आज हम आपको बताएंगे कि भारत के नए विदेश सचिव आखिर कौन होंगे! मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में देश को नया विदेश सचिव भी मिल गया है। दरअसल आज सरकार ने देश के डिप्टी NSA विक्रम मिस्री को अगला विदेश सचिव बनाने का ऐलान किया है। कार्मिक मंत्रालय ने उनके नियुक्ति का आदेश जारी करते हुए बताया कि 15 जुलाई से विक्रम मिस्त्री देश के विदेश सचिव होंगे। बता दें अभी देश के विदेश सचिव के पद पर विनय मोहन क्वात्रा हैं। हालांकि उनका कार्यकाल इस साल 30 अप्रैल को ही खत्म हो गया था लेकिन पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनका कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ा दिया था। बता दें कि विनय मोहन क्वात्रा ने साल 2022 में विदेश सचिव का कार्यकाल संभाला था। बता दें कि केंद्र सरकार ने उन्हें साल 2018 के आखिरी महीने में चीन में भारतीय राजदूत के तौर नियुक्त किया था। देश के नए विदेश सचिव का ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण मिशनों में काम किया है। जिनमें यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका में विभिन्न भारतीय मिशन शामिल थे। साल 2020 में जून में लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के दौरान विक्रम मिस्री ने दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत में हिस्सा लिया था। कार्मिक मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में डिप्टी NSA विक्रम मिस्री की विदेश सचिव के पद पर नियुक्ति को मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही डिप्टी NSA के रूप में विक्रम मिस्री के कार्यकाल को भी कम करने को मंजूरी दे दी।
विदेश सचिव भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का शीर्ष अधिकारी होता है। यह एक महत्वपूर्ण पद है और विदेश सचिव भारत की विदेश नीतियों को बनाने महत्वपूर्ण भूमिका होती है।विदेश सचिव प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर काम करते हैं ताकि भारत के राष्ट्रीय हितों को सर्वोत्तम रूप से कैसे बढ़ावा दिया जाए, इस पर रणनीति तैयार की जा सके। विदेश सचिव बनने के लिए एक IFS अधिकारी को विदेश नीति, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और कूटनीति में गहरा ज्ञान होना चाहिए।
देश के नए विदेश सचिव की घोषणा हो गई है। सरकार ने डिप्टी NSA विक्रम मिस्री को देश का अगला विदेश सचिव बनाने की घोषणा की है। मंत्रालय की तरफ से जारी आदेश के अनुसार विक्रम मिस्री 15 जुलाई से अपना कार्यभार संभालेंगे। अभी विदेश सचिव के पद पर विनय मोहन क्वात्रा हैं। जिसका कार्यकाल इसी साल 30 अप्रैल को खत्म हो गया था लेकिन सरकार ने उनका कार्यकाल 6 महीने के लिए बढ़ा दिया था। विक्रम मिस्री का जन्म 7 अप्रैल 1964 को जम्मू कश्मीर में हुआ था। उन्होंने सिंधिया स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की और ग्रेजुएशन दिल्ली के हिंदू कॉलेज से पूरा किया। उसके बाद उन्होंने एमबीए भी किया। हालांकि उसके बाद विक्रम मिस्री ने सिविल परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी और परीक्षा पास करके IFS अधिकारी बन गए। बता दें कि विक्रम मिस्री 1989 बैच के IFS अधिकारी हैं। उन्होंने विदेश मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी से लेकर डायरेक्टर तक के पद पर काम कर किया है।
देश के नए विदेश सचिव तीन प्रधानमंत्रियों के निजी सचिव के तौर पर भी काम कर चुके हैं। उन्होंने 1997 से मार्च 1998 तक इंद्र कुमार गुजराल, अक्टूबर 2012 से मई 2014 तक मनमोहन सिंह और मई 2014 से जुलाई 2014 तक पीएम नरेंद्र के निजी सचिव रहे थे। विक्रम मिस्री को चीन के मामलों का जानकार भी बताया जाता है। केंद्र सरकार ने उन्हें साल 2018 के आखिरी महीने में चीन में भारतीय राजदूत के तौर नियुक्त किया था। देश के नए विदेश सचिव का ने देश के लिए कई महत्वपूर्ण मिशनों में काम किया है। जिनमें यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तरी अमेरिका में विभिन्न भारतीय मिशन शामिल थे। साल 2020 में जून में लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सेना और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के दौरान विक्रम मिस्री ने दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत में हिस्सा लिया था।
विदेश सचिव प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर काम करते हैं ताकि भारत के राष्ट्रीय हितों को सर्वोत्तम रूप से कैसे बढ़ावा दिया जाए, इस पर रणनीति तैयार की जा सके। विदेश सचिव बनने के लिए एक IFS अधिकारी को विदेश नीति, अंतरराष्ट्रीय संबंधों और कूटनीति में गहरा ज्ञान होना चाहिए।इसके साथ ही विक्रम मिस्री यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तर अमेरिका सहित भारत के कई दूतावासों में सेवाएं दी हैं।