चीफ जस्टिस ऑफ़ इंडिया और ममता बनर्जी ने क्या कहा?

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हाल ही में एक मंच सांझा करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया और ममता बनर्जी ने एक बयान दे दिया है! पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का न्यायपालिका को दर्द सामने आया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के क्षेत्रीय सम्मेलन में हाथ जोड़कर कहा कि न्यायपालिका को राजनीतिक पूर्वाग्रहों से मुक्त होना चाहिए और शुद्ध, ईमानदार होना चाहिए। ममता बनर्जी ने जब यह टिप्पणी करते हुए प्रार्थना की तो सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) चंद्रचूड़ मंच पर मौजूद थे। बता दें कि न्यायपालिका हमारे संवैधानिक अधिकारों की संरक्षक, न्याय की किरण और हमारे लोकतांत्रिक ढांचे की आधारशिला के रूप में खड़ी है। ऐसे समय में पहले से कहीं अधिक हमें किसी भी राजनीतिक पूर्वाग्रह से मुक्त होकर, अपनी न्यायिक प्रक्रियाओं की शुद्धता और ईमानदारी को बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। ममता बनर्जी ने जजों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे अपने परिवार का हिस्सा समझें। सीजेआई ममता बनर्जी की तरफ देखने लगे। ममता बनर्जी ने जब यह टिप्पणी की तो वह काफी भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि उनका इरादा किसी को असहज करने करने का नहीं है लेकिन न्यायपालिका को पूर्वाग्रहों से मुक्त होना चाहिए। सीजेआई ममता बनर्जी की तरफ देखने लगे। ममता बनर्जी ने जब यह टिप्पणी की तो वह काफी भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि उनका इरादा किसी को असहज करने करने का नहीं है लेकिन न्यायपालिका को पूर्वाग्रहों से मुक्त होना चाहिए।ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर इस कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद लिखा है कि मुझे राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के क्षेत्रीय सम्मेलन में भाग लेने का अवसर मिला, जहां हमने समसामयिक न्यायिक विकास और हमारी न्यायपालिका की मजबूती पर सार्थक चर्चा की। भा

रत के मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ का हमारे बीच होना सौभाग्य की बात थी। न्यायपालिका हमारे संवैधानिक अधिकारों की संरक्षक, न्याय की किरण और हमारे लोकतांत्रिक ढांचे की आधारशिला के रूप में खड़ी है। ऐसे समय में पहले से कहीं अधिक हमें किसी भी राजनीतिक पूर्वाग्रह से मुक्त होकर, अपनी न्यायिक प्रक्रियाओं की शुद्धता और ईमानदारी को बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। ममता बनर्जी ने जजों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे अपने परिवार का हिस्सा समझें। सीजेआई ममता बनर्जी की तरफ देखने लगे। ममता बनर्जी ने जब यह टिप्पणी की तो वह काफी भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि उनका इरादा किसी को असहज करने करने का नहीं हैममता बनर्जी ने जजों को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे अपने परिवार का हिस्सा समझें। सीएम ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में विकास के कार्यों के कुछ केस लड़े हैं।

ममता बनर्जी ने आगे लिखा कि लोग न्यायपालिका में अत्यधिक विश्वास रखते हैं, इसे निष्पक्षता और सच्चाई के स्रोत के रूप में देखते हैं। यह वह विश्वास है जिसका हमें सम्मान और सुरक्षा करनी चाहिए। न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता, कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और जिला न्यायालयों के सम्मानित न्यायाधीशों और अन्य दिग्गजों की उपस्थिति और योगदान ने इसे सफल बनाया। पश्चिम बंगाल में पिछले दिनों ममता बनर्जी ने ओबीसी की लिस्ट रद्द करने पर कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले को मानने से इंकार कर दिया था। बता दें कि ममता बनर्जी ने जब यह टिप्पणी करते हुए प्रार्थना की तो सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ मंच पर मौजूद थे। सीजेआई ममता बनर्जी की तरफ देखने लगे। ममता बनर्जी ने जब यह टिप्पणी की तो वह काफी भावुक हो गईं। उन्होंने कहा कि उनका इरादा किसी को असहज करने करने का नहीं है लेकिन न्यायपालिका को पूर्वाग्रहों से मुक्त होना चाहिए।

ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर इस कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद लिखा है कि मुझे राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के क्षेत्रीय सम्मेलन में भाग लेने का अवसर मिला लोकसभा चुनावों में जब हाईकोर्ट के जस्टिस रहे अभिजीत गांगुली बीजेपी से चुनाव लड़े थे, तो तो ममता बनर्जी की अगुवाई की तृणमूल कांग्रेस ने काफी निशाना साधा था। ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर इस कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद लिखा है कि मुझे राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी के क्षेत्रीय सम्मेलन में भाग लेने का अवसर मिला, जहां हमने समसामयिक न्यायिक विकास और हमारी न्यायपालिका की मजबूती पर सार्थक चर्चा की। भाइतना ही नहीं पार्टी के नेताओं ने उनके द्वारा पारित किए गए आदेश को राजनीतिक करार दिया था। इनमें कई नौकरियों में धांधली से जुड़े फैसले शामिल थे।