट से विधायक 2003, पहले ही चुनाव में कद्दावर कांग्रेसी मंत्री शांति धारीवाल को 10101 वोट से हराया, कोटा दक्षिण विधान सभा सीट से विधायक 2008 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कद्दावर मंत्री राम किशन वर्मा को 24252 वोट से हरायालगातार दो बार चुने जाने और कार्यकाल पूरा करने वाले बलराम जाखड़ एकमात्र लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं। हालांकि जीएम बालयोगी, पीए संगमा जैसे दिग्गज नेता भी दो बार लोकसभा अध्यक्ष बने थे लेकिन पूरे 5-5 साल के कार्यकाल पूरे नहीं किए। बलराम जाखड़ साल 1980 से 1985 तक और 1985 से 1989 तक अपने दोनों कार्यकाल पूरे किए थे।
बिरला ने 2003 में कोटा विधानसभा सीट से अपना पहला चुनाव लड़ा और पहले ही चुनाव में कद्दावर कांग्रेसी मंत्री शांति धारीवाल को 10101 वोटों से हराया। फिर 2008 में कोटा दक्षिण विधान सभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री राम किशन वर्मा को 24252 वोट से हराया। 2013 में भी कोटा दक्षिण से चुनाव जीते। अगले साल ओम बिरला को बीजेपी ने कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से सांसद का टिकट दिया और बिरला ने कांग्रेस पार्टी से सांसद इज्यराज सिंह को 2 लाख 782 वोट से हराया। 2019 में भी बिरला इसी सीट से सांसद बने। इस बार भी यहीं से सांसद का चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे हैं।साल 2023 में राहुल गांधी लोकसभा में बोल रहे थे। उन्होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अडाणी को मित्र बताते हुए पीएम पर निशाना साधा था। इसके बाद सत्ता पक्ष ने हंगामा कर दिया था। इसके बाद जब राहुल गांधी अपने भाषण को खत्म कर सीट पर बैठे तो स्पीकर बिरला ने कहा कि ‘कोई भी बाहर यह ना कहा कहे कि स्पीकर साहब माइक बंद कर देते हैं, यह अच्छी बात नहीं है।’ इसके बाद राहुल गांधी स्पीकर बिरला की बात सुनकर फिर खड़े हुए और बोले ‘स्पीकर साहब यह बात तो सही है कि आप माइक बंद कर देते हो।’
बता दे कि जिला अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, कोटा 1987-91, प्रदेश अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, राजस्थान राज्य 1991-1997, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा 1997-2003, कोटा विधान सभा सीट से विधायक 2003, पहले ही चुनाव में कद्दावर कांग्रेसी मंत्री शांति धारीवाल को 10101 वोट से हराया, कोटा दक्षिण विधान सभा सीट से विधायक 2008 कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कद्दावर मंत्री राम किशन वर्मा को 24252 वोट से हराया
कोटा दक्षिण विधान सभा सीट से विधायक 2013, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पीसीसी महासचिव पंकज मेहता को 49439 वोट से हराया, कोटा-बूंदी लोक सभा सीट से सांसद 2014 2009 से 2014 तक कांग्रेस पार्टी से सांसद इज्यराज सिंह को वोट 2 लाख 782 वोट से हराया, लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बनने पर ओम बिरला के नाम एक नया रिकॉर्ड जुड़ गया है। वे देश के दूसरे ऐसे नेता बन गए हैं जो लगातार पांच साल स्पीकर रहने के बाद दूसरी बार स्पीकर बने हैं। लगातार दो बार चुने जाने और कार्यकाल पूरा करने वाले बलराम जाखड़ एकमात्र लोकसभा अध्यक्ष रहे हैं।कोटा-बूंदी लोक सभा सीट से सांसद 2019 वरिष्ठ कांग्रेस नेता तथा विधायक रामनारायण मीणा को 2 लाख 79 हजार वोट से हराया
कोटा-बूंदी लोक सभा सीट से सांसद 2024 भाजपा से बागी होकर कांग्रेस में शामिल हुए पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल को 42 हजार वोट से हराया, कोटा के इतिहास में वैद्य दाऊदयाल जोशी के बाद लगातार तीन विधान सभा और तीन लोक सभा चुनाव जीतने वाले पहले जनप्रतिनिधि।